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ग्वालियर हाईवे को कनेक्ट करने वाले इनर रिंग रोड के तीसरे चरण पर चल रहा काम |
आगरा में यातायात को व्यवस्थित करने और शहर के भीतरी हिस्से में वाहनों के दबाव को कम करने के उद्देश्य से इनर रिंग रोड परियोजना की योजना कई साल पहले बनाई गई थी। इसे तीन चरणों में पूरा किया जाना तय हुआ:
- पहला चरण और दूसरा चरण — निर्माण कार्य आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने कराया।
- लंबाई: कुल 18 किमी
- लागत: लगभग 750 करोड़ रुपये
- स्थिति: पूरी तरह चालू
- तीसरा चरण — निर्माण कार्य एनएचएआई आगरा खंड कर रहा है।
- लंबाई: 8 किमी (देवरी रोड से बाद गांव स्थित ग्वालियर हाईवे तक)
- लागत: 350 करोड़ रुपये
इनर रिंग रोड पर चल रहा काम
कब शुरू हुआ था काम?
तीसरे चरण का निर्माण कार्य लगभग डेढ़ साल पहले शुरू हुआ था। प्रारंभिक योजना के अनुसार यह सड़क मार्च 2025 तक पूरी होनी थी। लेकिन भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों के विरोध के कारण करीब चार महीने तक निर्माण कार्य ठप रहा। इस वजह से नई समयसीमा 30 सितंबर 2025 तय की गई।
समय से पहले होगा पूरा, अगले माह से यातायात शुरू
एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार, सड़क का निर्माण अगस्त 2025 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। सितंबर के पहले सप्ताह से इसे आम यातायात के लिए खोलने की तैयारी है।लोकार्पण के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। संभव है कि इसे किसी केंद्रीय मंत्री या राज्य के वरिष्ठ मंत्री के हाथों उद्घाटन कराया जाए।
तकनीकी पहलू और निर्माण की विशेषताएं
- सड़क की चौड़ाई: चार लेन, भविष्य में छह लेन तक बढ़ाने की संभावना
- डिवाइडर और स्ट्रीट लाइटिंग: सुरक्षा और रात्रिकालीन यातायात के लिए आधुनिक लाइटिंग
- ड्रेनेज सिस्टम: मानसून में जलभराव रोकने के लिए दोनों ओर नालियों की व्यवस्था
- पेवमेंट क्वालिटी: हेवी ट्रैफिक को ध्यान में रखकर उच्च गुणवत्ता का बिटुमिनस कंक्रीट
इनर रिंग रोड का तीसरा चरण ग्वालियर हाईवे से होगा कनेक्ट,ग्वालियर हाईवे पर दौड़ते वाहन
एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्शन
इस तीसरे चरण की रोड न केवल ग्वालियर हाईवे से जोड़ेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में यह ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगी। एनएचएआई ग्वालियर खंड द्वारा बनाए जा रहे इस एक्सप्रेसवे से कनेक्शन दो साल बाद संभव होगा।
इससे क्या फायदा होगा?
- जाम से मुक्ति
- शमसाबाद रोड और नहर रोड से गुजरने वाले ट्रकों की संख्या में भारी कमी
- शहर के अंदर हाईवे पर वाहनों का दबाव कम
- समय की बचत
- यमुना एक्सप्रेसवे से ग्वालियर हाईवे तक का सफर 30-40 मिनट तेज होगा
- व्यापार में तेजी
- ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक कंपनियों को समय और ईंधन की बचत
- पर्यटन को बढ़ावा
- ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक अब एक्सप्रेसवे से सीधे ग्वालियर और मध्यप्रदेश के अन्य शहर जा सकेंगे
- शहर में प्रदूषण में कमी
- भारी वाहनों के बाहरी रूट पर जाने से वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी
व्यापार और पर्यटन पर असर
आगरा का पर्यटन उद्योग लंबे समय से बेहतर सड़क कनेक्टिविटी की मांग कर रहा था। इस रोड के खुलने से दिल्ली, लखनऊ, ग्वालियर और राजस्थान के शहरों के बीच यात्रा अधिक सुगम होगी। व्यापारिक दृष्टि से यह मार्ग ट्रक और कंटेनर यातायात को सुचारू करेगा, जिससे
- लॉजिस्टिक लागत घटेगी
- कूरियर और सप्लाई चेन में समय की बचत
- ट्रेड हब के रूप में आगरा की स्थिति मजबूत होगी
जल्द चालू होगा उत्तरी बाइपास
एनएचएआई आगरा खंड द्वारा 14 किमी लंबा उत्तरी बाइपास भी जल्द चालू किया जाएगा। यह पूरी तरह तैयार है और केवल रैपुरा जाट के पास हाईटेंशन लाइन को 11 मीटर ऊंचा करने का कार्य शेष है। इसके चालू होते ही शहर का उत्तरी हिस्सा भी जाम से राहत पाएगा।
फैक्ट चेक बॉक्स
इनर रिंग रोड – तीसरा चरण
- लंबाई: 8 किमी
- लागत: ₹350 करोड़
- शुरूआत: डेढ़ साल पहले
- देरी का कारण: किसानों का विरोध (4 माह)
- नई समयसीमा: 30 सितंबर 2025
- चालू होने की तिथि: सितंबर 2025 (संभावित)
पूरा इनर रिंग रोड प्रोजेक्ट
- कुल लंबाई: 26 किमी (तीनों चरण)
- कुल लागत: ₹1,100 करोड़ से अधिक
- उद्देश्य: शहर के अंदर से भारी यातायात हटाना, एक्सप्रेसवे और हाईवे का सीधा कनेक्शन
भविष्य की योजनाएं
एनएचएआई और राज्य सरकार के बीच चल रही बैठकों में यह चर्चा है कि इस रोड के किनारों पर लॉजिस्टिक पार्क, बस टर्मिनल और इंडस्ट्रियल एरिया विकसित किए जा सकते हैं। इससे क्षेत्रीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
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