आगरा न्यूज: सर्दियों में गर्भवती रखें अपनी सेहत का खास ख्याल, समय से जांच और पोषण जरूरी

आगरा:सर्दी के मौसम में संक्रमण, फ्लू और मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, ऐसे में गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, विटामिन सी, विटामिन डी, जिंक और आयरन जैसे पोषक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं और सर्दियों में गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद लाभकारी हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि गर्भवती महिलाएँ अपने दैनिक आहार में संतुलित भोजन शामिल करें। गर्म सूप, हरी सब्जियाँ और मौसमी फलों का सेवन न केवल शरीर को गर्म रखता है बल्कि इम्यूनिटी भी मजबूत करता है। उन्होंने कहा कि समय से प्रसव पूर्व जांच कराना, आयरन और कैल्शियम की गोलियों का नियमित सेवन करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि माँ और शिशु दोनों स्वस्थ रहें।

एसीएमओ आरसीएच सुरेंद्र मोहन प्रजापति ने बताया कि सर्द मौसम में डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है, इसलिए गर्भवती महिलाएँ पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ अवश्य लें। सर्दी से बचाव के लिए हल्के लेकिन गर्म कपड़ों का चयन करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रसव के लिए आवश्यक वस्तुओं का प्रसव पोटली बैग पहले से तैयार रखना चाहिए। बदलते मौसम में गर्भवती महिलाओं को मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने और अत्यधिक ठंडी चीजों से परहेज करने की सलाह दी।


शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मेघना शर्मा ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार बार प्रसव पूर्व जांच अत्यंत आवश्यक है। गर्भाशय के आकार में वृद्धि के कारण फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है, इसलिए महिलाओं को साफ-सफाई, पोषण और आराम पर ध्यान देना चाहिए।


किसी भी समस्या की स्थिति में नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में तुरंत परामर्श लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि विटामिन डी की कमी दूर करने के लिए धूप का पर्याप्त सेवन भी जरूरी है।

उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला शिशु के लिए पोषण का एकमात्र स्रोत होती है, इसलिए पोषणयुक्त भोजन, वजन की निगरानी और समय से जांच शिशु के स्वस्थ विकास के लिए आवश्यक हैं। सामान्य गर्भावस्था में महिला का वजन लगभग 10–11 किलो बढ़ना चाहिए, जिससे माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ बने रहें।


गर्भवती के खानपान पर विशेष सुझाव

  • दिन में कम से कम पाँच बार हल्का और पौष्टिक भोजन।

  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दालें, मोटे अनाज (जैसे बाजरा, ज्वार, रागी) और दूध या डेयरी उत्पाद शामिल करें।

आयरन की गोलियों के लाभ

  • एनीमिया से बचाव

  • शरीर में आयरन की कमी पूरी करना

  • शिशु के विकास में मदद

  • गर्भवती के स्वास्थ्य में सुधार

कैल्शियम की गोलियों के लाभ

  • हड्डियों की कमजोरी से बचाव

  • कैल्शियम की कमी पूरी करना

  • शिशु की हड्डियों के विकास में सहायता

  • माँ के स्वास्थ्य में सुधार 

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