आगरा। भारत की सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक की सुरक्षा को मज़बूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बीच स्थित भाखड़ा बांध परियोजना की सुरक्षा जिम्मेदारी औपचारिक रूप से संभाल ली है।
सीआईएसएफ यूनिट बीडीपी नंगल का आधिकारिक अधिष्ठापन समारोह 22 अक्टूबर 2025 को आयोजित हुआ। यह समारोह भाखड़ा बांध परियोजना (BDP), नंगल में सीआईएसएफ की तैनाती की औपचारिक शुरुआत का प्रतीक बना। समारोह में सीआईएसएफ के उच्च अधिकारियों, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के प्रतिनिधियों और स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया। समारोह के साथ ही राज्य पुलिस से सीआईएसएफ को सुरक्षा का दायित्व औपचारिक रूप से सौंप दिया गया।
भाखड़ा बांध, हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले में सतलुज नदी पर स्थित है। यह एक कंक्रीट ग्रैविटी बांध है, जो गोबिंद सागर जलाशय का निर्माण करता है। इसकी ऊंचाई 226 मीटर और लंबाई 518 मीटर है, जो इसे एशिया के सबसे ऊंचे बांधों में से एक बनाती है। गोबिंद सागर जलाशय 168 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है और 9.34 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी संग्रहीत कर सकता है। यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा जलाशय है। इंदिरा सागर और नागार्जुन सागर के बाद।
यह बांध सिंचाई, जलापूर्ति और विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर भारत की जीवनरेखा माना जाता है। इसके माध्यम से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बिजली और सिंचाई का बड़ा हिस्सा सुनिश्चित होता है।
अब तक भाखड़ा बांध की सुरक्षा संबंधित राज्यों की पुलिस के हवाले थी, जिसकी निगरानी भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) करता था। लेकिन बदलते सुरक्षा परिदृश्य और आतंकी खतरों की बढ़ती आशंकाओं को देखते हुए, केंद्र सरकार ने इस परियोजना की सुरक्षा सीआईएसएफ को सौंपने का निर्णय लिया।
गृह मंत्रालय ने मई 2025 में भाखड़ा बांध पर 296 सशस्त्र सीआईएसएफ जवानों की तैनाती को मंजूरी दी थी। इन जवानों की तैनाती अब पूरी हो चुकी है। यह निर्णय बांध सुरक्षा कानून 2021 के तहत लिया गया, जो देश के प्रमुख बांधों की सुरक्षा में केंद्रीय बलों की अनिवार्य भूमिका निर्धारित करता है।
सीआईएसएफ अब बांध की दीवारों, जल द्वारों, बिजलीघरों, प्रशासनिक भवनों और सभी एंट्री पॉइंट्स पर चौबीसों घंटे निगरानी रखेगी। जवानों को आधुनिक हथियारों और निगरानी उपकरणों से लैस किया गया है।
इसके साथ ही, राज्य पुलिस को भी बांध क्षेत्र में सहायक भूमिका में रखा गया है, जो स्थानीय समन्वय और आपातकालीन स्थितियों में मदद करेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, भाखड़ा बांध न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि देश की ऊर्जा और कृषि सुरक्षा का आधार भी है। ऐसे में सीआईएसएफ की तैनाती को “राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से ऐतिहासिक निर्णय” माना जा रहा है।
यह कदम आने वाले समय में देश के अन्य बड़े बांधों और जल परियोजनाओं की सुरक्षा को भी नया आयाम दे सकता है।
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