आगरा में दो दिवसीय संवाद कार्यक्रम का सफल समापन
विकास के रोडमैप पर हुई ऐतिहासिक चर्चा
आगरा।उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक समर्थ और विकसित बनाने के लिए चलाए जा रहे “विकसित उत्तर प्रदेश @2047” अभियान के तहत आगरा में आयोजित दो दिवसीय संवाद, परिचर्चा और विमर्श कार्यक्रम का समापन मंगलवार को हुआ। इस संवाद में व्यापारियों, उद्यमियों, किसानों, महिला संगठनों, युवाओं और प्रबुद्ध नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और भविष्य के विकास के लिए अपने सुझाव व फीडबैक साझा किए।
दूसरे दिन तीन सत्रों में हुई चर्चा
कार्यक्रम के दूसरे दिन संवाद को तीन अलग-अलग सत्रों में विभाजित किया गया। पहला सत्र औद्योगिक विकास और व्यापारिक संभावनाओं पर केंद्रित रहा। दूसरा सत्र कृषि, किसान और श्रमिक हितों को समर्पित रहा, जबकि तीसरा सत्र तहसील फतेहाबाद के वाजिदपुर ग्राम पंचायत में आयोजित हुआ, जिसमें ग्रामीणों, महिलाओं और युवाओं ने खुलकर अपनी राय रखी।पहले सत्र में संयुक्त आयुक्त उद्योग अनुज कुमार ने आगरा के औद्योगिक ढांचे और संभावनाओं पर विस्तृत प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आगरा सदियों से व्यापार और उद्योग का केंद्र रहा है। यहां के लेदर और फुटवियर उद्योग, हैंडिक्राफ्ट, स्टोन इनले वर्क, सिल्वर ज्वेलरी, प्लास्टिक ब्रश और होटल-रेस्टोरेंट सेक्टर अर्थव्यवस्था में अहम योगदान देते हैं।
मिलेगी स्थानीय उद्यमियों को पहचान
उन्होंने बताया कि आगरा का पेठा, दरी, मार्बल और स्टोन इनले वर्क ओडीओपी और जीआई टैग में शामिल है। आने वाले समय में प्लास्टिक ब्रश, सिल्वर ज्वेलरी और फूड प्रोसेसिंग को भी ओडीओपी और जीआई टैग में शामिल करने की योजना है। उन्होंने आशा जताई कि इससे स्थानीय उद्यमों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी।अनुज कुमार ने कहा कि आगरा में जल्द ही एयरपोर्ट कार्यशील होने वाला है, जिससे कनेक्टिविटी मजबूत होगी और उद्योगों के लिए निर्यात एवं आयात की नई संभावनाएं खुलेंगी।इसी सत्र में ज्वाइंट कमिश्नर, राज्यकर विभाग प्रमोद दूबे ने भी अपना प्रजेंटेशन रखा। उन्होंने कहा कि आगरा में फिलहाल 77 हजार एक्टिव रजिस्ट्रेशन हैं। पिछले आठ वर्षों में पंजीकरण तीन गुना और राजस्व दोगुना हुआ है। यह इस बात का प्रमाण है कि आगरा तेजी से विकास और आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।
22 वर्षों में दस गुना बढ़ानी होगी आय
पूर्व आईएएस प्रदीप भटनागर ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित देशों में प्रति व्यक्ति औसत आय एक लाख रुपये प्रतिमाह है, जबकि उत्तर प्रदेश में यह केवल 10 हजार रुपये प्रतिमाह है। इसे अगले 22 वर्षों में दस गुना बढ़ाना हमारी सबसे बड़ी चुनौती है। इसके लिए शिक्षा, उद्योग, कृषि, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर समानांतर रूप से कार्य करना होगा।
नीचे से ऊपर तक बने विजन डाक्यूमेंट
मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डॉ. केवी राजू ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य ऊपर से कोई नीति थोपना नहीं है, बल्कि आमजन से सुझाव लेकर नीचे से ऊपर तक विजन डाक्यूमेंट तैयार करना है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे क्यूआर कोड स्कैन कर, वेबसाइट पर जाकर या लिखित रूप से अपने सुझाव दें। ये सभी सुझाव आगरा और प्रदेश के विकास के विजन डाक्यूमेंट में शामिल किए जाएंगे।पहले सत्र में उद्यमियों और व्यापारिक संगठनों ने भी अपने विचार रखे। फुटवियर उद्योग से पूरन डाबर, फूड प्रोसेसिंग एसोसिएशन से मनीष अग्रवाल, सराफा एसोसिएशन से नीतेश अग्रवाल, ब्रश एंड क्लीनिंग प्रोडक्ट एसोसिएशन से अमित मोरियानी, हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्ट एसोसिएशन से आशीष अग्रवाल, वेडिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन से राहुल, रेडीमेड गारमेंट एसोसिएशन से संजय, केमिस्ट एसोसिएशन से आशीष शर्मा, कपड़ा व्यापारियों से राजीव गुप्ता, टूरिज्म एसोसिएशन से अमूल्य कक्कड़ और एफएएफएम से कुलदीप कोहली मौजूद रहे। सभी ने विकास और उद्योग को लेकर अपने विचार व सुझाव साझा किए।
किसानों और श्रमिकों की आवाज
दूसरे सत्र में किसानों और श्रमिक संगठनों ने जोरदार भागीदारी की। किसानों ने मांग की कि कृषि उत्पादों पर 80 प्रतिशत सब्सिडी, कृषि आधारित उद्योगों के लिए ब्याजमुक्त ऋण, जैविक खेती पर विशेष प्रोत्साहन, और रासायनिक खादों के स्थान पर ऑर्गेनिक विकल्प उपलब्ध कराए जाएं।सिंचाई के लिए नहरों और नदियों में रसायन प्रवाहित करने पर रोक, कृषि आधारित छोटी प्रोसेसिंग यूनिटों को बढ़ावा और किसानों को तकनीकी ट्रेनिंग देने जैसे सुझाव भी दिए गए। यह सत्र पूरी तरह से किसानों और ग्रामीण विकास को समर्पित रहा।तीसरा सत्र तहसील फतेहाबाद के ग्राम पंचायत वाजिदपुर में आयोजित हुआ। यहां ग्रामीणों, महिलाओं और युवाओं ने सरकार की योजनाओं पर अपने अनुभव साझा किए।
महिला और युवाओं को मिले रोजगार के अवसर
ग्रामीणों ने कहा कि मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाई जाए और समय से भुगतान सुनिश्चित हो। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं को मजबूत करने की आवश्यकता है। लोगों ने मांग की कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ गांव स्तर पर ही उपलब्ध हो और समस्याओं का समाधान ग्राम सचिवालय के माध्यम से किया जाए।महिलाओं और युवाओं ने कहा कि शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में और अधिक अवसर मिलें, ताकि ग्रामीण अंचलों के लोग भी मुख्यधारा से जुड़ सकें।प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने कहा कि विकसित आगरा और विकसित उत्तर प्रदेश का सपना तभी पूरा होगा जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और अपने सुझाव दे। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति क्यूआर कोड स्कैन कर, वेबसाइट पर जाकर या डीएम और सीडीओ को लिखित रूप में सुझाव दे सकता है।
विजन डॉक्यूमेंट में शामिल होगा हर सुझाव
कार्यक्रम के समापन पर यह स्पष्ट कर दिया गया कि हर सुझाव को विजन डाक्यूमेंट का हिस्सा बनाया जाएगा। इससे यह दस्तावेज़ आमजन की वास्तविक जरूरतों पर आधारित होगा।
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