बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 अगस्त 2025 को कर्नाटक के एक दिवसीय दौरे पर रहेंगे। यह दौरा राज्य के शहरी विकास और परिवहन क्षेत्र में बड़े बदलाव का प्रतीक बनने वाला है। प्रधानमंत्री यहां बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन, मेट्रो चरण-3 परियोजना का शिलान्यास और तीन नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का लोकार्पण
सुबह करीब 11 बजे प्रधानमंत्री बेंगलुरु के केएसआर रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे, जहां वे एक साथ तीन वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे।
इनमें शामिल हैं:
- बेंगलुरु–बेलगावी वंदे भारत एक्सप्रेस – कर्नाटक के दो बड़े शहरों के बीच यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी।
- अमृतसर–श्री माता वैष्णो देवी कटरा वंदे भारत एक्सप्रेस – उत्तर भारत के धार्मिक पर्यटन को नई गति मिलेगी।
- नागपुर (अजनी)–पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस – महाराष्ट्र के औद्योगिक और शैक्षणिक हब को तेज रफ्तार कनेक्टिविटी मिलेगी।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि ये हाई-स्पीड ट्रेनें यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं, आरामदायक सीटें, ऑनबोर्ड कैटरिंग और अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणालियों से लैस यात्रा अनुभव देंगी।
बैंगलोर मेट्रो येलो लाइन का उद्घाटन
वंदे भारत ट्रेनों के बाद प्रधानमंत्री बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन का उद्घाटन करेंगे और आरवी रोड (रागीगुड्डा) से इलेक्ट्रॉनिक सिटी मेट्रो स्टेशन तक मेट्रो यात्रा भी करेंगे।
- कुल लंबाई: 19.14 किलोमीटर
- स्टेशन: 16 (सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त)
- लागत: लगभग 7,160 करोड़ रुपये
- विशेषता: यह लाइन शहर के प्रमुख आईटी हब इलेक्ट्रॉनिक सिटी को सीधे मेट्रो नेटवर्क से जोड़ेगी।
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के अनुसार, येलो लाइन के शुरू होने से मेट्रो का परिचालन नेटवर्क 96 किलोमीटर से अधिक हो जाएगा, जिससे प्रतिदिन लाखों यात्रियों को लाभ मिलेगा और सड़क यातायात का दबाव घटेगा।
चरण-3 परियोजना का शिलान्यास
दोपहर लगभग 1 बजे, प्रधानमंत्री बेंगलुरु में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में बैंगलोर मेट्रो चरण-3 परियोजना की आधारशिला रखेंगे।
- कुल लंबाई: 44.65 किलोमीटर
- स्टेशन: 31 (सभी एलिवेटेड)
- लागत: 15,610 करोड़ रुपये से अधिक
- मुख्य रूट: शहर के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों को कवर करते हुए औद्योगिक, आवासीय और शैक्षणिक क्षेत्रों को जोड़ना।
BMRCL अधिकारियों का कहना है कि चरण-3 परियोजना से मेट्रो नेटवर्क का विस्तार शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों तक होगा, जिससे यातायात जाम में 20-25% की कमी आने की संभावना है।
विशेषज्ञों की राय
शहरी यातायात विशेषज्ञ डॉ. एस. वेंकटेश के अनुसार, “बेंगलुरु मेट्रो के विस्तार और वंदे भारत जैसी हाई-स्पीड रेल सेवाओं के साथ, शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या कम होगी, यात्रा समय घटेगा और प्रदूषण में भी कमी आएगी। यह कदम न केवल परिवहन बल्कि आर्थिक विकास को भी गति देगा।”
जनता की उम्मीदें
इलेक्ट्रॉनिक सिटी के एक आईटी पेशेवर अनिल कुमार कहते हैं, “हम रोजाना 1-1.5 घंटे ट्रैफिक में फंसते हैं। मेट्रो की येलो लाइन खुलने से हमारा समय बचेगा और काम-जीवन संतुलन बेहतर होगा।”
वहीं बेलगावी के व्यापारी शंकर पाटिल का कहना है, “बेंगलुरु से बेलगावी वंदे भारत ट्रेन से व्यापारिक यात्राएं तेज होंगी और नए कारोबारी अवसर मिलेंगे।”
परियोजनाओं का व्यापक प्रभाव
- यातायात में सुधार – मेट्रो और ट्रेन दोनों से सड़क पर गाड़ियों का बोझ घटेगा।
- आर्थिक लाभ – तेज कनेक्टिविटी से व्यापार, उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- पर्यावरणीय लाभ – सार्वजनिक परिवहन के बढ़ते उपयोग से प्रदूषण स्तर में कमी आएगी।
- रोजगार सृजन – निर्माण, संचालन और रखरखाव में हजारों नए रोजगार अवसर। (खबर साभार पीआईबी)
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