आगरा। राष्ट्रभाषा स्वाभिमान एवं भागीरथ सेवा संस्थान द्वारा गाजियाबाद के भागीरथी संस्थान प्रेक्षागृह में आयोजित 33वें अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन में ताजनगरी की साहित्यकार रेनू 'अंशुल' को सुभद्रा कुमारी चौहान स्मृति सम्मान-2025 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें हिंदी भाषा, भारतीय संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया।
सम्मेलन के दौरान साहित्य और संस्कृति के प्रति समर्पित कई रचनाकारों को सम्मानित किया गया, जिनमें रेनू 'अंशुल' का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। मंच पर मौजूद मानस मर्मज्ञ कवि प्रोफेसर लल्लन प्रसाद, नारायण कुमार, हरी सिंह पाल और यूएसएम पत्रिका के संपादक उमाशंकर मिश्र ने उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया।
वक्ताओं ने कहा कि रेनू 'अंशुल' की रचनाधर्मिता और साहित्यिक संवेदना अनुकरणीय है। उनकी चर्चित कृति ‘गाथा पंचकन्या’ को एक कालजयी उपन्यास के रूप में साहित्य जगत में विशेष पहचान मिली है। उनके लेखन में भारतीय समाज, संस्कृति और नारी-चेतना की गहरी छाप दिखाई देती है।
साहित्यकार रेनू 'अंशुल' को सुभद्रा कुमारी चौहान स्मृति सम्मान से अलंकृत करते मानस मर्मज्ञ कवि प्रो. लल्लन प्रसाद। साथ हैं नरायण कुमार, हरी सिंह पाल एवं अन्य
इस अवसर पर रेनू 'अंशुल' के पति अंशुल अग्रवाल, जो दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आगरा से सेवानिवृत्त उच्च अधिकारी हैं, भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। सम्मेलन में बड़ी संख्या में साहित्यकारों, कवियों और पाठकों ने भाग लिया और रेनू 'अंशुल' को मिले इस सम्मान पर बधाई दी।
