आगरा। न्यूज। हिन्दी।समाचार। टूडे। न्यूजट्रैक।उत्तर प्रदेश।
आगरा। आगरा में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और प्रशासन ने शहरवासियों और ग्रामीणों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। हथिनी कुंड बैराज, सहारनपुर से 17 अगस्त को शाम 4 बजे यमुना में 1,78,976 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद आगरा में नदी का प्रवाह तेज हो गया है। इसके बाद 19 अगस्त को ओखला बैराज से 91,212 क्यूसेक और गोकुल बैराज से 87,079 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने लगा। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 22 अगस्त तक आगरा वाटरवर्क्स पर यमुना का जलस्तर 152.40 मीटर तक पहुंचने की संभावना है, जो खतरे के निशान के काफी करीब है। इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन और जल संस्थान आगरा अलर्ट मोड पर हैं और लोगों को सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
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| यमुना में जलस्तर बढ़ने से डूबा मोक्षधाम का प्लेटफॉर्म |
उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हो रही भारी बारिश का असर अब आगरा में साफ नजर आ रहा है। यमुना नदी बुधवार को खतरे के निशान 495 फीट तक पहुंच गई। तेज बहाव के कारण ताजमहल की पिछली दीवार तक पानी आ गया है। स्थिति को देखते हुए सीआईएसएफ की चौकी को वहां से हटाना पड़ा। श्मशान घाट जलमग्न हो चुके हैं और कई मंदिरों के प्लेटफार्म तक पानी पहुंच गया है।
40 ग्राम प्रभावित
यमुना के बढ़ते जलस्तर से सदर तहसील के कई ग्राम प्रभावित हो सकते हैं। इन ग्रामों में तनौरा, नूरपुर, कैलाश, स्वामी बाग, नगला बूढ़ी, अमर विहार, दयालबाग, मोती महल, कटरा वजीर खाँ, रामबाग बस्ती, अप्सरा टाकीज और यमुना किनारा रोड व वेदान्त मंदिर से फार्ट शामिल हैं। वहीं फतेहाबाद तहसील के ग्रामों में भरापुर, बमरौली, ईदौन, भडायना, मेवीकलॉ, गुडा मेवली खुर्द और हिमायूपुर भी बाढ़ से प्रभावित होने की आशंका है। प्रशासन ने बताया है कि नदी के किनारे और लो फ्लड क्षेत्र में स्थित घरों और खेतों पर पानी का असर दिखाई देने लगा है और स्थानीय स्तर पर सतर्कता आवश्यक है।
नदी के किनारे जाने बचें
जल संस्थान और प्रशासन ने आगरा के लोगों से अपील की है कि वे अपने जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक और आधार कार्ड को वॉटरफूफ बैग में सुरक्षित रखें। साथ ही क्लोरिन, ओ.आर.एस. और आवश्यक दवाइयां प्राथमिक उपचार किट में रखें। सूखा अनाज और मवेशियों के चारे को किसी ऊँचे स्थान पर रखकर सुरक्षित किया जाए। बाढ़ की चेतावनी मिलने पर गर्भवती महिलाएं, बच्चे, वृद्ध, दिव्यांग और बीमार लोग तुरंत तहसीलों द्वारा स्थापित बाढ़ शरणालयों में चले जाएं। उबला हुआ या क्लोरिनयुक्त पानी ही पीने के लिए इस्तेमाल किया जाए और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लाई गई खाद्य सामग्री का सेवन न करें। डूबे हैंडपम्प का पानी न पिएं और नदी के किनारे जाने से बचें। बिजली का मुख्य स्विच और गैस रेगुलेटर बंद रखें।
कंट्रोल रुम में करें संपर्क
तहसील के राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्वयं भ्रमणशील रहकर बाढ़ की स्थिति पर नजर रखें और जरूरत पड़ने पर प्रभावित लोगों को बाढ़ शरणालयों में शिफ्ट करें। नगर निगम और जल संस्थान आगरा ने घाटों और नदी किनारे की स्थिति पर पैनी नजर रखी हुई है। बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय है, जिसका संपर्क नंबर 0562-2260550 और 09458095419 है। प्रशासन ने यह भी कहा है कि लोगों को आपातकालीन परिस्थिति में तुरंत प्रशासनिक निर्देशों का पालन करना चाहिए।
लगातार छोड़ा जा रहा पानी
गोकुल, ओखला और हथिनी कुंड बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना नदी का प्रवाह तेज हो गया है। नदी किनारे और लो फ्लड क्षेत्र के खेतों में पानी भरने लगा है। प्रशासन ने घाटों, मंदिरों और श्मशान घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। आगरा के ग्रामीण और शहरवासी नदी के किनारे न जाएं और आवश्यक चीजों को ऊँचे स्थान पर सुरक्षित रखें। इसके अलावा प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि गर्भवती महिलाएं, बच्चे, वृद्ध, दिव्यांग और बीमार लोग किसी भी तरह की देरी किए बिना तहसीलों में बने बाढ़ शरणालयों में पहुंचें।
जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और आगरा में आने वाले 24-48 घंटों में इसका और असर दिखने की संभावना है। प्रशासन और जल संस्थान ने चेतावनी दी है कि लोग किसी भी स्थिति में नदी के निकट न जाएं, पानी में तैरने या पार करने की कोशिश न करें। सभी स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी, राजस्व विभाग के कर्मचारी और नगर निगम के स्टाफ पूरी तरह तैनात हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में फसलों और पशुधन की सुरक्षा के लिए लोगों को जरूरी उपाय करने की सलाह दी गई है।
इस स्थिति में शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहना बेहद जरूरी है। प्रशासन लगातार जलस्तर पर नजर रख रहा है और आवश्यक होने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों और शरणालयों में शिफ्ट किया जाएगा। आगरा के नागरिकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बाढ़ से जुड़ी किसी भी आपातकालीन सूचना के लिए कंट्रोल रूम से संपर्क करें और सरकारी निर्देशों का पालन करें।
गोकुल बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी
सिंचाई विभाग के अनुसार फिलहाल नदी का जलस्तर 499 फीट तक जाने की आशंका है। गोकुल बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। मंगलवार को यहां से 90 हजार क्यूसेक पानी प्रति घंटे छोड़ा गया। इससे पहले हथिनी कुंड बैराज से 1.78 लाख क्यूसेक पानी और बाद में ताजेवाला व ओखला बैराज से भी पानी छोड़े जाने के बाद यमुना का प्रवाह तेज हो गया। इसका असर अब आगरा में देखने को मिल रहा है।
घाटों पर बाढ़ का असर
कैलाश, बल्केश्वर, हाथी घाट और दशहरा घाट पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं। दशहरा घाट के पीछे तक पानी पहुंचने से सीआईएसएफ की चौकी को हटाना पड़ा। लोगों की सुरक्षा को देखते हुए रस्सियां और बैरिकेडिंग की गई है। बल्केश्वर घाट का काली भैरो मंदिर भी डूब चुका है। मंदिर की रेलिंग तक पानी चढ़ गया है और पूजा-पाठ पूरी तरह बंद हो गया है।
फतेहाबाद और बाह क्षेत्र के गांवों में खतरा
यमुना के उफान का असर देहात तक दिखाई देने लगा है। फतेहाबाद और बाह क्षेत्र के कई गांवों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। बटेश्वर का महिला स्नानघर डूब गया है। यहां तक कि कल्यानपुर, भरतार, भौंर, स्याइच और बटेश्वर क्षेत्र के खेत पानी में डूब गए हैं। बाजरा और तिल की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।
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