जिलाधिकारी की मौजूदगी में फरियादियों की समस्याएं सुनी गईं
आगरा में जनसमस्याओं के निस्तारण की पहल
आगरा जिले की किरावली तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण, किसान और आमजन अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रत्येक शिकायत को गंभीरता से सुना और निस्तारण की दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।
भूमि विवाद प्रमुख शिकायतों में शामिल
समाधान दिवस के दौरान सबसे अधिक शिकायतें भूमि विवाद से संबंधित सामने आईं। इन मामलों में राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीमों को तत्काल जांच करने के निर्देश दिए गए। अधिकारियों से कहा गया कि शिकायतों को केवल कागज़ी कार्रवाई तक सीमित न रखा जाए बल्कि मौके पर जाकर हकीकत जानी जाए।
गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध निस्तारण पर जोर
जनपद प्रशासन ने साफ कहा कि सभी शिकायतों का निस्तारण निर्धारित समय सीमा में होना चाहिए। इसके साथ ही शिकायतकर्ता से लगातार संपर्क बनाए रखने और उन्हें प्रगति की जानकारी देने पर बल दिया गया।
47 शिकायतें दर्ज, 6 का मौके पर निस्तारण
कुल 47 शिकायतें समाधान दिवस में दर्ज हुईं। इनमें से 6 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। शेष शिकायतें विभिन्न विभागों से संबंधित रहीं, जिनमें चकरोड निर्माण, अवैध कब्जा, नाली निर्माण और अतिक्रमण जैसी समस्याएं प्रमुख रहीं।
विभागवार शिकायतों का ब्योरा
- राजस्व विभाग – 22 शिकायतें
- पुलिस विभाग – 02 शिकायतें
- संयुक्त (राजस्व + पुलिस) – 02 शिकायतें
- विकास विभाग – 11 शिकायतें
- अन्य विभाग – 10 शिकायतें
अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अपने-अपने कार्यालय में समय से जनता की समस्याएं सुनें। मौके पर ही निस्तारण करने का प्रयास किया जाए और यदि तत्काल संभव न हो तो जल्द से जल्द समाधान सुनिश्चित किया जाए।
आईजीआरएस शिकायतों पर विशेष ध्यान
प्रशासन ने कहा कि IGRS (Integrated Grievance Redressal System) पर दर्ज शिकायतों को हल्के में न लिया जाए। इन्हें गंभीरता से निस्तारित किया जाए और क्लोज करने से पहले निस्तारण आख्या का गहन अध्ययन किया जाए।
लापरवाह अधिकारियों पर होगी कार्यवाही
स्पष्ट निर्देश दिया गया कि यदि कोई अधिकारी शिकायत के निस्तारण में लापरवाही करता है या शिकायत को अनदेखा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
राजस्व लेखपालों की विशेष बैठक
समाधान दिवस के बाद राजस्व लेखपालों के साथ बैठक की गई। इसमें पीएम किसान योजना के लंबित आवेदनों का सत्यापन करने के निर्देश दिए गए। साथ ही भूमि विवाद से जुड़े मामलों का मौके पर जाकर निस्तारण करने पर बल दिया गया।
पीएम किसान योजना पर जोर
बैठक में कहा गया कि पीएम किसान योजना से जुड़ी शिकायतें और आवेदन लंबित न रहें। सभी पात्र किसानों को योजना का लाभ समय से मिले।
स्थलीय निरीक्षण होगा अनिवार्य
शिकायतों के निस्तारण के बाद अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जाए। इसके लिए स्थलीय निरीक्षण को अनिवार्य बनाया गया है।
ये रहे मोजूद
इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
- मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह
- अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) चन्द्रशेखर आज़ाद
- मुख्य चिकित्साधिकारी अरुण कुमार श्रीवास्तव
- उप जिलाधिकारी किरावली नीलम
- तहसीलदार दीपांकर
- नायब तहसीलदार शुभ्रा अवस्थी
- जिला पंचायत राज अधिकारी मनीष कुमार
- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जितेंद्र गोड
सहित अन्य जनपद स्तरीय अधिकारी भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
ग्रामीणों का कहना है कि समाधान दिवस जैसे आयोजन से उन्हें अपनी समस्याएं सीधे शीर्ष अधिकारियों के सामने रखने का अवसर मिलता है। इससे उन्हें उम्मीद है कि समस्याओं का समाधान तेज़ी से होगा।
प्रशासन की जवाबदेही तय
समाधान दिवस के दौरान अधिकारियों पर साफ कर दिया गया कि जनता की समस्याओं का हल करना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। यदि किसी स्तर पर लापरवाही हुई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छोटे-छोटे मुद्दों को भी गंभीरता से लिया गया
कई फरियादियों ने नाली निर्माण, सड़क मरम्मत, हैंडपंप खराबी और आवास योजना जैसी समस्याएं उठाईं। अधिकारियों ने इन छोटी-छोटी समस्याओं को भी गंभीरता से सुनकर निस्तारण के लिए आदेश दिए।
भविष्य की दिशा
समाधान दिवस केवल एक औपचारिकता न रहकर वास्तविक जनसुनवाई का माध्यम बने, इसके लिए प्रशासन ने ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है।
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