Agra Yamuna flood News: राहत शिविरों में महिलाओं और बच्चों से सीधा संवाद, कमिश्नर ने जाना हालचाल, डीएम ने व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के दिए निर्देश

आगरा में यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से बाढ़ प्रभावित इलाकों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। मंगलवार को मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह ने विभिन्न राहत केंद्रों और बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने सबसे पहले बल्केश्वर स्थित आईटीआई कॉलेज परिसर में बनाए गए राहत शिविर का निरीक्षण किया। यहां रजवाड़ा क्षेत्र और सरस्वती नगर के प्रभावित परिवार पिछले तीन दिनों से शरण लिए हुए हैं।

Agra Flood Relief Camp Balkeshwar Inspection
यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते कमिश्नर शैलेन्द्र कुमार सिंह व एडीएम एफआर शुभांगी शुक्ला

राहत केंद्र में करीब 150 लोगों को अस्थायी रूप से ठहराया गया है। मंडलायुक्त ने महिलाओं और बच्चों से बातचीत कर उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी स्थिति में भोजन, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए।


विधायक और पार्षद भी पहुंचे

निरीक्षण के समय क्षेत्रीय विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, पार्षद और स्थानीय समाजसेवी भी मौजूद थे। मंडलायुक्त ने उनसे राहत कार्यों में सहयोग बनाए रखने की अपील की। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि नदी का जलस्तर किन-किन क्षेत्रों की ओर बढ़ रहा है और वहां पर कितनी आबादी प्रभावित हो सकती है।

कैलाश गांव और मंदिर परिसर का दौरा

बल्केश्वर राहत केंद्र के बाद मंडलायुक्त सीधे कैलाश गांव और कैलाश मंदिर पहुंचे। यहां मंदिर परिसर और घाट का निरीक्षण किया। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी हालत में आमजन को घाट की ओर न जाने दिया जाए।

पानी से घिरी गलियों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत रखने को कहा गया। मंदिर परिसर के पास स्थित प्राथमिक विद्यालय में अस्थायी राहत केंद्र बनाया गया है। मंडलायुक्त ने वहां पहुंचकर साफ-सफाई, भोजन वितरण और स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी ली।

कैलाश मंदिर पहुंचे कमिश्नर

नगला सोमनाथ पहुंचे मंडलायुक्त

तहसील किरावली के अंतर्गत ग्राम पंचायत सामरा में बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित नगला सोमनाथ गांव का निरीक्षण मंडलायुक्त ने विधायक चौधरी बाबूलाल के साथ किया। दोनों ट्रैक्टर पर सवार होकर जलमग्न खेतों और गांव के हिस्सों का जायजा लेने पहुंचे।

यहां उन्होंने ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। ग्रामीणों ने बताया कि बाढ़ का पानी खेतों में भर गया है और धान, बाजरा व अन्य फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। पशुओं के चारे की समस्या भी गंभीर होती जा रही है।

राहत कैंप में व्यवस्थाओं का जायजा लेते कमिश्नर 

फसलों के नुकसान का आकलन

मंडलायुक्त ने मौके पर मौजूद कृषि और राजस्व अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसानों की फसलों के नुकसान का आंकलन तत्काल किया जाए। इसके लिए अलग-अलग टीम गठित कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

ग्रामीणों ने सड़कों के जीर्णोद्धार और जलभराव की समस्या से भी अवगत कराया। मंडलायुक्त ने आश्वासन दिया कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी और भरतपुर की ओर से आने वाले पानी को रोकने के उपाय किए जाएंगे।

राहत कार्यों में जुटा प्रशासन

निरीक्षण के दौरान एडीएम वित्त एवं राजस्व शुभांगी शुक्ला, एसडीएम किरावली नीलम तिवारी, नायब तहसीलदार अनिल चौधरी, तहसील सदर व किरावली की राजस्व टीम भी मौजूद रही। प्रशासनिक अमला लगातार प्रभावित क्षेत्रों में डेरा डाले हुए है और हालात पर नजर रखे हुए है।

Commissioner meets flood affected families in Agra
बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का दौरा करने के दौरान ट्रैक्टर चलाते  विधायक चौ. बाबूलाल, साथ में बैठे हैं,कमिश्नर, एडीएम एफआर

बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त

यमुना नदी का पानी बल्केश्वर, रजवाड़ा, सरस्वती नगर और आसपास की बस्तियों में घुस आया है। मकानों में पानी भरने से लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में जाने को मजबूर हैं। महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हैं। तीन दिनों से राहत केंद्रों में रह रहे परिवार प्रशासन से लगातार मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं।मंडलायुक्त ने सभी राहत शिविरों में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। डॉक्टरों की टीम को हर केंद्र पर तैनात किया गया है ताकि किसी भी महामारी या संक्रामक बीमारी का खतरा न हो। साफ पानी और शौचालय की व्यवस्था को लेकर भी प्रशासन सतर्क है।


यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर से संभावित बाढ़ के दृष्टिगत जिलाधिकारी  अरविंद मल्लप्पा बंगारी  ने पूर्वी गेट ताज महल के पास दशहरा घाट पर यमुना नदी के जलस्तर का जायजा लिया,जिलाधिकारी ने संबंधित को सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने, के निर्देश दिए

निरीक्षण करते डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी

किसानों की चिंताएं बढ़ीं

नगला सोमनाथ समेत कई गांवों में खेत जलमग्न हो चुके हैं। फसलों के डूब जाने से किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फिर गया है। पशुओं के चारे की समस्या, घरों में पानी भरने और आवाजाही की कठिनाइयों ने ग्रामीणों की परेशानी दोगुनी कर दी है।

प्रशासन का आश्वासन

मंडलायुक्त ने स्पष्ट किया कि बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता दी जाएगी। राहत शिविरों में भोजन, दवा और पानी की व्यवस्था लगातार चलती रहेगी। फसलों के नुकसान का आंकलन जल्द पूरा कर मुआवजा वितरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। 

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