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75वें गुरुजन सम्मान समारोह में साधना, संस्कृति और सम्मान की त्रिवेणी
गुरुपूर्णिमा पर आगरा में हुआ भव्य आयोजन, विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को किया गया सम्मानित
आगरा :पं. रघुनाथ तलेगाँवकर फाउंडेशन ट्रस्ट एवं संगीत कला केन्द्र, आगरा के संयुक्त तत्वावधान में ग्रांड होटल आगरा के मुख्य सभागार में 75वां गुरुजन सम्मान समारोह एवं गुरुपूर्णिमा महोत्सव अत्यंत भव्यता एवं श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत प्रथम पूज्य गणपति एवं मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई। पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर, पं. विष्णु नारायण भातखण्डे, पं. रघुनाथ तलेगाँवकर, सुलभा जी, रानी सरोज गौरीहार, उस्ताद लल्लू सिंह एवं संगीत नक्षत्र पं. केशव जी के चित्रों पर माल्यार्पण कर गुरुओं को नमन किया गया।
दीप प्रज्वलन एवं पूजन कार्य मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. आर. एस. पारीक तथा ट्रस्ट सदस्यों द्वारा किया गया।
सांगीतिक प्रस्तुतियों से सजी शाम
कार्यक्रम की प्रथम प्रस्तुति में संगीत कला केन्द्र की नन्ही छात्रा निहि सिंह ने “जय जय माता शारदे” सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इसके पश्चात गुरुवंदना “गुरु तेरी महिमा अपरम्पार” निहि सिंह एवं राघव गर्ग ने भावपूर्ण रूप में प्रस्तुत की।
संगीत साधक किशन कुमार ने राग अल्हैया बिलावल में “लाज रखो तुम कृष्ण मुरारी” एवं एक तराना प्रस्तुत कर श्रोताओं को रसविभोर कर दिया। दर्शित राज सोनी एवं सुमित कुमार ने “गुरु बिन ज्ञान कहाँ से पाऊँ” की शास्त्रीय प्रस्तुति से गुरु महिमा का गायन किया।
केन्द्र की छात्राओं आर्ची, आरुषि राय, कल्पना ठाकुर, अभिलाषा शुक्ला एवं ईशा सेठ ने राग गौड़ मल्हार व मियाँ मल्हार में “बोलन आए दादुरवा” तथा “बूंदन बरसे जिया हुलसे” की संगीतमय प्रस्तुति दी। वहीं महक जादौन, आर्या भाटी, खुशी झा, दृष्टि उपाध्याय व शुभि अग्रवाल ने “रिमझिम रिमझिम बादल बरसे” एवं “बैरी बदरा तू काहे बरसे मोरे अंगना” की लोक-शैली में ऊर्जावान प्रस्तुति दी।
इन प्रस्तुतियों का निर्देशन गुरु माँ प्रतिभा तलेगाँवकर ने किया, तबला संगत मनीष प्रभाकर एवं संवादिनी पर पं. रविन्द्र तलेगाँवकर ने की।
विद्यार्थियों को मिला मंच, मिला सम्मान
प्रस्तुति देने वाले सभी छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र एवं मेडल ट्रस्ट की सदस्य वत्सल प्रभाकर एवं डॉ. आभा चतुर्वेदी द्वारा प्रदान किए गए।
नगर के गुणीजनों को किया गया सम्मानित
समारोह के मुख्य चरण में आगरा के विशिष्ट व्यक्तित्वों को उनके क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए “गुरुजन सम्मान” से अलंकृत किया गया।
सम्मानित व्यक्तित्वों में
बीना शर्मा को साहित्य शिल्पी सम्मान प्रदान किया गया, वहीं गिरधर शर्मा ने शिक्षा शिल्पी के रूप में अपनी पहचान बनाई।बचन सिंह सिकरवार को जनसंचार शिल्पी के सम्मान से नवाजा गया, जबकि अमृत कुमार को संगीत शिल्पी के रूप में मंच पर सराहा गया।कृष्ण जी को वाणी विलास की श्रेणी में सम्मान प्राप्त हुआ, और संजय देवले को आदर्श गुरु के रूप में मान्यता दी गई।अनिल शर्मा को समाज शिल्पी की उपाधि दी गई, वहीं नीलू शर्मा को नृत्य शिल्पी के सम्मान से अलंकृत किया गया।
इन सभी को संस्था संरक्षक डॉ. राधेश्याम पारीक, अध्यक्ष विजय पाल सिंह चौहान, उपाध्यक्ष श्री अनिल वर्मा, डॉ. मंगला मठकर, श्री रविन्द्र तलेगाँवकर एवं प्रतिभा तलेगांवकर द्वारा शाल, सम्मान-पत्र व पुष्प प्रदान कर सम्मानित किया गया।सम्मानितों का परिचय डॉ. महेश चंद्र धाकड़ ने भावपूर्ण शब्दों में प्रस्तुत किया।
ये रहे मौजूद
नगर के अनेक विद्वानों व कलाप्रेमियों का समारोह में ससम्मान स्वागत किया गया। इनमें
पं. देबाशीष चक्रवर्ती, पं. मोहित कुमार, अनिल डंग, डॉ. अरुण चतुर्वेदी, दीपक प्रह्लाद, पार्थो सेन, डॉ. आभा चतुर्वेदी, योगेश शर्मा योगी, राज बहादुर सिंह, डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव, धन्वंतरि पराशर, डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. वंदना अग्रवाल, डॉ. मनीषा,विलास पालखे, आनंद हरिदास, असलम सलीमी, उस्ताद सलीम ख़ान, मेघा शर्मा व मीनू गिरी शामिल रहे।
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