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दर्दनाक हादसा: एक साथ जलीं पिता-पुत्रों की
चिताएं, मां-बेटी को नहीं नसीब हुए अंतिम दर्शन
यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसे में छह की मौत, गाड़ी में जगह नहीं
थी इसलिए दो की बची जान
मथुरा/ आगरा। शनिवार तड़के यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण सड़क हादसे ने कई परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया। आगरा के बाह थाना क्षेत्र अंतर्गत हरलालपुरा गांव निवासी धर्मवीर सिंह, उनके दो बेटे रोहित और आर्यन की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि पत्नी सोनी और बेटी पायल जिंदगी और मौत के बीच अस्पताल में जूझ रही हैं। दुर्घटना के बाद गांव में जब तीनों शव पहुंचे तो मातम का माहौल और भी भारी हो गया। पिता और पुत्रों की चिताएं एक साथ जलीं, लेकिन मां-बेटी को अंतिम दर्शन भी नसीब नहीं हो सके।
गाड़ी में जगह नहीं थी, इसलिए बची दो की जान
धर्मवीर सिंह की कैटरिंग की टीम में शामिल उनका साला विश्वनाथ और भतीजा अनुराग भी साथ आने वाले थे, लेकिन कार में जगह न होने के कारण दोनों दिल्ली में रुक गए। सुबह हादसे की खबर मिलते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। धर्मवीर और उनके बेटे बाह में आयोजित भंडारे के लिए दिल्ली से रवाना हुए थे। कार में कुल छह लोग सवार थे, जिनमें से धर्मवीर, रोहित, आर्यन और उनके साथी दुष्यंत की मौत हो गई। पत्नी सोनी और बेटी पायल को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।
30 नवंबर को होनी थी बेटे रोहित की शादी
धर्मवीर सिंह के बड़े बेटे रोहित की शादी 30 नवंबर को पिनाहट के पास तय थी। वह कैटरिंग के बाहरी काम संभालते थे, जबकि छोटे बेटे आर्यन ने होटल मैनेजमेंट किया था और दुकान पर बैठते थे। बेटी पायल ने इस वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। पूरा परिवार दिल्ली के समयपुर बादली में रहता था और वहीं से कैटरिंग का कारोबार संचालित करता था।
दोस्त दुष्यंत भी हादसे का शिकार
धर्मवीर की दुकान के पास ही पॉलिथीन फैक्ट्री थी, जहां दुष्यंत मुनीम था। रोहित और दुष्यंत में गहरी दोस्ती थी। भंडारे में शामिल होने के लिए रोहित उसे भी साथ लेकर आया था। हादसे में उसकी भी मौत हो गई।
गांव में मातम, हर आंख नम
जब शनिवार दोपहर तीन बजे पिता और पुत्रों के शव गांव पहुंचे तो चीख-पुकार मच गई। हर कोई स्तब्ध था। चंबल घाट पर तीनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया। स्वजन रो-रोकर बेसुध थे। ग्रामीणों ने बताया कि इसी वर्ष फरवरी में भाई राकेश की बेटी की शादी में पूरा परिवार गांव आया था, तब कोई नहीं जानता था कि अगली बार वापसी इस तरह होगी।
पैर कटने से रोजी-रोटी पर संकट
गांव गढ़सौली के पास पलटी स्लीपर कोच, मुरैना के मोनू रावत का कटा पैर
बलदेव थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव गढ़सौली के पास यमुना एक्सप्रेसवे पर शनिवार को तेज रफ्तार स्लीपर कोच अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में करीब 50 यात्री घायल हुए। सबसे गंभीर रूप से घायल सबलगढ़ मुरैना निवासी टाइल्स कारीगर मोनू रावत का एक पैर कट गया। अब वह कई महीनों तक बिस्तर से उठ नहीं पाएंगे।परिवार पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था। मोनू के पिता की दो वर्ष पहले करंट लगने से मौत हो गई थी। तभी से मोनू ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उनके तीन छोटे बच्चे हैं, जिनमें बड़ा बेटा पीयूष मात्र नौ साल का है। पैर कटने की जानकारी मिलने के बाद मोनू और उनके परिजन बेसुध हो गए। अस्पताल में उन्हें रोते देख हर किसी की आंखें नम थीं।
ये हुए घायल
इस बस हादसे में मोनू रावत के अलावा दुर्गेश, मायादेवी (गांव सुंदरपुर, मुरैना), रोहित रावत, धनपत, लक्ष्मी नारायण, सुशील (मुरैना), चेतना, पूजा, राजाराम, पीहू (नई दिल्ली), अक्षय बघेल (अटेर), आकाश, दीपक शर्मा (सिपोई, मप्र), सुनील, श्रीचंद, धर्मेंद्र, रूबी, मनीष चौबे (छतरपुर), आकाश (भिंड), दयाराम, मान सिंह, जुगल किशोर (दिल्ली), संजय शर्मा (बामौरकलां), चंद्रशेखर (झांसी), प्रीतमलाल (रायपुर), पुष्पेंद्र (राजनगर) सहित कई घायल हुए हैं।
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