ऑनलाइन वीज़ा और पासपोर्ट के नाम पर बनाते थे लोगों को शिकार
फर्जी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के नाम से करते थे ठगी
आगरा।साइबर अपराध के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के तहत थाना हरीपर्वत पुलिस और साइबर सेल नगर जोन ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने ऑनलाइन वीजा और पासपोर्ट बनवाने के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के सात शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज, वीजा, पासपोर्ट बनाने के उपकरण और अन्य सामान बरामद किया गया है।
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प्रेसवार्ता में जानकारी देते डीसीपी सिटी सोनम कुमार |
ऐसे हुआ खुलासा
पुलिस को यह कार्रवाई एक वादी की शिकायत के बाद करनी पड़ी। वादी ने थाना हरीपर्वत पर सूचना दी कि उसके साथ वीजा और पासपोर्ट बनवाने के नाम पर ऑनलाइन पैसे ऐंठ लिए गए। न तो वीजा बना और न ही पैसे वापस किए गए। शिकायत के आधार पर थाना हरीपर्वत में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने कार्रवाई शुरु की।
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साइबर ठगों से ये सामान हुआ बरामद |
संयुक्त टीम का किया गठन
मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना हरीपर्वत पुलिस और साइबर सेल की टीमों का गठन किया गया। 4 सितंबर शुक्रवार को पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि सत्यम कॉम्पलेक्स में एस.आई. ओवसीज के नाम से एक ऑफिस में यह गैंग सक्रिय है। पुलिस ने वहां दबिश दी और मौके से सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
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पुलिस ने शातिरों से वीजा फॉर्म, पासपोर्ट, मुहरें,कंपनियों के लेटर आदि सामान बरामद किया है। |
आरोपियों से ये सामान हुआ बरामद
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान आरोपियों के कब्जे से भारी मात्रा में सामान बरामद किया। इनमें एक कार होंडा अमेज, छह मोबाइल फोन, एक लैपटॉप एसर कंपनी, एक डेस्कटॉप कंप्यूटर, मॉनीटर, कीबोर्ड, सीपीयू, प्रिंटर, पावर केबल, एचडीएमआई केबल, पैकिंग लिफाफे, नोटपैड, डायरी, विभिन्न कंपनियों के ऑफर लेटर, फर्जी अंतरराष्ट्रीय मुहरें, 351 वीजा फॉर्म, 112 खाली पन्ने, पासपोर्ट नंबर X-5548947, फर्जी लाइसेंस, स्टेशनरी सामग्री और तीन एटीएम कार्ड शामिल हैं।आगरा पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से एक अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यह गैंग लंबे समय से भोले-भाले लोगों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहा था। पुलिस अब इनके नेटवर्क और अन्य सहयोगियों की तलाश में जुट गई है|
सोशल मीडिया पर विज्ञापन देकर फंसाते थे
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह लंबे समय से साइबर ठगी में सक्रिय था।
- आरोपी अलग-अलग राज्यों के भोले-भाले लोगों को फेसबुक, यूट्यूब और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विज्ञापन डालकर फंसाते थे।
- विदेशों में नौकरी दिलाने का लालच देकर उनसे संपर्क करते और पासपोर्ट, आधार कार्ड, सीवी, मेडिकल रिपोर्ट आदि दस्तावेज मांगते।
- फिर फर्जी ऑफर लेटर बनाकर उन्हें व्हाट्सएप या डाक से भेजते।
- एक व्यक्ति से औसतन 45,000 रुपये वसूले जाते थे।
- पैसे लेने के लिए फर्जी बैंक खाते और एटीएम कार्ड गरीब लोगों के नाम से खुलवाए जाते थे।
- आरोपी महिलाओं को भी 6 से 8 हजार रुपये मासिक वेतन पर नौकरी पर रखते थे ताकि ऑफिस असली लगे।
- जब किसी पीड़ित को शक होता या वीजा असली साबित नहीं होता तो ये लोग अचानक ऑफिस बंद कर फरार हो जाते थे।
तैयार कर रखा था फर्जी कंपनियों का जाल
आरोपी खुद को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का एजेंट बताते थे। इनके द्वारा प्रयोग की जाने वाली फर्जी कंपनियों के नाम थे
- Holly International
- Zayan International
- Proud International
- SI Overseas
- Mone Overseas
- Omexe International
इनके जरिए कुवैत, अजरबैजान, ओमान जैसे देशों में नौकरी दिलाने का झांसा दिया जाता था।
अभियुक्तों ने आपस में बांट रखा था काम
- अंकित गुप्ता पुत्र अनिल गुप्ता, निवासी स्कूल ब्लॉक थाना मधु विहार, पूर्वी दिल्ली (कॉलिंग, ऑफर लेटर बनाना, वीजा बनाना)
- विजय कुमार पुत्र रोहताष कुमार, निवासी ज्योति कॉलोनी थाना शाहदरा, पूर्वी दिल्ली (कॉलिंग)
- कुणाल मेहता पुत्र विजय मेहता, निवासी स्कूल ब्लॉक थाना मंडावली, पूर्वी दिल्ली (गाड़ी चलाना और साथ रहना)
- राजेश शर्मा पुत्र रोहताष शर्मा, निवासी दुर्गा गली बाबरपुर शाहदरा, पूर्वी दिल्ली (कॉलिंग)
- नवनीत जैन पुत्र नरेन जैन, निवासी बलवीर नगर एक्सटेंशन गली नम्बर 10, थाना शाहदरा, दिल्ली (कॉलिंग, ऑफर लेटर बनाना, फर्जी वीजा तैयार करना)
- रजनीकांत उर्फ लल्ला पुत्र रामसेवक, निवासी स्कूल ब्लॉक थाना मधु विहार, पूर्वी दिल्ली (फर्जी खाता और एटीएम उपलब्ध कराना)
- हेमंत शर्मा पुत्र रोहताष शर्मा, निवासी राजनगर एक्सटेंशन थाना नंदग्राम, जिला गाजियाबाद (कॉलिंग, ऑफर लेटर बनाना, वीजा बनाना)
ऐसे लगाते थे भोले-भाले लोगों को चूना
पूछताछ में सामने आया कि यह गिरोह विभिन्न एम्बेसी की फर्जी मुहरें स्कैन और कलर प्रिंट कर इस्तेमाल करता था।
- आरोपी वीजा पर नकली स्टैम्प लगाकर पीड़ितों को देते थे।
- पीड़ित जब एम्बेसी में वेरिफिकेशन कराने जाते तो वीजा नकली निकलता।
- आरोपियों ने अपने लैपटॉप और कंप्यूटर में अलग-अलग देशों की एम्बेसी की फर्जी मुहरें सेव कर रखी थीं।
कार्रवाई में ये टीम रही शामिल
इस कार्रवाई में थाना हरीपर्वत और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम में प्रभारी निरीक्षक नीरज शर्मा (थाना हरीपर्वत), उपनिरीक्षक दीपक कुमार (चौकी प्रभारी दिल्ली गेट), उपनिरीक्षक विनोद कुमार (चौकी प्रभारी संजय प्लेस), उपनिरीक्षक प्रशांत सिंह (चौकी प्रभारी अखबरिया आजम खान), उपनिरीक्षक मोहित शर्मा (चौकी प्रभारी नेहरू नगर), उपनिरीक्षक अजीत सिंह (थाना हरीपर्वत), महिला हेड कांस्टेबल राखी (थाना हरीपर्वत), कांस्टेबल विजय कुमार (कार्यालय सहायक पुलिस आयुक्त हरीपर्वत), कांस्टेबल संदीप और कांस्टेबल मंगल सिंह (साइबर सेल नगर जोन) शामिल रहे।
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