AGRA UNIVERSITY CONVOCATION NEWS: दीक्षांत औपचारिकता नहीं, ज्ञान,अनुशासन और संस्कार का उत्सव, विज्ञान तकनीक शोध के लिए ग्रांट बढ़ाएं: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

आगरा। हिन्दी न्यूज। टूडे। न्यूजट्रैक।उत्तर प्रदेश। समाचार।

डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के 91वां दीक्षांत समारोह को संबोधित करतीं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल

आगरा | उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा का 91वां दीक्षांत समारोह छत्रपति शिवाजी मंडपम, खंदारी परिसर में आयोजित हुआ। राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि ज्ञान, अनुशासन और संस्कार का उत्सव है; विश्वविद्यालयों को विज्ञान व तकनीकी शोध के लिए ग्रांट बढ़ाने और उसे पूर्णतः उपयोग करने की दिशा में ठोस पहल करनी होगी



राष्ट्रगीत और कुलगीत से हुआ शुभारंभ

खंदारी परिसर पहुंचने पर राज्यपाल का कुलपति प्रो. आशु रानी, कुलसचिव अजय मिश्रा, कार्यपरिषद व विद्या परिषद के सदस्यों ने पुष्पगुच्छ व उत्तरीय देकर स्वागत किया। मुख्य मंच पर आगमन के उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ की सुमधुर ध्वनि से हुआ, तत्पश्चात विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया। इसके बाद कुलपति प्रो. आशु रानी ने स्वागत संबोधन देते हुए शिक्षा क्षेत्र में विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्य, नवाचार और प्रगति विवरण प्रस्तुत किए।समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश, निदेशक, इंडिया हैवीवेट सेंटर उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय तथा राज्यमंत्री (उच्च शिक्षा) रजनी तिवारी मौजूद रहे।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के साथ डिग्रीधारक मेधावी स्टूडेंट्स

117 पदक और 144 पीएचडी उपाधियाँ बांटी

कृषि, विज्ञान, कला, वाणिज्य आदि संकायों के अन्तर्गत कुल 117 पदक प्रदान किए गए 76 पदक छात्राओं और 41 पदक छात्रों को। शोध कार्य हेतु 144 पीएचडी उपाधियाँ प्रदान की गईं, जिनमें 80 छात्र और 64 छात्राएँ शामिल रहीं। राज्यपाल ने बटन दबाकर सत्र 2024–25 की सभी डिग्रियाँ डिजीलॉकर पोर्टल पर अपलोड कराई।

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सम्मानित करतीं राज्यपाल

उत्कृष्ट शिक्षकों व मेधावी बच्चों का सम्मान

उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रो. जयसवाल गौतम (शोध), प्रो. अर्चना सिंह (सोशल वर्क) और प्रो. मनु प्रताप (आईटी) को सम्मानित किया गया। भाषण, चित्रकला, कहानी कथन प्रतियोगिताओं के विजेता बच्चों को प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो दिए गए। विश्वविद्यालय की विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पदक पाने वाले खिलाड़ियों को प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए। यूनिवर्सिटी मॉडल स्कूल के बच्चों ने पर्यावरण गीत का नाट्य मंचन किया, जिसकी राज्यपाल ने सराहना की और प्रस्तुति देने वाले बच्चों को पुरस्कृत किया।

मेधावी स्टूडेंट्स स्कूली स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी के स्टाफ के साथ राज्यपाल आंदीबेन पटेल

100 प्री-स्कूल किट, पुस्तकों व सामग्री का वितरण

आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए यूनियन बैंक और इंडियन बैंक के सौजन्य से 100 प्री-स्कूल किट प्रदान की गईं। विश्वविद्यालय ने प्राथमिक विद्यालयों को बच्चों के पठन-पाठन हेतु पुस्तकें और शिक्षण सामग्री दीं।

लोकार्पण व पुस्तक का विमोचन

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय में चंदन वाटिका, योग वाटिका, विभिन्न विषयों की प्रयोगशालाएँ, पुस्तकालय सुविधा, डिजिटल संग्रहालय, तथा भवनों के नवीनीकरण व सौंदर्यीकरण के कार्यों का लोकार्पण किया और विभिन्न पुस्तकों का विमोचन किया।

पुस्तकों का लोकार्पण करतीं राज्यपाल, साथ उच्च शिक्षामंत्री योगेन्द्र उपाध्याय व अन्य।

क्या बोलीं राज्यपाल

  • दीक्षांत का भाव: यह औपचारिकता नहीं, ज्ञान अनुशासन संस्कार का उत्सव है,  यहीं से विद्यार्थी नई दिशा में कदम बढ़ाते हैं।
  • प्रतिभा व खेल: प्रधानमंत्री के ‘खेलो इंडिया’ और गुजरात में आरम्भ ‘खेले गुजरात’ जैसी पहलों ने लाखों बच्चों को ट्रेनिंग देकर खेल जगत में लाभ पहुँचाया। प्रतिस्पर्धा से ही प्रतिभा निखरती और पहचान बनती है।
  • सामाजिक उत्थान सफाई कामदार का बेटा सफाई कामदार न बने| समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की सोच बदलना और जीवन में बदलाव लाना हमारा लक्ष्य हो। गरीब बच्चों की शिक्षा में सामाजिक, व्यावसायिक संस्थाएँ और उद्योगपति आगे आएँ; राजभवन द्वारा झुग्गी-झोपड़ी के बच्चों की शिक्षा व फीस प्रतिपूर्ति जैसे कार्य किए जा रहे हैं।
  • जल संरक्षण: पूर्वजों ने जल बचाया, हम भी अगली पीढ़ी के लिए पानी बचाने का व्यक्तिगत संकल्प लें; विश्व जल संकट के कगार पर है।
  • NAAC ‘A+’ और आगे का लक्ष्य: विश्वविद्यालय को NAAC ‘A+’ ग्रेड मिलना सामूहिक उपलब्धि है कुलपति, विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर, कर्मचारी, सफाई स्टाफ सभी का श्रेय। पहले विश्वविद्यालय पर नकारात्मक खबरें आती थीं, अब ‘A+’ ने परिवर्तन का संदेश दिया। अगला लक्ष्य विश्व रैंकिंग के टॉप-100 में स्थान।
  • अंतरराष्ट्रीयकरण व सहयोग: इस बार 100 से अधिक विदेशी छात्रों ने प्रवेश लिया। विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू से छात्र लाभान्वित हो रहे हैं; आज उत्तर प्रदेश की 7 विश्वविद्यालयें एशिया की उच्च रैंकिंग में स्थान रखती हैं।
  • शोध अनुदान: विज्ञान व तकनीकी में ग्रांट बढ़े और पूरी तरह खर्च हो; कई बार अनुदान बिना खर्च लौट जाता है|इसे बदलें। नए शोध प्रोजेक्ट, फंडिंग, और सभी पोर्टल का उपयोग सुनिश्चित करें।
  • दीर्घकालिक दृष्टि: विश्वविद्यालय अगले 25 वर्षों की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्ययोजना व विज़न बनाए; केजी से पीजी तक समग्र शिक्षा की 10 वर्षीय योजना महिला बाल विकास, बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभागों के समन्वय से बने।
  • प्रेरक उदाहरण: हाल ही में अंतरिक्ष यात्रा से लौटे सुभांशु शुक्ला का उदाहरण ऐसे छात्र तैयार करने का लक्ष्य रखें। विकसित भारत बोलने से नहीं, काम और बदलाव से बनेगा।
  • आंगनबाड़ी किट अभियान: अब तक 40,000 आंगनबाड़ी केंद्रों पर किट पहुँची; सभी जिलों में शत-प्रतिशत आच्छादन का लक्ष्य। कंपनियों/संस्थाओं को CSR के माध्यम से जोड़ें बच्चे सशक्त होंगे तो राष्ट्र सशक्त होगा।

शिक्षा से विकसित भारत का निर्माण-योगेन्द्र उपाध्याय

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने पदक व उपाधि प्राप्त छात्रों का आह्वान किया कि वे समाज के लिए मॉडल बनें और राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाएँ। कहा कि उत्तर प्रदेश शिक्षा क्षेत्र में तेजी से ऊपर आया है| पहले राज्य में NAAC ‘A’ ग्रेड वाला कोई विश्वविद्यालय नहीं था, अब अंबेडकर विश्वविद्यालय को ‘A+’ मिला है। UP में NAAC ‘A++’ ग्रेड में 6 राज्य विश्वविद्यालय, ‘A+’ में 7 निजी व 2 सरकारी विश्वविद्यालय, और ‘A’ में 4 निजी व 2 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। भारत अग्रिम पंक्ति में आया है विकसित भारत का निर्माण शिक्षा से होगा।



नौकरी नहीं, राष्ट्रनिर्माण का माध्यम

राज्यमंत्री (उच्च शिक्षा) रजनी तिवारी ने कहा कि शिक्षा को सिर्फ नौकरी का साधन न मानकर राष्ट्रनिर्माण का माध्यम बनाएं। 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की निर्णायक भूमिका होगी आप नव भारत, सशक्त भारत के निर्माता बनें।

डिग्रीधारक मेधावी छात्राओं के साथ राज्यपाल

दीक्षांत अंत नहीं, शुरुआत

मुख्य अतिथि प्रो. डॉ. के.जी. सुरेश ने कहा कि दीक्षांत यात्रा का अंत नहीं, जीवन यात्रा की शुरुआत है। नकारात्मकता से ऊपर उठकर सकारात्मक भाव अपनाएँ। किसी भी निर्णय से पहले समाज के अंतिम व्यक्ति के हित को देखें। खुद पर विश्वास रखें, डॉ. भीमराव आंबेडकर को संघर्ष प्रेरणा मानें और नौकरी पाने के बजाय नौकरी देने वाले बनें तभी भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बन सकेगा।


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Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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