आगरा| रविवार को आगरा पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी। डौकी थाना क्षेत्र के नरकाकर गांव में छापेमारी कर पुलिस ने एक अवैध हथियार फैक्ट्री का खुलासा किया। मौके से तीन शातिर आरोपियों को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में हथियार और उपकरण बरामद किए गए
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डीसीपी अली अब्बास ने जानकारी दी कि पिछले एक महीने से लगातार खुफिया इनपुट मिल रहे थे कि डौकी और आसपास के इलाकों में अवैध हथियारों की सप्लाई की जा रही है। कई बार चेकिंग के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों से हथियार भी मिले थे। इन्हीं इनपुट्स के आधार पर पुलिस कमिश्नर और डीजी मुख्यालय की ओर से विशेष निर्देश जारी हुए। इसके बाद एसओ डौकी रॉकी और उनकी टीम ने कई दिनों की प्लानिंग की। गुप्त निगरानी और मुखबिरों की सूचना पर आखिरकार रविवार को नरकाकर गांव में दबिश दी गई और यहां चल रही अवैध हथियार फैक्ट्री का पर्दाफाश किया गया।
तीन शातिर आरोपी गिरफ्तार
छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें सियाराम, सचिन उर्फ विभीषण और रघुवीर पुत्र नवाब शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, सियाराम इस अवैध धंधे का मुख्य कारीगर है। वह पहले भी इसी अपराध में जेल जा चुका है। हथियार बनाने में बेहद निपुण होने के कारण वह ऑर्डर मिलने पर स्थान बदल-बदलकर फैक्ट्री चलाता था। उसके नेटवर्क का दायरा आगरा से बाहर तक फैला हुआ है।
डीसीपी अली अब्बास ने बताया कि सियाराम अवैध हथियार बनाने की कारीगरी में माहिर है। वह गैंगस्टरों और अपराधियों से सीधा संपर्क में रहता है और सप्लाई के ऑर्डर मिलने पर कुछ ही दिनों में तमंचे और रायफल तैयार कर देता है।
सप्लाई का नेटवर्क कई राज्यों तक फैला
पुलिस पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि फैक्ट्री में बनाए गए हथियार न केवल आगरा और आसपास के क्षेत्रों में, बल्कि राजस्थान के राजाखेड़ा और मध्यप्रदेश के मुरैना तक सप्लाई किए जाते थे। इस गैंग का नेटवर्क इतना मजबूत था कि चंबल क्षेत्र के कुख्यात गैंगस्टरों तक ये हथियार पहुंचाए जाते थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने मोनू चंबल और जीतू चंबल गैंग को भी हथियार उपलब्ध कराए थे। हाल ही में इस गैंग से जुड़े बदमाशों के पास से एक अवैध AK-47 बरामद हुई थी।
हथियार और उपकरणों की बड़ी खेप बरामद
मौके से पुलिस ने 15 अवैध हथियार बरामद किए। इनमें 9 तमंचे (.315 बोर), 3 रायफल (.315 बोर), 1 रायफल (12 बोर), 1 रिवॉल्वर (9 एमएम) और 1 तमंचा (9 एमएम) शामिल हैं। इसके अलावा हथियार बनाने के उपकरण, कई अधबने हथियार और नकदी भी जब्त की गई।
फरार आरोपी मोनू की तलाश
छापेमारी के दौरान एक आरोपी मोनू मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है। बताया जा रहा है कि मोनू इस गैंग का अहम सदस्य है और उसके जरिए ही कई बार बड़े-बड़े ऑर्डर मिलते थे। पुलिस उसके आपराधिक इतिहास की भी जांच कर रही है।
अवैध हथियारों पर लगाम की चुनौती
आगरा और आसपास का इलाका लंबे समय से अवैध हथियारों के कारोबार का गढ़ माना जाता है। डौकी, खेरागढ़, बाह और एत्मादपुर क्षेत्र में समय-समय पर पुलिस ने अवैध फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ किया है। हालांकि हर बार कुछ समय के लिए यह कारोबार रुक जाता है, लेकिन फिर से नए तरीके से सक्रिय हो जाता है। पंचायत चुनाव और अन्य चुनावी अवसरों पर ऐसे हथियारों की मांग अचानक बढ़ जाती है। यही वजह है कि पुलिस ने इस बार विशेष अभियान शुरू किया है।
डीसीपी अली अब्बास ने कहा कि अवैध हथियारों का कारोबार कानून-व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे मामलों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। अपराधियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस टीम को मिला पुरस्कार
इस कार्रवाई में डौकी थाना पुलिस की भूमिका बेहद सराहनीय रही। पुलिस कमिश्नर ने टीम को ₹20,000 कैश पुरस्कार देने की घोषणा की है।
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