Agra/ Bharatpur/ Rajasthan NewsMajor accident in Bharatpur: 4 people of the same family died and 2 were seriously injured due to soil collapse during excavation of Chambal project

टूडे। न्यूजट्रैक। हिन्दी। न्यूज। राजस्थान।

भरतपुर में बड़ा हादसा: चंबल प्रोजेक्ट की खुदाई में मिट्टी ढहने से एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत, 2 गंभीर घायल

आगरा के फतेहपुर सीकरी के उट्‌टू गांव के थे सभी मृतक और घायल | चोरी-छिपे मिट्टी भरने के दौरान हुआ हादसा

आगरा /भरतपुर राजस्थान।राजस्थान के भरतपुर जिले में रविवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के 10 लोग मिट्टी के नीचे दब गए, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा गहनौली थाना क्षेत्र के जंगी के नगला गांव के पास चंबल प्रोजेक्ट की पाइपलाइन खुदाई के दौरान हुआ। हादसा सुबह करीब 8:30 बजे हुआ, जब आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी तहसील के उट्‌टू गांव से आए मजदूर पीली मिट्टी भरने के लिए करीब 10 फीट गहरे गड्ढे में उतरे थे। खुदाई के दौरान मिट्टी की एक बड़ी परत अचानक भरभराकर गिर पड़ी, जिससे सभी मजदूर दब गए।

हादसे के बाद मौके पर जुटी ग्रामीणों की भीड़ पुलिस प्रशासनिक अधिकारी रेस्क्यू में जुटे 


क्यों कर रहे थे मिट्टी की खुदाई

पुलिस के अनुसार, यह लोग चोरी-छिपे पीली मिट्टी भरने आए थे। यह मिट्टी कच्चे घरों की लिपाई और मिट्टी के बर्तन बनाने में काम आती है। क्षेत्र में चंबल परियोजना के तहत पाइपलाइन डालने का कार्य चल रहा था, जिसमें गड्ढा पहले से ही खुदा हुआ था। मजदूरों ने बिना सुरक्षा के उस गड्ढे में मिट्टी भरने का काम शुरू कर दिया था।


हादसे के बाद का रेस्क्यू ऑपरेशन

घटना की सूचना मिलते ही थाना पुलिस, प्रशासन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। लगभग 6 लोगों को मिट्टी के नीचे से बाहर निकाला गया। इनमें से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक महिला ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।


चंबल प्रोजेक्ट के तहत खोदी जा रही पाइपलाइन
मृतकों की पहचान

  1. अनुकूल (22 वर्ष) – पुत्र रामवीर
  2. योगेश कुमारी (25 वर्ष) – पत्नी अनुकूल
  3. विनोद देवी (55 वर्ष) – अनुकूल की मां
  4. विमला देवी (45 वर्ष) – रिश्तेदार

घायलों की स्थिति

  1. दिनेश (38 वर्ष) – पुत्र नाहर सिंह
  2. जयश्री (50 वर्ष) – पत्नी विजेंद्र

दोनों को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अन्य चार लोग सुरक्षित बचा लिए गए।


पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया

गहनौली थानाध्यक्ष विजय सिंह ने बताया कि,“सभी लोग चोरी-छिपे मिट्टी भरने के लिए खुदाई वाली जगह में घुसे थे। गड्ढा करीब 10 फीट गहरा था। अचानक ऊपर की भारी मिट्टी उनके ऊपर गिर गई।”

  ने कहा,

“चंबल योजना की पाइपलाइन खुदाई साइट पर सुरक्षा प्रबंधन था, लेकिन पीड़ित बिना अनुमति के पहुंचे थे। जांच की जा रही है कि वहां सुरक्षा घेरा क्यों नहीं था।” 

अमित डोरिया,  सीओ उच्चैन


सवालों के घेरे में निर्माण कार्य की सुरक्षा व्यवस्था

घटना ने चंबल प्रोजेक्ट की खुदाई साइट की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, खुदाई के स्थानों को खुला छोड़ा गया था, जिससे आम लोग वहां आसानी से पहुंच सकते थे।


गांव में मातम का माहौल

आगरा के उट्‌टू गांव में एक साथ चार लोगों की मौत की खबर से मातम पसर गया है। सभी मृतक एक ही परिवार के सदस्य थे। गांव में शोक की लहर है और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।


प्रशासन ने किया मुआवजे का आश्वासन

प्रशासन की ओर से प्राथमिक सहायता और मुआवजे की घोषणा की तैयारी की जा रही है। जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।

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भरतपुर में पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही चारों शव गांव पहुंचे, गूंज उठीं चीखें , मोक्ष धाम में हुआ अंतिम संस्कार, उमड़ा जनसैलाब

फतेहपुर सीकरी/ आगरा: भरतपुर के गांव दौलतगढ़ में रविवार सुबह हुए दर्दनाक हादसे ने उत्तर प्रदेश के फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के उत्तू गांव को मातम में डुबो दिया। मिट्टी धंसने से एक ही परिवार के चार सदस्यों की जान चली गई। भरतपुर में पोस्टमार्टम के बाद जब चारों शव दोपहर एक बजे गांव पहुंचे, तो पूरे उत्तू गांव में कोहराम मच गया। रोते-बिलखते स्वजन और आंसू बहाते ग्रामीणों के बीच दोपहर करीब तीन बजे मोक्ष धाम पर चारों शवों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस दृश्य ने हर आंख को नम कर दिया।

हादसे में गई चार लोगों की जान

हादसे में गांव उत्तू निवासी फौरन सिंह माहुरा नेताजी के बेटे अमित की पत्नी योगेश कुमारी, भाई मुंशीलाल की पत्नी विनोद कुमारी, श्रीपथ की पत्नी विमला देवी, और चचेरे भतीजे बृजेंद्र सिंह के बेटे अनुकूल की मौत हो गई। हादसे के वक्त ये सभी ग्रामीण भरतपुर के दौलतगढ़ गांव में मिट्टी की खुदाई के दौरान धंसी मिट्टी के नीचे दब गए थे। बताया गया कि ये मिट्टी घरों की लिपाई-पुताई व चूल्हे बनाने के लिए उपयोग की जाती थी।

गांव में पसरा मातम, नहीं जले चूल्हे

हादसे की खबर मिलते ही उत्तू गांव में मातम छा गया। ग्रामीण और परिजन तुरंत घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। शवों के गांव लौटने के बाद माहौल ऐसा था कि चीत्कारों ने पूरे गांव को झकझोर दिया। दिनभर किसी भी घर में चूल्हे तक नहीं जले। लोगों ने शोक-संतप्त परिजनों को संभालने का प्रयास किया, लेकिन मातम का सन्नाटा हर ओर फैला रहा।

अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब

दोपहर तीन बजे उत्तू गांव के मोक्ष धाम में जब चारों चिताएं एक साथ जलीं, तो उपस्थित सैकड़ों लोगों की आंखें नम थीं। अंतिम संस्कार में केवल ग्रामीण ही नहीं, बल्कि भरतपुर और फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि, अफसर और नेता भी मौजूद रहे।

ये जनप्रतिनिधि रहे मौजूद

अंतिम संस्कार में सांसद राजकुमार चाहर के पुत्र परमवीर चाहर, प्रमुख प्रतिनिधि गुड्डू चाहर, विधायक प्रतिनिधि डॉ. रामेश्वर चौधरी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष सोनू चौधरी, डॉ. संतोष खरवार, राहुल चौधरी, मुकेश डागुर, प्रधान थान सिंह, सरपंच राजेंद्र सोलंकी, पूर्व प्रमुख हुकुम सिंह, बीडीसी सदस्य श्यामवीर, बसपा जिलाध्यक्ष विमल वर्मा, पूर्व एमएलसी प्रताप सिंह बघेल, पूर्व राज्य मंत्री अजय सिंह गौतम, एसीपी गौरव सिंह सहित थाना पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।

धार्मिक आयोजन किया गया स्थगित

इस हृदय विदारक हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सोनू चौधरी ने बताया कि 1 जुलाई को गांव सामरा में ताल वाले बाबा मंदिर पर सुंदरकांड पाठ और भंडारे का आयोजन प्रस्तावित था, लेकिन चार ग्रामीणों की मृत्यु के चलते कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।

हादसे के पीछे लापरवाही और बारिश जिम्मेदार

गांव उत्तू के प्रधान थान सिंह ने जानकारी दी कि धौलपुर से डीग तक जलापूर्ति के लिए चंबल परियोजना के तहत पाइप लाइन बिछाई जा रही है। भरतपुर के गांव दौलतगढ़ के ग्रामीणों ने 10 दिन पहले ही निर्माण कार्य रुकवा दिया था, लेकिन प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। क्षेत्र के ग्रामीण पिछले एक सप्ताह से मिट्टी की खुदाई कर रहे थे। बारिश के चलते मिट्टी गीली हो गई थी, जिससे वह धंस गई और हादसा हो गया।

चिकनी मिट्टी की होती है मांग

ग्रामीणों ने बताया कि जिस पीली चिकनी मिट्टी की खुदाई की जा रही थी, वह घरों की लिपाई-पुताई, चूल्हे बनाने और धार्मिक आयोजनों में उपयोग होती है। यह मिट्टी सामान्यतः कुछ सीमित स्थानों पर ही मिलती है, इसी कारण ग्रामीण उसे इकट्ठा कर सालभर के लिए रखते हैं।


इस हादसे ने न केवल चार जिंदगियां छीन लीं, बल्कि पूरे गांव को शोक में डुबो दिया। जिम्मेदार विभागों की अनदेखी और मौसम की मार ने यह त्रासदी रच दी, जिससे पूरे अंचल में शोक और रोष व्याप्त है।

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