आगरा। हिन्दी न्यूज। टूडे न्यूजट्रैक। उत्तर प्रदेश।
स्वच्छता की नई मिसाल बना आगरा : देश के टॉप-10 शहरों में शामिल, उत्तर प्रदेश में मिला दूसरा स्थान
जेड गोल्ड पाने वाला प्रदेश का पहला नगर निगम
बना आगरा, फाइव स्टार रेटिंग भी मिली
आगरा।स्वच्छ सर्वेक्षण-2024 के नतीजों ने आगरा नगर निगम को गौरव और देशभर में सम्मान दिलाया है। कभी 85वें स्थान पर रहा आगरा अब देश के टॉप-10 स्वच्छ शहरों में शुमार हो गया है। यही नहीं, उत्तर प्रदेश में यह दूसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित हुआ है। भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट में यह साफ हो गया कि आगरा नगर निगम ने न सिर्फ रैंकिंग में जबरदस्त छलांग लगाई है, बल्कि देश में जेड गोल्ड प्रमाणन पाने वाला प्रदेश का पहला नगर निगम बन गया है।
देश में 85 से 10वें नंबर पर पहुंचा आगरा
स्वच्छता के क्षेत्र में आगरा ने बीते वर्षों के मुकाबले ऐतिहासिक सुधार किया है। 2023 में जहां देश में आगरा का रैंक 85वां था, वहीं 2024 में सीधा 10वें पायदान पर आ गया। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में आगरा ने देशभर में यह स्थान प्राप्त किया। वहीं उत्तर प्रदेश में 12वें स्थान से छलांग लगाकर दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
जनभागीदारी और नवाचार बना सफलता की कुंजी
इस शानदार प्रदर्शन के पीछे नगर निगम की कार्यशैली, जनता की भागीदारी, अवेयरनेस कैंपेन और ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली की बड़ी भूमिका रही है। शहर के 100 वार्डों में सफाई अभियान, घर-घर कूड़ा कलेक्शन, वैज्ञानिक तरीके से कचरा निस्तारण और प्लांट्स की प्रभावी निगरानी ने आगरा को देश की अग्रणी सूची में लाकर खड़ा कर दिया।
जेड गोल्ड सर्टिफिकेट पाने वाला पहला नगर निगम
आगरा नगर निगम को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार से “जेड गोल्ड (Zero Effect Zero Defect)” सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ है। यह सर्टिफिकेट उन संस्थाओं को दिया जाता है, जो पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव डालते हुए त्रुटिरहित सेवा प्रदान करती हैं। आगरा का “काउ डंग टू कंपोस्ट प्लांट” इस मानक पर पूरी तरह खरा उतरा।
कचरा प्रबंधन बना सफलता की रीढ़
1200 टन कूड़े के निस्तारण के लिए शहर में दर्जनों कलेक्शन सेंटर बनाए गए।
गोबर से खाद बनाकर “वेस्ट टू वेल्थ” मॉडल को अपनाया गया।
कुबेरपुर वेस्ट मैनेजमेंट सिटी में प्रतिदिन 100 टन गोबर से जैविक खाद तैयार हो रही है, जो शहर के पार्कों, डिवाइडरों और हरित क्षेत्रों में इस्तेमाल हो रही है।
प्लांट और इनोवेशन से बढ़ी रैंकिंग
- प्लास्टिक रिसाइक्लिंग प्लांट : प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग कर उपयोगी वस्तुएं बनाई जा रही हैं।
- वेस्ट टू एनर्जी प्लांट : लगभग बनकर तैयार यह संयंत्र 15 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगा।
- इंजीनियर्ड लैंडफिल : गैर-रीसाइकिलेबल कचरे को वैज्ञानिक रूप से डंप किया जाएगा।
- CD & CND प्लांट : निर्माण मलबे को रिसाइकिल कर दोबारा उपयोगी बनाया जाएगा।
- 10 एकड़ का बफर जोन : लैंडफिल साइट के पास हरियाली वाला प्राकृतिक कवच तैयार किया जा रहा है।
यह रहे प्रमुख आंकड़े (2024)
मापदंड |
प्रतिशत |
घर-घर कचरा संग्रहण |
98% |
कचरा अलग करना (सेग्रेगेशन) |
82% |
वेस्ट प्रोसेसिंग |
92% |
डंपसाइट सुधार |
100% |
आवासीय स्वच्छता |
100% |
बाजारों की स्वच्छता |
100% |
जलाशयों की स्वच्छता |
100% |
अब तक की रैंकिंग पर नजर
वर्ष |
देश में रैंक |
यूपी में रैंक |
2020 |
16 |
2 |
2021 |
24 |
3 |
2022 |
23 |
6 |
2023 |
83 |
12 |
2024 |
10 |
2 |
कुल मार्किंग व स्कोर (2024)
- कुल प्रतियोगिता अंक: 12,500
- प्राप्त अंक: 11,532
- प्रतिशत: 92.2%
- GFC (गार्बेज फ्री सिटी): फाइव स्टार रेटिंग
- वाटर प्लस: 1200 अंक
राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाह और नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल को यह सम्मान प्रदान किया।
"यह केवल नगर निगम की उपलब्धि नहीं, बल्कि हर आगरावासी की सफलता है। सफाई के प्रति जागरूकता, तकनीकी नवाचार और जनभागीदारी ने मिलकर यह बदलाव संभव किया है। हमारा अगला लक्ष्य टॉप-3 में पहुंचना है। अंकित खंडेलवाल, नगर आयुक्त आगरा
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