गोवर्धन। संत प्रेमानंद महाराज ने दानघाटी मंदिर पहुंचकर गिर्राज जी के दर्शन और पूजा-अर्चना की। मंदिर के वरिष्ठ पुजारियों के आमंत्रण पर महाराज ने दर्शन किए, जहां भक्तों की भीड़ उनका आशीर्वाद पाने उमड़ पड़ी।
सोमवार को वृंदावन स्थित अपने आश्रम से संत प्रेमानंद महाराज दानघाटी मंदिर पहुंचे और गिर्राज जी की विधिवत पूजा-अर्चना की। सुबह मंदिर के वरिष्ठ पुजारी मीनालाल पुरोहित, सेवायत रामेश्वर पुरोहित, श्यामबाबू पुरोहित और जितेंद्र पुरोहित महाराज जी से मिलने वृंदावन पहुंचे थे। उन्होंने दानघाटी मंदिर में गिर्राज जी की पूजा-सेवा के लिए उन्हें आमंत्रित किया।
आमंत्रण स्वीकार करते हुए प्रेमानंद महाराज दोपहर में मंदिर पहुंचे, जहां पुजारियों और सेवायतों ने उनका स्वागत किया। महाराज ने गिर्राज महाराज के समक्ष दीप-धूप और मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की। इस दौरान मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ आई और सभी ने महाराज का आशीर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त किया। मंदिर प्रशासन के अनुसार, प्रेमानंद महाराज का आगमन भक्तों के लिए विशेष आध्यात्मिक अवसर रहा। महाराज ने दर्शन के बाद भक्तों को भक्ति, सेवा और नामस्मरण के महत्व का संदेश दिया।
गिरिराज परिक्रमा, मार्ग में पुष्पवर्षा के बीच उमड़े श्रद्धालु
ब्रजधाम में संत प्रेमानंद महाराज के गोवर्धन आगमन पर श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। महाराज ने गिरिराज परिक्रमा की, इस दौरान मार्ग में जगह-जगह पुष्पवर्षा की गई और दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। प्रशासन और स्वयंसेवकों ने व्यवस्था संभाली।
वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ब्रजधाम के प्रमुख तीर्थ गोवर्धन पहुंचे, जहां उन्होंने गिरिराज महाराज की परिक्रमा की। उनके आगमन की सूचना फैलते ही भक्तों में उत्साह बढ़ गया और दर्शन तथा आशीर्वाद पाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ परिक्रमा मार्ग पर जुटने लगी।
महाराज ने अपने शिष्यों और भक्तों के साथ परिक्रमा प्रारंभ की। साधारण वेशभूषा और शांत मुद्रा में राधा नाम का जप करते हुए वे आगे बढ़ते रहे। उनकी एक झलक पाने के लिए हजारों भक्त पूरे मार्ग में कतारबद्ध दिखे। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया।
भक्तों की बढ़ती भीड़ के कारण परिक्रमा मार्ग पर कुछ समय के लिए यातायात धीमा हो गया, लेकिन स्थानीय प्रशासन और स्वयंसेवकों ने व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा। भक्तों ने इस दिन को सौभाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि गिरिराज की परिक्रमा करते समय महाराज का सानिध्य मिलना उनके लिए विशेष आशीष जैसा है।
प्रेमानंद महाराज के इस गोवर्धन दौरे ने एक बार फिर ब्रजभूमि की आध्यात्मिक परंपरा और संत-महात्माओं के प्रति लोगों की गहरी आस्था को मजबूत रूप से प्रकट किया। परिक्रमा पूर्ण करने के बाद महाराज ने भक्तों को भक्ति और प्रभु नाम के मार्ग पर दृढ़ता से चलने का संदेश दिया।

