Agra News:Jalkal department is strict on water quality, more than 300 samples are being tested every day, GM Jalkal himself is monitoring

आगरा न्यूज। हिन्दी समाचार। टूडे न्यूजट्रैक। उत्तर प्रदेश।

जल की गुणवत्ता पर जलकल विभाग सख्त, हर दिन

 हो रही 300 से अधिक सैंपल की जांच,जीएम

 जलकल खुद कर रहे मॉनिटरिंग

डोर-टू- डोर सैंपल लेकर पानी की गुणवत्ता की जांच करती जलकल विभाग की टीम

आगराआगरा शहरवासियों को स्वच्छ एवं गुणवत्तायुक्त पेयजल मुहैया कराने के लिए जलकल विभाग ने अपनी निगरानी और टेस्टिंग प्रक्रिया को और अधिक सख्त और सक्रिय कर दिया है। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देश पर शहर में पानी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जलकल विभाग के जीएम ए.के. राजपूत स्वयं इस संपूर्ण प्रक्रिया की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।

हर दिन 300 से अधिक पानी के सैंपल की जांच

जलकल विभाग द्वारा संचालित विशेष अभियान के तहत शहर के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिदिन 300 से अधिक पानी के सैंपल एकत्र कर उनकी टेस्टिंग की जा रही है। यह टेस्टिंग OT (Orthotolidine Test) के माध्यम से की जा रही है, जिससे पानी में एफआरसी (फ्री रेसिडुअल क्लोरीन) की मात्रा की जांच होती है। जीएम ने बताया कि यदि एफआरसी की मात्रा 0.2 पीपीएम से कम पाई जाती है, तो इसका मतलब है कि पानी में मिलावट अथवा बैक्टीरिया की मौजूदगी की आशंका हो सकती है, जिससे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बनीं 'अमित मित्रा'

इस अभियान में डूडा (DUDA) के अंतर्गत गठित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को जोड़ा गया है, जिन्हें "अमित मित्रा" की संज्ञा दी गई है। इन महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण देने के बाद पानी टेस्टिंग किट्स प्रदान की गई हैं, जिनसे ये विभिन्न वार्डों में जाकर सैंपलिंग और रिपोर्टिंग का कार्य कर रही हैं। वर्तमान में शहर के 25 वार्डों में यह कार्य प्रभावी रूप से चल रहा है।

शहर की सभी बस्तियों और कॉलोनियों में चल रहा है टेस्टिंग कार्य

शहर की सभी बस्तियों और कॉलोनियों, जो जलकल विभाग से पोषित हैं, वहां घर-घर जाकर पानी की जांच की जा रही है। टेस्टिंग का कार्य टेल पॉइंट (यानि पाइपलाइन के अंतिम छोर) तक किया जा रहा है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतिम उपभोक्ता तक साफ और सुरक्षित पानी पहुंचे।

पानी में पीएसी (PAC - Poly Aluminium Chloride) और क्लोरीन की मात्रा की भी जांच की जा रही है ताकि जल का शुद्धिकरण बेहतर ढंग से किया जा सके।

शिकायत मिलने पर 24 घंटे में टीम मौके पर

जीएम जलकल ए.के. राजपूत ने बताया कि यदि किसी क्षेत्र से गंदे या मटमैले पानी की शिकायत प्राप्त होती है, तो तत्काल कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर जलकल की टीम को मौके पर भेजा जाता है। वहां जाकर संबंधित पाइपलाइन की जांच, क्लोरीनेशन और आवश्यक सुधार कार्य किया जाता है।

हर 15 दिन में लखनऊ भेजे जाते हैं सैंपल

जलकल विभाग की ओर से हर 15 दिनों में 4 से 5 पानी के सैंपल लखनऊ भेजे जाते हैं, जहां बायोलॉजिकल और केमिकल टेस्टिंग की जाती है। इन टेस्टिंग रिपोर्ट्स का गहन विश्लेषण किया जाता है और जो भी खामियां उजागर होती हैं, उनके आधार पर कार्यवाही की जाती है।

बारिश में मटमैले पानी की समस्या, प्री डोजिंग में बढ़ोत्तरी

जीएम ने बताया कि बरसात के मौसम में गंगाजल और यमुना जल मटमैला होकर आता है, जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित होती है। ऐसे में जल को स्वच्छ करने के लिए PAC द्वारा प्री डोजिंग की मात्रा को बढ़ा दिया गया है। यह प्रक्रिया जल को साफ और पीने योग्य बनाए रखने में सहायक है।

निगरानी में कोई ढिलाई नहीं

जीएम ए.के. राजपूत ने स्पष्ट किया कि जलकल विभाग शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। वे स्वयं सैंपलिंग, मॉनिटरिंग और टेस्टिंग प्रक्रिया की नियमित निगरानी कर रहे हैं ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही की गुंजाइश न रहे।

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TODAY NewsTrack

Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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