आगरा। आगरा में अपर सत्र न्यायालय संख्या-26 ने 18 साल पुराने गजक विवाद से जुड़े हत्या मामले में अपना फैसला सुनाया है। अदालत ने मुख्य आरोपी हरी सिंह को आजीवन कैद की सजा दी है। साथ ही उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।यदि हरी सिंह जुर्माना नहीं भरता है तो उसे 6 महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी।
यह मामला 16 नवंबर 2007 का है। ताजगंज क्षेत्र में गजक के कारोबार को लेकर हरी सिंह और उसके बड़े भाई के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। उसी दिन दोनों के बीच तेज बहस हुई।गुस्से में आकर हरी सिंह ने अपने बड़े भाई पर तलवार से वार कर दिया। गंभीर चोटों के कारण भाई की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद थाना ताजगंज पुलिस ने हरी सिंह समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
करीब 18 साल तक चले इस मुकदमे में कई गवाहों के बयान, सबूत और मेडिकल रिपोर्ट अदालत में पेश की गई।जज ने माना कि हरी सिंह ने अपने भाई पर जानलेवा हमला किया, जिससे उसकी मौत हुई।इस मामले में सह-आरोपी पुनीत, विनीत उर्फ वीणू और केशव पाल पर भी मुकदमा चला। लेकिन अदालत ने उन्हें पहली बार अपराध करने वाला मानते हुए परिवीक्षा अधिनियम के तहत चेतावनी देकर रिहा कर दिया।उन्हें 50-50 हजार रुपये का व्यक्तिगत बंधपत्र भरने और भविष्य में अपराध न करने का वचन देने का आदेश दिया गया है।