आगरा। आगरा कॉलेज के द्विशताब्दी समारोह के अवसर पर ऐतिहासिक दस्तावेजों और विरासत को संरक्षित करने की घोषणा की गई। समारोह में पं. गंगाधर शास्त्री के वंशज भी शामिल हुए और उन्होंने महत्वपूर्ण दस्तावेज विश्वविद्यालय को सौंपे। अब कॉलेज में एक विशेष संग्रहालय तैयार किया जाएगा, जहां 200 वर्षों से जमा दस्तावेज और ऐतिहासिक सामग्री सुरक्षित रखी जाएगी। कॉलेज के द्विशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में शुक्रवार को महाविद्यालय की 35 बीघा भूमि पर स्थापित “गंगाधर शास्त्री मंडप” में भव्य लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह आयोजित हुआ। यह अवसर कॉलेज की दो शताब्दियों की शैक्षणिक धरोहर को नई दिशा देने वाला मील का पत्थर साबित हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री (उच्च शिक्षा) योगेंद्र उपाध्याय के आगमन पर एनसीसी यू.पी. बटालियन द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता आगरा मंडलायुक्त एवं आगरा कॉलेज प्रबंध समिति के अध्यक्ष ने की। मंच पर प्राचार्य और कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे, जिनमें सेंट जॉन्स कॉलेज और बी. जैन कॉलेज के प्राचार्य, आगरा कैंट विधायक, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, महिला आयोग की सदस्य, भाजपा महानगर अध्यक्ष और उप्र विश्वविद्यालय-महाविद्यालय महासंघ के अध्यक्ष शामिल थे।
स्वागत भाषण में प्राचार्य ने बताया कि आगरा कॉलेज की स्थापना 21 नवंबर 1823 को पंडित गंगाधर शास्त्री द्वारा की गई थी। वर्षों से अप्रयुक्त पड़ी प्राचार्य आवास के पीछे की 35 बीघा भूमि को पुनः उपयोग में लाकर बाउंड्री वॉल निर्माण और नई शैक्षणिक परियोजनाओं के शिलान्यास को महाविद्यालय की बड़ी उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा कि यह भूमि आने वाली पीढ़ियों के विद्यार्थियों और शोधार्थियों के लिए नई संभावनाओं का केंद्र बनेगी।
मुख्य अतिथि मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि आगरा कॉलेज के यह आयोजन पंडित गंगाधर शास्त्री को सच्ची श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि नए शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना न केवल महाविद्यालय बल्कि प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगी। उन्होंने युवाओं से देश निर्माण, कौशल विकास और राष्ट्रभक्ति आधारित शिक्षा पर बल दिया।
इस अवसर पर पंडित गंगाधर शास्त्री की सातवीं पीढ़ी के वंशजों का बिहार से स्वागत किया गया। उन्होंने महाविद्यालय को महत्वपूर्ण दस्तावेज सौंपे, जिन्हें प्राचार्य ने प्राप्त किया।
मंडलायुक्त ने आगरा कॉलेज के गौरवशाली इतिहास को रेखांकित करते हुए कहा कि छात्र शिक्षकों से प्रेरणा लेते हैं और शिक्षक उन्हें सही दिशा देने का दायित्व निभाएं। उन्होंने कौशल विकास, सकारात्मक ऊर्जा, लक्ष्य साधना और नैतिक मूल्यों को सफलता की आधारशिला बताया।
समारोह में छात्रों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी, जिनमें शिव तांडव और भारतीय सांस्कृतिक एकता पर आधारित समूह नृत्य को विशेष सराहना मिली। कार्यक्रम में महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका “वाणी” के द्विशताब्दी वर्ष विशेषांक का विमोचन भी किया गया।
मुख्य अतिथि द्वारा जिन प्रमुख परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया, उनमें आचार्य चाणक्य परीक्षा भवन, गणेश शंकर विद्यार्थी पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययन संस्थान, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर विदेशी भाषा अध्ययन केंद्र, पं. गंगाधर शास्त्री प्राच्य विद्या एवं संस्कृति अध्ययन केंद्र, डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक न्याय अध्ययन केंद्र, ब्रज कौशलधाम कौशल विकास संस्थान, यूजीसी-एचआरडी अकादमिक स्टाफ कॉलेज तथा आगरा कॉलेज अतिथि गृह शामिल हैं।
कार्यक्रम में उपप्राचार्य, प्राध्यापक, शिक्षक-कर्मचारी और छात्र-छात्राओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। प्राचार्य ने अतिथियों, जनप्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों, नागरिकों और महाविद्यालय के सभी सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह का संचालन संयुक्त रूप से डॉ. शशिकांत पांडे और प्रो. शैफाली चतुर्वेदी ने किया।
कार्यक्रम के दौरान करहरी ग्राम, जिला गया (बिहार) से पंडित गंगाधर शास्त्री के परिवार के सदस्य महाविद्यालय पहुँचे और उन्हें सम्मानपूर्वक स्वागत किया गया।
#AgraCollege #BicentennialCelebration #GangaDharShastriMandap #AcademicMilestone #CulturalEvents #EducationLegacy #AgraNews #HigherEducation #VaniMagazine #NewProjects


.jpeg)
.jpeg)

.jpeg)

