आगरा। जिले में निराश्रित गोवंशों के संरक्षण और उनके लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने की। इसमें नगर निगम, पशुपालन विभाग, पंचायती राज, ग्रामीण विकास और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
पौष्टिक आहार, सुरक्षित आवास और चिकित्सा को प्राथमिकता
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गो आश्रय स्थलों में रहने वाले गोवंश को पौष्टिक आहार, स्वच्छ पीने का पानी, सुरक्षित आवास और नियमित चिकित्सा मिलनी चाहिए। इस दौरान सभी अधिकारियों ने इन सुविधाओं को यथासंभव सर्वोच्च स्तर पर लागू करने की शपथ भी ली।
जिलाधिकारी ने कहा—
“निराश्रित गोवंश समाज की जिम्मेदारी है और उन्हें सम्मानजनक वातावरण देना हमारा कर्तव्य है। कोई भी आश्रय स्थल लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।”
गोशालाओं में सीसीटीवी की व्यवस्था होगी अनिवार्य
बैठक में तय किया गया कि सभी गो आश्रय स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि हर समय निगरानी सुनिश्चित हो सके। इससे आहार, देखभाल और पशुओं की सुरक्षा से जुड़े कार्यों पर बेहतर नियंत्रण किया जा सकेगा।
किसानों के साथ एमओयू—गोवंश को मिलेगा हरा चारा
गोवंश को नियमित हरा चारा उपलब्ध कराने के लिए किसानों से समझौता (MoU) करने की दिशा में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने बताया कि—
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जिन क्षेत्रों में बड़े स्तर पर पशु आश्रय स्थल संचालित हो रहे हैं,
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वहां आसपास के किसानों से हरी चारे की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी,
ताकि चारा का संकट न उत्पन्न हो और आहार की गुणवत्ता भी बढ़ाई जा सके।
पशु चिकित्सकों की नियमित ड्यूटी और निरीक्षण
बैठक में गो आश्रय स्थलों पर पशु चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि—
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चिकित्सक तय समय पर आश्रय स्थल जाएं,
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बीमार पशुओं का तुरंत इलाज हो,
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चिकित्सा रिकॉर्ड ऑनलाइन अपडेट किया जाए।
गोवंश की सतत निगरानी—साप्ताहिक समीक्षा भी होगी
सभी अधिकारियों को बताया गया कि पूरी प्रक्रिया की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि गोवंश संरक्षण योजनाओं में देरी, लापरवाही या संसाधन कमी किसी भी स्तर पर स्वीकार नहीं की जाएगी।
अवैध रूप से गोवंश छोड़ने वालों पर कार्रवाई
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा गोवंश छोड़ने की घटनाओं को रोकने के लिए
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निगरानी बढ़ाई जाएगी,
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सीसीटीवी और फील्ड स्टाफ की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी का संदेश—यह सिर्फ सरकारी दायित्व नहीं
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कहा कि गोवंश संरक्षण केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने नगर निगम, ग्राम प्रधानों, आश्रय स्थल प्रबंधकों और समाजसेवियों से इसमें सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।
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