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मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना की समीक्षा बैठक करते कमिश्नर शैलेन्द्र कुमार सिंह |
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना की समीक्षा बैठक: मण्डलायुक्त ने जताई नाराजगी, बैंक प्रतिनिधियों को लगाई कड़ी फटकार
लक्ष्य से काफी पीछे रहा प्रदर्शन, लंबित आवेदनों का त्वरित निस्तारण और ऋण वितरण के दिए निर्देश
आगरा, 4 जून 2025
टूडे न्यूजट्रैक डेस्क:मण्डलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को आयुक्त सभागार में मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान योजना की प्रगति की समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सरकारी व निजी बैंक प्रतिनिधियों के साथ योजना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई, जिसमें योजना की धीमी गति और गंभीर लापरवाही पर कमिश्नर ने तीव्र नाराजगी व्यक्त की।
संयुक्त आयुक्त उद्योग अनुज कुमार ने जानकारी दी कि इस योजना के तहत 2025-26 सत्र में लगभग 1.5 लाख युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके अंतर्गत 10 हजार लाभार्थियों को बैंकों के माध्यम से ऋण वितरित किया जाना है।
प्रमुख बैंकों का खराब प्रदर्शन, मण्डलायुक्त ने जताई सख्त नाराजगी
समीक्षा के दौरान पाया गया कि एसबीआई, कैनरा बैंक, यूनियन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। इन बैंकों द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 20-30% तक ही प्रगति दिखाई गई है। विशेष रूप से एसबीआई द्वारा आधे से अधिक आवेदन निरस्त कर दिए गए, जिस पर मण्डलायुक्त ने कड़ी नाराजगी जताई और इसे सरकार की योजना के प्रति असंवेदनशील रवैया करार दिया।
अन्य जिलों में आवेदन संख्या कम, कुछ बैंकों की प्रगति सीमित
आगरा जिले में यूनियन बैंक, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और बैंक ऑफ इंडिया का प्रदर्शन अपेक्षाकृत बेहतर रहा, लेकिन अन्य जिलों में ये बैंक भी लक्ष्य से बहुत पीछे हैं। इंडियन बैंक के बेहद कमजोर प्रदर्शन पर आयुक्त ने बैंक के एमडी को पत्र लिखने के निर्देश दिए। वहीं यूको बैंक के प्रतिनिधि बैठक में अनुपस्थित रहे, जिनके विरुद्ध नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए।
निजी बैंकों की उदासीनता पर चेतावनी
निजी बैंकों की समीक्षा में आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक की भागीदारी अत्यंत निराशाजनक रही। इन बैंकों द्वारा ऋण वितरण लगभग शून्य रहा। पिछले वर्ष भी इन बैंकों का सहयोग ना के बराबर रहा, जिस पर मण्डलायुक्त ने सख्त लहजे में चेतावनी दी कि यदि आगे भी ये बैंक गंभीरता नहीं दिखाते हैं तो सरकारी सहयोग से वंचित किया जाएगा।
सख्त निर्देश: 15 दिन में सुधार नहीं तो कार्रवाई
बैठक के अंत में मण्डलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह ने निर्देश दिए कि
- ब्लॉक, तहसील और ग्राम पंचायत स्तर पर कैंप आयोजित कर प्रचार-प्रसार किया जाए
- अधिकतम आवेदनों को स्वीकृति प्रदान कर ऋण वितरण सुनिश्चित किया जाए
- लंबित आवेदनों का त्वरित निस्तारण किया जाए
- 15 दिनों में प्रदर्शन में सुधार लाना अनिवार्य है
मण्डलायुक्त ने स्पष्ट कहा कि 15 दिन बाद दोबारा समीक्षा की जाएगी, और जिन बैंकों का प्रदर्शन खराब रहेगा उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों और बैंक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए हरसंभव प्रयास करें।
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