आगरा। दुनिया के सात अजूबों में शामिल और भारत की पहचान बन चुका ताजमहल एक बार फिर सुर्खियों में है। वजह इस बार स्मारक की खूबसूरती नहीं, बल्कि नियमों की अनदेखी है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक युवक ताजमहल के गार्डन में नमाज़ अदा करता हुआ नजर आ रहा है। यह वीडियो गुरुवार का बताया जा रहा है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था और पुरातत्व विभाग (एएसआई) की निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
एएसआई के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के अनुसार ताजमहल परिसर में किसी भी प्रकार की धार्मिक गतिविधि, पूजा या नमाज़ अदा करना सख्त रूप से प्रतिबंधित है। ताजमहल एक संरक्षित स्मारक है, जहां पर्यटकों और आम नागरिकों के लिए धार्मिक आयोजन की अनुमति नहीं दी जाती। इसके बावजूद इस तरह की घटना का होना न केवल नियमों की अनदेखी है, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में एक युवक को ताजमहल के हरे-भरे गार्डन क्षेत्र में बैठकर नमाज़ अदा करते देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो गुरुवार को किसी पर्यटक ने बनाया था और बाद में इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड कर दिया गया। वीडियो वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन और एएसआई के अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया है।
योगी यूथ ब्रिगेड ने जताई नाराजगी, की कड़ी कार्रवाई की मांग
घटना के सामने आने के बाद योगी यूथ ब्रिगेड ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अजय तोमर ने कहा कि जब ताजमहल में जलाभिषेक, आरती या किसी अन्य धार्मिक अनुष्ठान की अनुमति नहीं है, तो नमाज़ पढ़ना भी नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो यह भविष्य में सांप्रदायिक सौहार्द के लिए खतरा बन सकता है।
अजय तोमर ने यह भी कहा कि यह वीडियो ऐसे समय में सामने आया है जब ‘द ताज स्टोरी’ नामक फिल्म, जो ताजमहल के इतिहास पर आधारित है, रिलीज हुई है। ऐसे में इस तरह का वीडियो वायरल होना या इस प्रकार की गतिविधि होना सामाजिक सौहार्द और शांति को भंग करने की साजिश भी हो सकती है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि वीडियो की जांच कर संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
एएसआई और प्रशासन ने जांच शुरू की
एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें वायरल वीडियो की जानकारी मिल चुकी है और इसकी सत्यता की जांच की जा रही है। ताजमहल परिसर में सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस की तैनाती रहती है। अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि वीडियो कब शूट हुआ और उस समय ड्यूटी पर कौन-कौन कर्मचारी मौजूद थे।
एएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ताजमहल एक विश्व धरोहर स्थल है। यहां किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है। यदि वीडियो सत्य पाया जाता है तो संबंधित व्यक्ति पर भारतीय पुरातत्व अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
यह घटना ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर फिर सवाल खड़े करती है। हाल के वर्षों में कई बार ताज परिसर में फोटोशूट, धार्मिक अनुष्ठान या राजनीतिक स्टंट के मामले सामने आ चुके हैं। हर बार एएसआई और पुलिस की सतर्कता पर उंगलियां उठी हैं। स्थानीय लोग कहते हैं कि ताजमहल जैसी संवेदनशील जगह पर ऐसे मामलों का बार-बार होना लापरवाही को दर्शाता है।घटना के बाद से शहर में चर्चा गर्म है।
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