जगनेर।थाना जगनेर क्षेत्र में गंधक पोटाश से भरे लोहे के पाइप से बने उपकरण में धमाका होने से तीन मासूस बुरी तरीके से झुलस गए। इसमें एक की हालत गंभीर बताई जा ही है। घटना जगनेर कस्बा के वार्ड संख्या 7 स्थित विवेकानंद नगर की बताई जा रही है। घायलों को आगरा एडमिट कराया गया है। जहां एक की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा उस समय हुआ जब बच्चे दीपावली की रात आतिशबाज़ी कर रहे थे। इस दौरान लोहे के पाइप से बने उपकरण मेें गंधक पोटाश की मात्रा ज्यादा भरने से धमाका हो गया। इससे 11 वर्षीय परी, 12 वर्षीय गोलू पुत्र मुकेश परमार और 6 वर्षीय देव पुत्र राम अवतार परमार मौजूद थे। इसके साथ और भी बच्चे थे। अचानक लोहे के पाइप से बने उपकरण में गंधक पोटाश की ज्यादा मात्रा होने से दबाव बढ़ने से जोरदार धमाका हो गया। इससे तीनों बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए।
धमाके की आवाज़ सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे और खून से लथपथ बच्चों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जगनेर ले गए। प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने तीनों को गंभीर हालत में आगरा रेफर कर दिया।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, हादसे में एक बालक की हालत अत्यंत गंभीर बताई जा रही है। उसके दोनों हाथ और शरीर के कई हिस्से पूरी तरह झुलस गए हैं। धमाका इतना जबरदस्त था कि लोहे से बने उपकरण के भी टुकड़े उड़ गए।स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि जगनेर में बिना लाइसेंस के कई पटाखों की दुकानें खुलेआम संचालित हो रही हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई निगरानी नहीं है।
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मौत का सामान: सिर्फ 250-300 रुपये में बिक रहा खतरनाक धमाका-उपकरण
जगनेर। दीपावली के त्योहार नजदीक आते ही एक जानलेवा उपकरण खुलेआम शहर से लेकर गांव कस्बों तक धड़ल्ले से बिक रहा है। सस्ता, तेज धमाका करने वाला ये लोहे के पाइप से बना उपकरण और पूरी तरह अवैध है। स्थानीय बाजारों में लोहे की नाल और रॉड से वेल्डिंग करके बनाए जाने वाले इस उपकरण की कीमत महज ₹250–₹300 के बीच है।
स्थानीय युवाओं में इस उपकरण की मांग इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि यह पारंपरिक पटाखों की तुलना में सस्ता है और धमाका बहुत तेज होता है। लेकिन सस्ता अब घातक साबित हो रहा है। इसमें गंधक और पोटाश (समान मात्रा में मिलाकर) डाला जाता है, और थोड़ी-सी भी मात्रा बढ़ने पर लोहे की नाल फट सकती है जिससे चलाने वाला घायल या मर भी सकता है। इन उपकरणों का कोई मानक, नाम या गारंटी नहीं है। बस एक भयानक जोखिम भरा धमाका है।शहर से लेकर देहात तक खुलेआम बिक्री
शहर से लेकर गांव देहात, कस्बाें में ये उपकरण बिना किसी रोक-टोक के यह उपकरण सड़क किनारे रखकर बेचा जा रहा है। दुकानें, ठेले और स्थानीय कारीगर दीपावली से ठीक पहले इन उपकरणों का ढेर लगा देते हैं। खरीदने वाले अक्सर युवा होते हैं जिनमें “शोर और ताजा धमाका” की दीवानगी दिखाई देती है। जानकारी और घटनाक्रमों के मुताबिक यह उपकरण कानूनी दृष्टि से प्रतिबंधित, अवैध हथियार माना जाता है। पिछले वर्षों में भी ऐसे उपकरणों से कई दुर्घटनाएँ और झुलसे हुए मामले दर्ज हुए हैं। बावजूद इसके, बाजारों में इसकी बेखौफ बिक्री और युवाओं की खरीदारी जारी है। कारणों में सस्ती कीमत और पटाखों की तुलना में अधिक तेज धमाका प्रमुख है।
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