agra news 2025 : छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य दिवस : आगरा से निकली 1253 किलोमीटर लंबी गरुड़ झेप यात्रा

आगरा।गरुड़ क्षेप यात्रा। टूडे। न्यूजट्रैक। हिन्दी ।समाचार।

गरुड़ झेप यात्रा का शुभारंभ करते प्रदेश के उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री आशीष शेलार व अन्य
17 अगस्त 1666 भारतीय इतिहास का वह दिन है, जब मराठा साम्राज्य के संस्थापक और हिंदवी स्वराज्य के प्रणेता छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपनी बुद्धिमत्ता, कार्यकुशलता और अदम्य साहस से मुगल सम्राट औरंगजेब की कैद से खुद को मुक्त कराया। आगरा के किले में महीनों तक कैद रहने के बाद जब शिवाजी महाराज अपने पुत्र संभाजी के साथ हजारों सैनिकों की निगरानी को धता बताकर सुरक्षित बाहर निकल आए, तो पूरे भारत में उनके शौर्य की गूंज सुनाई दी।

इसी स्मृति को जीवंत करने के लिए उनके सेनापतियों के 14वें वंशज हर वर्ष आगरा से लेकर राजगढ़ (महाराष्ट्र) तक गरुड़ झेप यात्रा का आयोजन करते हैं। यह यात्रा न केवल ऐतिहासिक स्मरण है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने वाला सामाजिक-सांस्कृतिक अभियान भी है।

लाल किला शिवाजी प्रतिमा से शुरू हुई यात्रा

आगरा का लाल किला, जहां शिवाजी महाराज कभी औरंगजेब की कैद में रहे थे, वहीं उनकी प्रतिमा के सामने से इस वर्ष भी गरुड़ झेप यात्रा की शुरुआत की गई।यात्रा का प्रारंभ अत्यंत भव्य रहा। ढोल-नगाड़ों की गूंज, मराठी पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन और "जय भवानी-जय शिवाजी" के नारों से पूरा वातावरण शिवमय हो उठा। इस मौके पर 1000 धावक और 100 साइकिल सवारों ने हिस्सा लिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देते मराठी कलाकार

आरबीएस कॉलेज में हुआ भव्य आयोजन

यात्रा शुभारंभ के बाद आरबीएस कॉलेज के कृष्ण राव पाल ऑडिटोरियम में विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें मराठी कलाकारों ने शिवाजी महाराज के जीवन प्रसंगों पर युद्धकला आधारित नृत्य-नाटक प्रस्तुत किए। तलवारबाजी, लाठी चलाना, घुड़सवार योद्धाओं की वीरता का मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों को ऐसा अनुभव कराया, मानो वे 17वीं शताब्दी के युद्धभूमि में मौजूद हों।

नेताओं और मंत्रियों की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम का शुभारंभ उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक मंत्री आशीष शेलार, महाराष्ट्र के विधायक राहुल दादा, और शिवाजी के सेनापति वंशजों की उपस्थिति में हुआ।योगेंद्र उपाध्याय ने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब जैसे क्रूर शासक की कैद से निकलकर यह सिद्ध कर दिया था कि अन्याय, अत्याचार और छल का अंत केवल शौर्य, धैर्य और नीति से होता है। दुर्भाग्य यह है कि इतिहास की किताबों में हमें यह पढ़ाया ही नहीं गया कि हमारे शिवाजी और हमारे राणा कितने महान थे।”

आशीष शेलार ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से घोषणा करते हुए कहा कि जल्द ही 17 अगस्त को ‘शौर्य प्रेरणा दिवस’ घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह दिन सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए गौरवशाली है।

शिवाजी स्मारक और संग्रहालय बनेगा आगरा में

योगेंद्र उपाध्याय ने बड़ा ऐलान किया कि आगरा के कोठी मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी की स्मृति में भव्य संग्रहालय और 100 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह संग्रहालय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। इसमें शिवाजी महाराज की वीरता, युद्ध कौशल और स्वराज स्थापना के प्रसंगों से संबंधित चित्र, मूर्तियां और डिजिटल डिस्प्ले लगाए जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार इस योजना पर 9 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।

गरुड़ झेप यात्रा के कार्यक्रम में मौजूद लोगों की भीड़

शिवाजी प्रतिमा का 101 किलों के जल से जलाभिषेक

लाल किला स्थित शिवाजी प्रतिमा का जलाभिषेक एक अद्वितीय दृश्य रहा। देशभर के 101 किलों से लाए गए जल को मिलाकर प्रतिमा का अभिषेक किया गया। यह शिवाजी महाराज के गौरवशाली साम्राज्य और उनके दुर्गों के महत्व की प्रतीकात्मक प्रस्तुति थी।

मराठी कलाकारों ने दिखाई युद्ध कला

कार्यक्रम के दौरान मराठी कलाकारों ने पारंपरिक युद्धकला का अद्भुत प्रदर्शन किया। तलवार और ढाल की भिड़ंत, भाले और लाठियों का कौशल, और महिलाओं द्वारा दिखाया गया योद्धा रूप दर्शकों को रोमांचित कर गया। खास बात यह रही कि गोवा से आई महिला कलाकारों ने मंच पर जोश और शौर्य के साथ युद्धकला प्रस्तुत की।

यात्रा का मार्ग और ऐतिहासिक महत्व

गरुड़ झेप यात्रा आगरा से शुरू होकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के 78 शहरों से गुजरते हुए 1253 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा संयोजक मारुति आभा गोले ने बताया कि पहली बार इस यात्रा को पूरा करने में 35 दिन लगे थे और तब उनका वजन 22 किलो कम हो गया था। उन्होंने कहा कि यह केवल शारीरिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक और आध्यात्मिक तपस्या भी है।

78 वर्षीय महिला का संकल्प

इस बार यात्रा की विशेष आकर्षण बनीं 78 वर्षीय मराठी बुजुर्ग महिला, जिन्होंने संकल्प लिया है कि वे साइकिल से पूरा 1300 किलोमीटर सफर तय करेंगी। उनकी लगन और शिवाजी के प्रति श्रद्धा ने पूरे आयोजन को और प्रेरणादायी बना दिया।

समर्थ गुरु रामदास संस्थान का स्वागत

गरुड़ झेप यात्रा का स्वागत समर्थ गुरु रामदास एवं छत्रपति शिवराय प्रतिष्ठान संस्था ने पारंपरिक मराठी रीति से किया। संस्था के अध्यक्ष डॉ. वात्सल्य उपाध्याय ने कहा यह यात्रा केवल स्मृति दिवस नहीं है, बल्कि यह हिंदुत्व और स्वराज की उस ज्योति को पुनः प्रज्वलित करने का अभियान है, जो शिवाजी महाराज ने चार सौ वर्ष पहले जलाया था।”

शिवाजी के सेनापति वंशजों की सहभागिता

इस अवसर पर महाराष्ट्र से आए शिवाजी महाराज के सेनापति वंशजों का दल भी मौजूद रहा। लगभग 100 सदस्यीय टीम ने नारे लगाते हुए यात्रा का हिस्सा बनना गर्व का क्षण बताया।

अपना संबोधन देते प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय

क्यों खास है 17 अगस्त का दिन

17 अगस्त 1666 को शिवाजी महाराज ने औरंगजेब के हजारों सैनिकों को धोखा देकर आगरा की कैद से निकलने की योजना बनाई। इतिहासकारों के अनुसार, उन्होंने साधुओं और व्यापारियों के लिए भेजी जाने वाली टोकरी में छिपकर बाहर निकलने का चमत्कारिक प्रयास किया। यह घटना केवल मुगलों के अहंकार को तोड़ने वाली नहीं थी, बल्कि यह भारतवासियों के आत्मविश्वास का प्रतीक भी बनी।

शिवाजी और औरंगजेब – एक ऐतिहासिक संघर्ष

शिवाजी महाराज और औरंगजेब का टकराव भारतीय इतिहास में दो विपरीत विचारधाराओं की भिड़ंत था। जहां औरंगजेब साम्राज्य विस्तार और धार्मिक कट्टरता का प्रतीक था, वहीं शिवाजी महाराज स्वराज, धार्मिक सहिष्णुता और लोककल्याणकारी शासन के प्रतीक बने। यही कारण है कि शिवाजी का नाम आज भी भारत के करोड़ों लोगों के हृदय में वीरता और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक के रूप में गूंजता है।

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Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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