आगरा। विकास प्राधिकरण (आविप्रा) की महत्वाकांक्षी रायपुर-रहनकलां योजना अब धरातल पर उतरने लगी है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत शामिल इस मेगा प्रोजेक्ट में 442 हेक्टेयर क्षेत्र में अत्याधुनिक आवासीय, वाणिज्यिक और हरित विकास क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। किसानों को अब तक ₹380 करोड़ का मुआवज़ा दिया जा चुका है और 7 नवम्बर 2025 को लगभग 100 हेक्टेयर भूमि का कब्ज़ा लेकर योजना के क्रियान्वयन की दिशा में बड़ा कदम बढ़ाया गया है।
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत शामिल रायपुर-रहनकला योजना में आगरा विकास प्राधिकरण (आविप्रा) ने भूमि अधिग्रहण की दिशा में अहम कदम बढ़ाया है। कुल 442 हेक्टेयर क्षेत्रफल वाली इस योजना में अब तक किसानों की सहमति के आधार पर 348 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। इस भूमि के लिए एस.एल.ए.ओ. कार्यालय आगरा के माध्यम से ₹380 करोड़ की धनराशि (वार्षिकी सहित) चार गुना मुआवजे के रूप में किसानों को वितरित की जा चुकी है।
प्राधिकरण द्वारा भूमि का भौतिक कब्जा प्राप्त करने के लिए 6 नवंबर 2025 को सर्वे कराया गया था, जिसके आधार पर 7 नवंबर को रणनीति बनाते हुए संयुक्त टीमों ने कार्रवाई की। संयुक्त सचिव, आगरा विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता में प्राधिकरण टीम, एसीपी की अध्यक्षता में पुलिस टीम और एसडीएम-एत्मादपुर की अध्यक्षता में राजस्व टीम मौके पर पहुंची। सभी टीमों के समन्वय और किसानों की सहमति से लगभग 100 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा प्राप्त कर लिया गया।
बताया गया कि इस परियोजना की स्वीकृति आविप्रा की 150वीं बोर्ड बैठक में 13 अक्टूबर 2025 को प्रदान की जा चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि यह भूमि शहर के समग्र विकास और आगामी विस्तार योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। इससे आवासीय, व्यावसायिक और अवसंरचनात्मक विकास की दिशा में नई संभावनाएं खुलेंगी।
आगरा विकास प्राधिकरण के अनुसार, मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना का उद्देश्य शहरों के संतुलित और योजनाबद्ध विकास को गति देना है। रायपुर-रहनकला योजना इसी कड़ी में एक बड़ा कदम है, जो आगरा के भविष्य के विस्तार का आधार बनेगी।
शहर के विकास को नई गति देने वाली रायपुर-रहनकलां आवासीय योजना आगरा के भविष्य की दिशा तय करने वाली सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक बनकर उभरी है। मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के अंतर्गत शामिल यह योजना कुल 442 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैली है और इसका संचालन आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) द्वारा किया जा रहा है। यह योजना आगरा के पूर्वी हिस्से में शहरी विस्तार की अवधारणा को साकार करेगी, जहाँ आवास, व्यापार, हरित क्षेत्र और आधारभूत ढांचे का संतुलित विकास होगा।
प्राधिकरण द्वारा अब तक किसानों की सहमति के आधार पर 348 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है, जिसके एवज में ₹380 करोड़ की धनराशि किसानों को मुआवज़े के रूप में वितरित की जा चुकी है। यह मुआवज़ा सर्किल रेट के चार गुने की दर से दिया गया है, जिसमें वार्षिकी का प्रावधान भी शामिल है, ताकि किसानों की दीर्घकालिक आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सके।
योजना पर एक नजर
रायपुर-रहनकलां योजना का खाका 2019 में प्रारंभिक रूप से तैयार किया गया था, जब आगरा में तेजी से बढ़ती आबादी और सीमित आवासीय क्षेत्र को देखते हुए शहरी विस्तार की आवश्यकता महसूस की गई। वर्ष 2021 में मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत इसे आधिकारिक स्वीकृति दी गई, और 2025 की 150वीं बोर्ड बैठक (13 अक्टूबर 2025) में भूमि हस्तांतरण और जन-आउट लेआउट को अंतिम स्वीकृति प्रदान की गई।
इस योजना का उद्देश्य न केवल आवासीय भूखंड उपलब्ध कराना है, बल्कि आगरा को एक संतुलित, हरित और आधुनिक शहर के रूप में विकसित करना है। योजना के अंतर्गत पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए सड़क, जल निकासी, सीवरेज, पार्क, सामुदायिक भवन, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और सार्वजनिक परिवहन की सुलभता जैसी सभी सुविधाओं का समावेश किया गया है।
रायपुर-रहनकलां योजना को पांच प्रमुख विकास ज़ोन में बाँटा गया है:
आवासीय क्षेत्र:
यहाँ मध्यम वर्ग और उच्च मध्यम वर्ग के लिए आधुनिक आवासीय प्लॉट और ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएँ प्रस्तावित हैं। प्रत्येक सेक्टर में पार्क, बच्चों के खेलने की जगह, सामुदायिक केंद्र और दैनिक जरूरतों की दुकानों की सुविधा होगी।
वाणिज्यिक ज़ोन:
योजना में एक सेंट्रल बिज़नेस डिस्ट्रिक्ट (CBD) की अवधारणा रखी गई है, जहाँ मल्टीस्टोरी कॉम्प्लेक्स, मॉल, ऑफिस स्पेस और टेक्नोलॉजी हब विकसित किए जाएंगे। यह क्षेत्र स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न करेगा।
संस्थानिक ज़ोन:
रहनकलां क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य केंद्र, शोध प्रयोगशालाएँ और व्यावसायिक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना की जाएगी, जिससे क्षेत्र को शैक्षिक और चिकित्सा हब के रूप में भी विकसित किया जा सके।
ग्रीन बेल्ट और मनोरंजन ज़ोन:
लगभग 15 प्रतिशत भूमि हरित क्षेत्र के लिए आरक्षित रखी गई है, जिसमें वॉकिंग ट्रैक, झीलनुमा जलाशय और ओपन एयर थिएटर जैसी सुविधाएँ प्रस्तावित हैं।
परिवहन एवं कनेक्टिविटी:
योजना में 30 मीटर, 45 मीटर और 60 मीटर चौड़ी सड़कों का जाल बिछाया जाएगा। मुख्य सड़कें NH-19 (दिल्ली-कानपुर हाईवे) और प्रस्तावित इनर रिंग रोड से जोड़ी जाएंगी, जिससे आगरा के विभिन्न हिस्सों तक निर्बाध आवागमन सुनिश्चित होगा।
ये होगा लाभ
आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि इस योजना से शहर के विकास का एक नया मानक स्थापित होगा। अभी तक शहर का विस्तार पश्चिम और दक्षिण दिशा में सीमित था, लेकिन अब पूर्वी दिशा में भी सुनियोजित विस्तार होगा।
यह क्षेत्र आगरा-कानपुर हाइवे और यमुना एक्सप्रेसवे के करीब होने से रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे आगरा में निवेश, रोजगार और पर्यटन के नए अवसर पैदा होंगे।
ये भी होंगे विकसित
प्राधिकरण की मास्टर प्लान रिपोर्ट के अनुसार:
योजना क्षेत्र में स्मार्ट रोड लाइटिंग सिस्टम, सीसीटीवी निगरानी और स्मार्ट ड्रेनेज नेटवर्क विकसित होगा।
वर्षा जल संचयन और सौर ऊर्जा आधारित स्ट्रीट लाइटों का उपयोग किया जाएगा।
प्रमुख सड़कों पर ई-बस रूट और साइकिल ट्रैक बनाए जाएंगे।
सामुदायिक केंद्रों में डिजिटल लाइब्रेरी और ई-गवर्नेंस सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
निर्माण कार्य 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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