लखनऊ हिन्दी न्यूज: प्रदेश के 10 मंडलों में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालयों की स्थापना को मंजूरी

योगेन्द्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश

  योगी सरकार का बड़ा फैसला: उच्च शिक्षा में विकेंद्रीकरण और प्रशासनिक सुगमता को मिलेगी मजबूती

लखनऊ।प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में संरचनात्मक सुधार की दिशा में योगी सरकार ने एक अहम निर्णय लेते हुए 10 मंडलों में क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालयों की स्थापना को मंजूरी प्रदान की है। यह निर्णय प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों की निगरानी, मूल्यांकन एवं समन्वयन को स्थानीय स्तर पर सशक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

10 मंडलों में खुलेंगे कार्यालय
प्रदेश के अलीगढ़, आजमगढ़, प्रयागराज, चित्रकूट, देवीपाटन, अयोध्या, बस्ती, विन्ध्याचल, मुरादाबाद और सहारनपुर मंडलों में यह कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। इससे पहले इन मंडलों में कोई क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालय नहीं था, जिससे प्रशासनिक कार्यों में बाधाएं आती थीं।

प्रत्येक कार्यालय में तीन अस्थायी पद सृजित
प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय में तीन-तीन अस्थायी पदों का सृजन किया जाएगा। इनमें क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, सहायक लेखाधिकारी और कनिष्ठ सहायक शामिल होंगे। यह पद 28 फरवरी 2026 तक अस्थायी रूप से प्रभावी रहेंगे। कुल 30 पदों का सृजन किया जाएगा।

प्राचार्यों के स्थानान्तरण से होंगे नियुक्त
क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी का पद राजकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों के स्थानान्तरण के माध्यम से भरा जाएगा। शेष दो पदों (सहायक लेखाधिकारी और कनिष्ठ सहायक) पर नियुक्तियां वित्त विभाग एवं अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा निर्धारित चयन प्रक्रिया के तहत की जाएंगी।

ऑफिस संचालन हेतु आउटसोर्सिंग से मिलेगी मेन पावर
इन कार्यालयों के संचालन हेतु सहायक सेवाओं में कम्प्यूटर ऑपरेटर, वाहन चालक, सफाईकर्मी एवं दो परिचर/चौकीदार की आउटसोर्सिंग के माध्यम से नियुक्ति की जाएगी। प्रत्येक मंडल में यह व्यवस्था लागू होगी, जिससे कुल 50 पदों के समतुल्य मानवशक्ति की व्यवस्था की जाएगी।

आउटसोर्सिंग में MSME एवं श्रम विभाग की गाइडलाइन लागू
मानवशक्ति की व्यवस्था के लिए आउटसोर्सिंग प्रक्रिया में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग (MSME), श्रम विभाग एवं कार्मिक विभाग द्वारा समय-समय पर जारी शासनादेशों का पालन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। चयनित कार्मिकों की नियुक्ति निर्धारित योग्यता एवं मानकों के अनुरूप की जाएगी।

सातवें वेतन आयोग के अनुरूप होगा वेतनमान
निदेशक, उच्च शिक्षा द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सृजित पद न्यूनतम वास्तविक कार्यात्मक आवश्यकता के अनुरूप हों। इसके साथ ही पदों पर सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतनमान एवं भत्ते लागू किए जाएंगे। यह सभी पद अपने संबंधित संवर्ग में अस्थायी वृद्धि माने जाएंगे।

प्रशासनिक दक्षता में आएगी तेजी
यह कदम उच्च शिक्षा विभाग में सुशासन और त्वरित निर्णय प्रक्रिया को बढ़ावा देगा। इससे न केवल उच्च शिक्षा संस्थानों की गुणवत्ता और पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय समस्याओं का समाधान भी समयबद्ध रूप से हो सकेगा।

#YogiGovernment#HigherEducation#EducationReforms#Decentralization#RegionalEducationOffices#UPEducation#AdministrativeEfficiency#NewEducationPolicy#SkillIndia#DigitalEducation

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form