Agra News: आगरा जिला जेल में भाई-बहन के प्रेम का पर्व, राखी बांधने उमड़ी सैकड़ों बहनें, रक्षाबंधन की मिठास से महका बाजार,करोड़ों का कारोबार

रक्षाबंधन के त्योहार पर उमड़ी भीड़, रोड पर जाम में फंसे वाहन

बारिश और इंतजार के बीच भी नहीं टूटा उत्साह, जेल प्रशासन ने कियानाश्ते का इंतजाम

आगरा। भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार शनिवार को जिला जेल में भी पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह से ही जेल के बाहर बहनों की लंबी कतारें लग गईं। हाथों में पूजा की थाल, राखियां और मिठाइयां लिए बहनों का यह कारवां अपने बंदी भाइयों से मिलने के लिए बेताब था।

जेल प्रशासन ने राखी बांधने का समय सुबह 8 बजे तय किया था, लेकिन उत्साह का आलम यह था कि सुबह 7 बजे से ही सैकड़ों महिलाएं बच्चों के साथ जेल परिसर के बाहर जुटने लगीं। करीब 8 बजे तक भीड़ इतनी बढ़ गई कि महिलाओं को अलग-अलग जत्थों में अंदर जाने की अनुमति देनी पड़ी।

राखी के धागों में लिपटी प्रेम और सुरक्षा की डोर

जेल के भीतर प्रवेश से पहले सुरक्षा जांच और पहचान की प्रक्रिया पूरी की गई। बहनों को आधार कार्ड के साथ मोहर लगाकर प्रवेश दिया गया। जैसे ही बहनें अपने भाइयों से मिलीं, पहले तिलक किया, फिर कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा और मिठाई खिलाई। कई महीनों बाद अपने भाई से मिलते ही कुछ बहनों की आंखें नम हो गईं। बहनों की आंखों में आए आंसुओं को देखकर भाइयों की आंखें भी भर आईं। यह भावुक नजारा वहां मौजूद हर किसी के दिल को छू गया।

बहनों के लिए नाश्ते की व्यवस्था

रक्षाबंधन के मौके पर जेल प्रशासन और जिला जेल निरोधक समिति ने बहनों के लिए केले, चाय और नाश्ते की व्यवस्था की। जेल गेट के बाहर कुर्सियां लगाई गईं, ताकि अपनी बारी का इंतजार कर रही बहनों को असुविधा न हो। बच्चों के लिए भी पानी और हल्के नाश्ते की सुविधा दी गई।

महिला बंदियों ने बनाई राखियां

जिला जेल के गेट पर इस मौके के लिए राखियों का स्टॉल भी लगाया गया। इन राखियों को जेल में निरुद्ध महिला बंदियों ने अपने हाथों से तैयार किया था। जो बहन राखी लाना भूल गई थी या किसी कारणवश ला नहीं सकी, उन्होंने यहां से मात्र 30 रुपये में राखी खरीदी। इन राखियों की बिक्री से प्राप्त राशि महिला बंदियों के पुनर्वास कार्य में लगाई जाएगी।

हेल्प डेस्क से मिली सुविधा

त्योहार के दिन बहनों की सुविधा के लिए जेल गेट पर एक विशेष हेल्प डेस्क भी बनाई गई। यहां पुलिस अधिकारियों ने उन बहनों की समस्याएं सुनीं, जिन्हें भाइयों से मिलने में दिक्कत आ रही थी। अधिकारियों ने तुरंत आवश्यक निर्देश देकर बहनों को भाइयों से मिलने की अनुमति दिलाई।

त्योहार का माहौल और सुरक्षा

जेल परिसर में त्योहार का माहौल देखने लायक था। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखी। प्रवेश द्वार पर महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, वहीं अंदर बंदियों और परिजनों के मिलने का समय और क्रम पूरी सख्ती के साथ तय किया गया था। इस अनुशासन के बावजूद माहौल में अपनापन और खुशी का रंग साफ झलक रहा था।

रक्षाबंधन के इस पर्व ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दूरी और दीवारें भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती को कम नहीं कर सकतीं। चाहे मुलाकात का समय सीमित हो, सुरक्षा के नियम हों या लंबा इंतजार — बहनों के उत्साह और भाइयों की खुशी के सामने यह सब फीका पड़ गया।

ये खबर भी पढ़िए

 बारिश में भी बहनों ने भाइयों को बांधी राखी, 5 करोड़ का कारोबार

फिरोजाबाद। भाई-बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व शनिवार को पूरे जनपद में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही घर-घर में तैयारियों की हलचल शुरू हो गई थी। बहनों ने तड़के स्नान कर पूजा की थाल सजाई, जिसमें रोली, चावल, दीपक, मिठाई और रंग-बिरंगी राखियां रखी गईं। कलाई पर बांधने के लिए सजी रेशमी राखियों की खुशबू और रंग हर ओर फैला हुआ था। शहर से लेकर देहात तक हर घर में यह दृश्य देखने को मिला।

भीड़ के चलते बस की खिड़की से चढ़ने का प्रयास करती महिला

त्योहार के दिन मौसम भी कुछ खास रहा। सुबह से ही हल्की-हल्की बारिश होती रही, लेकिन इसने बहनों के कदमों को थमने नहीं दिया। किसी ने छाता थामा, तो किसी ने सिर पर दुपट्टा ओढ़ा और भाई के घर पहुंच गई। रास्ते में भीगने की परवाह किसी को नहीं थी, क्योंकि मन में सिर्फ एक ही उत्साह था – भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधना और उसकी लंबी उम्र की दुआ करना। कई जगह तो बारिश की बूंदों के बीच राखी बांधने और तिलक करने के नजारे देखने को मिले, जिन्हें परिवार वालों ने कैमरे में कैद कर लिया।

नगर के मोहल्लों में सुबह से ही बहनों का भाइयों के घर आना-जाना लगा रहा। जैसे ही बहनें पहुंचीं, भाइयों ने बड़े प्यार से उनका स्वागत किया, थाल से रोली उठाकर माथे पर तिलक लगाया गया, आरती उतारी गई और फिर मिठाई खिलाने के बाद राखी बांधी गई। बदले में भाइयों ने बहनों को उपहार और मिठाई देकर जीवन भर रक्षा करने का वचन दिया। यह सिलसिला सुबह से लेकर देर शाम तक जारी रहा। कई परिवारों में छोटे-बड़े सभी भाई-बहन एक ही छत के नीचे इकट्ठा हुए, जिससे घरों में हंसी-खुशी और अपनापन का माहौल बना रहा।

बाजार में रौनक और कारोबार की बहार

रक्षाबंधन से एक दिन पहले से ही फिरोजाबाद के बाजारों में त्योहार का रंग चढ़ने लगा था, जो पर्व वाले दिन अपने चरम पर था। स्टेशन रोड, जलेसर रोड, गंज मोहल्ला, सदर बाजार, लोहिया नगर, काला बाजार और सुभाष तिराहे की मिठाई की दुकानों पर सुबह से ही भीड़ उमड़ने लगी थी। मिठाई की सुगंध और रंग-बिरंगी सजावट से सजे शो-केस ग्राहकों को अपनी ओर खींच रहे थे। मिठाई की दुकानों के सामने घेवर, केसर बर्फी, मावे की मिठाई और ड्राई फ्रूट पैक के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी रहीं।

मिठाई कारोबारियों का कहना है कि इस बार त्योहार पर अनुमानित 5 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ। सबसे ज्यादा मांग घेवर की रही, जो रक्षाबंधन का पारंपरिक स्वाद माना जाता है। लोग सुबह-सुबह ही घेवर खरीदने पहुंचे, कई जगह तो स्टॉक दोपहर तक खत्म हो गया और दुकानदारों को तुरंत नई खेप तैयार करनी पड़ी। केसर बर्फी और ड्राई फ्रूट पैक भी हाथों-हाथ बिके। मिठाई कारोबारी दुर्गेश ने बताया कि “इस बार पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा बिक्री हुई है। ग्राहकों की भीड़ इतनी रही कि हमें देर रात तक दुकान खोलनी पड़ी। कई मिठाइयों की बुकिंग पहले ही हो चुकी थी, जिन्हें समय से तैयार करना चुनौती थी।”

गिफ्ट शॉप्स पर भी खरीदारों का हुजूम रहा। बहनों ने भाइयों के लिए पर्सनलाइज्ड गिफ्ट, घड़ियां, परफ्यूम और कपड़े खरीदे, वहीं भाइयों ने बहनों के लिए ज्वेलरी, मेकअप किट, साड़ी और सजावटी सामान चुने। गिफ्ट कारोबारी राकेश अग्रवाल के अनुसार, “रक्षाबंधन पर बिक्री में 40% तक की बढ़ोतरी हुई है। कई ग्राहकों ने खास ऑर्डर पर गिफ्ट पैक बनवाए, जिन्हें देखकर लगता है कि त्योहार अब सिर्फ राखी और मिठाई तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उपहार देने की परंपरा भी गहरी हो गई है।”

देहात में भी पूरे उत्साह से मनाया गया पर्व

रक्षाबंधन की मिठास सिर्फ शहर तक सीमित नहीं रही, बल्कि फरिहा, एका, खैरगढ़, कठफोरी, टूंडला और शिकोहाबाद जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में भी पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ पर्व मनाया गया। गांवों में बहनों ने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की प्रार्थना की। भाईयों ने भी रक्षा का वचन देते हुए बहनों को उपहार और मिठाई दी। कई परिवारों में यह मौका सालभर बाद मिलन का भी बन गया, जब शहर में काम करने वाले भाई-बहन खासतौर से गांव लौटे।

बारिश ने बढ़ाई यादों की मिठास

त्योहार की सुबह से शुरू हुई बारिश ने जहां मौसम को सुहावना बना दिया, वहीं कई बहनों के लिए यह यादगार बन गई। छतरी के नीचे राखी बांधने का दृश्य, बारिश में भीगते बच्चों का उत्साह, और घरों के आंगन में बहनों के पैर धोकर तिलक करने का नजारा – इन पलों ने रक्षाबंधन को और भी खास बना दिया। कई घरों में राखी बांधने के बाद विशेष भोजन का आयोजन हुआ, जिसमें पूरी, कचौड़ी, मिठाई और ठंडाई जैसी चीजें परोसी गईं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा में बसने वाली परंपरा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्रौपदी ने संकट के समय कृष्ण को रेशम का धागा बांधा था, और कृष्ण ने उनकी रक्षा का वचन निभाया। इतिहास में भी यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते की मजबूती का प्रतीक रहा है। आज भी यह परंपरा उतनी ही प्रासंगिक है, क्योंकि यह सिर्फ खून के रिश्तों तक सीमित नहीं, बल्कि आत्मीय संबंधों में भी निभाई जाती है। कई महिलाएं अपने मित्र, पड़ोसी या रक्षा के भाव रखने वाले परिचित को भी राखी बांधती हैं।

कारोबार का आर्थिक असर

त्योहार ने स्थानीय अर्थव्यवस्था में जान फूंक दी। मिठाई और गिफ्ट कारोबारियों के साथ-साथ परिवहन क्षेत्र में भी अच्छी खासी कमाई हुई। बस, टैक्सी और ऑटो की मांग बढ़ी, जिससे चालकों की जेब भी भरी। राखी, थाल सजावट और पैकिंग सामग्री की बिक्री में बढ़ोतरी हुई। छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े कारोबारी तक सभी के चेहरे पर संतोष और खुशी झलक रही थी।


शहर के हर कोने में रक्षाबंधन के रंग नजर आ रहे थे। स्टेशन रोड पर घेवर खरीदते लोग, गिफ्ट शॉप में पैकिंग कराते ग्राहक, बारिश में भीगते हुए भाई के घर पहुंचती बहनें, और राखी बांधने के बाद गले मिलते भाई-बहन  यह सभी नजारे एक साथ मिलकर इस दिन को अविस्मरणीय बना रहे थे।

रक्षाबंधन का यह पर्व फिरोजाबाद में न सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते की डोर को और मजबूत कर गया, बल्कि बाजार की रौनक, मिठाइयों की महक, और बारिश की फुहारों के बीच अपनत्व का संदेश भी छोड़ गया। चाहे शहर हो या गांव, अमीर हो या गरीब हर किसी ने इस दिन को पूरे मन से मनाया और अपने रिश्तों में नई मिठास घोल दी।

#RakshaBandhan2025 #Firozabad #BrotherSisterBond #FestivalOfLove #GhevarLovers #SweetBusiness #IndianFestivals #SiblingLove #RakhiCelebration #RainyRakshaBandhan#रक्षाबंधन #जिला_जेल_आगरा #भाईबहन_का_प्यार #रक्षा_सूत्र #जेल_में_राखी #भावुक_लम्हे #रिश्तों_का_बंधन #RakshaBandhan #AgraJail #SiblingLove #RakshaSutra #FestivalOfBond #EmotionalMoments

TODAY NewsTrack

Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

Post a Comment

Previous Post Next Post

Contact Form