आगरा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जनपद में मंगलवार 28 अक्टूबर से विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision–SIR) अभियान का शुभारंभ किया गया। यह अभियान जिले के सभी 3696 मतदेय स्थलों पर एक साथ संचालित होगा। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हों और कोई भी पात्र मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित न रह जाए।
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| अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम आगरा |
जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने जानकारी दी कि भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के द्वितीय चरण में देश के 12 राज्यों में यह प्रक्रिया संचालित करने का निर्णय लिया है, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। आयोग के दिशा-निर्देशों और समय-सारिणी के अनुसार यह पुनरीक्षण कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में इससे पहले वर्ष 2003 में विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण किया गया था। लगभग 22 वर्ष बाद पुनः आयोग के निर्देशानुसार यह प्रक्रिया शुरू की जा रही है। जनपद में मतदाता सूची को अधिक शुद्ध और समावेशी बनाने के उद्देश्य से यह विशेष पुनरीक्षण अभियान 28 अक्टूबर 2025, दिन मंगलवार से प्रारंभ किया गया है।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर 2025 तक तैयारी, प्रशिक्षण और गणना प्रपत्रों का मुद्रण किया जाएगा। इसके बाद 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2025 तक गणना अवधि रहेगी। इस दौरान बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित करेंगे और उन्हें भरवाकर प्राप्त करेंगे।
9 दिसम्बर 2025 को आलेख्य/ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। दावे और आपत्तियां दाखिल करने की अवधि 9 दिसम्बर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक रहेगी। नोटिस जारी करने, सुनवाई, सत्यापन, दावे और आपत्तियों के निस्तारण तथा गणना प्रपत्रों पर निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निर्णय लेने की अवधि 9 दिसम्बर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक निर्धारित की गई है। 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण को लेकर जनपद में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और बूथ लेवल अधिकारियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस अभियान में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए सभी स्तरों पर निगरानी की जा रही है।
निर्वाचन आयोग द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी मतदेय स्थल पर 1200 से अधिक मतदाता न हों। इस दिशा में मतदेय स्थलों का सत्यापन और सम्भाजन की प्रक्रिया भी इस पुनरीक्षण के दौरान पूरी की जाएगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में वर्तमान में लगभग 35,99,842 मतदाता हैं और कुल 3696 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। जनपद में 9 निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, 36 सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा 3696 बूथ लेवल अधिकारी कार्यरत हैं, जो इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इस विशेष गहन पुनरीक्षण को प्रभावी और व्यापक बनाने के लिए कल सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक का आयोजन किया गया है, ताकि उनकी सहभागिता से मतदाता सूची को अधिक सटीक और समावेशी बनाया जा सके। साथ ही, सभी तहसीलों में भी इसी प्रकार की बैठकों का आयोजन किया जाएगा ताकि गांव-स्तर तक अभियान की निगरानी की जा सके।
जिलाधिकारी ने अपील की कि सभी राजनैतिक दल, सामाजिक संगठन और मतदाता इस विशेष अभियान में सक्रिय सहयोग करें, ताकि जनपद का हर पात्र नागरिक मतदाता सूची में अपना नाम सुनिश्चित करा सके। उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग का यह प्रयास लोकतंत्र को सशक्त और भागीदारीपूर्ण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
