Agra Protest Over Petroleum Ministry Ad: पेट्रोलियम मंत्रालय के विज्ञापन पर आगरा में विरोध, गांधी स्मारक पर प्रदर्शन

आगरा। स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर पेट्रोलियम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित एक विज्ञापन ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस विज्ञापन में सावरकर की तस्वीर सबसे ऊपर प्रदर्शित की गई, जबकि महात्मा गांधी की छवि को छोटा और शहीद भगत सिंह व नेताजी सुभाष चंद्र बोस को अत्यधिक छोटे आकार में दिखाया गया। महात्मा गांधी को आदर्श मानने वाले और गांधीवादी विचारधारा से जुड़े लोगों ने इसे बेहद आपत्तिजनक और पीड़ादायक बताया है।

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गांधी स्मारक  पर विरोध प्रदर्शन करते सपा के पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन

गांधी स्मारक पर हुआ विरोध प्रदर्शन

आगरा के यमुना ब्रिज स्थित गांधी स्मारक पर रविवार को गांधी विचारधारा के समर्थकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि यह न केवल गांधी, भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अपमान है, बल्कि देश की स्वतंत्रता संग्राम की महान परंपरा के साथ भी खिलवाड़ है। प्रदर्शनकारियों ने इसे घृणित और निंदनीय कृत्य करार दिया।


प्रदर्शन में शामिल पूर्व सांसद रामजी लाल सुमन ने कहा कि महात्मा गांधी दुनिया के महानतम पुरुषों में गिने जाते हैं। उनके निधन के समय सोवियत रूस को छोड़कर दुनिया का शायद ही कोई देश था, जहाँ उनके सम्मान में झंडा न झुका हो। आज भी लगभग 100 देशों में उनकी प्रतिमाएं स्थापित हैं।
उन्होंने कहा कि नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग और बराक ओबामा जैसे विश्व नेता गांधी को अपनी प्रेरणा का स्रोत मानते थे। ऐसे में गांधी के कद को छोटा दिखाना देश की जनता का अपमान है।

भगत सिंह और नेताजी के योगदान को कमतर दिखाना निंदनीय

सुमन ने आगे कहा कि शहीद भगत सिंह और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का योगदान आजादी की लड़ाई में अतुलनीय है। उनके कद को छोटा दिखाना भी गहरी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह तथ्य जगजाहिर है कि भगत सिंह को फांसी दिलाने में पंजाब हिंदू महासभा से जुड़े शादीलाल की गवाही अहम साबित हुई थी। अंग्रेजों ने उन्हें इसके बदले ‘सर’ की उपाधि और संपत्ति देकर नवाजा था।
उन्होंने यह भी कहा कि भगत सिंह के मामले की सुनवाई के दौरान लाहौर हाईकोर्ट के जज सैयद आगा हैदर ने अंग्रेजों की मंशा समझते हुए खुद को इस प्रक्रिया से अलग कर लिया और फांसी की सजा सुनाने से इंकार कर इस्तीफा दे दिया था।

नेताजी की आजाद हिंद फौज को देशद्रोही बताने वाले अब नायक क्यों?

रामजी लाल सुमन ने सुभाष चंद्र बोस के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि नेताजी ने देश की आजादी के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया था। लेकिन वही लोग, जो उस समय अंग्रेजों की गुलामी कर रहे थे, उन्होंने नेताजी और उनकी फौज को देशद्रोही करार दिया। इतना ही नहीं, हिंदुओं को नेताजी की फौज में शामिल होने से रोककर अंग्रेजों की सेना में भर्ती होने की अपील की गई थी।
सुमन ने सवाल किया आज वही लोग नायक क्यों बनाए जा रहे हैं, जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन से दूरी बनाई, अंग्रेजों से माफी मांगी और उनकी मुखबिरी की?


सुमन ने मांग की कि प्रधानमंत्री इस पूरे प्रकरण के लिए देश की जनता से माफी मांगें। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री माफी नहीं मांगते तो यह माना जाएगा कि यह विज्ञापन प्रधानमंत्री कार्यालय के इशारे पर ही जारी हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि देश की जनता इस दूषित मानसिकता को समझे और इसका कड़ा विरोध करे।

गांधीवादी कार्यकर्ताओं ने जताया आक्रोश

गांधीवादी विचारक शशि शिरोमणि ने कहा कि यह विज्ञापन न सिर्फ गांधी का अपमान है, बल्कि आजादी के पूरे आंदोलन की भावना को ठेस पहुँचाता है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत माफी मांगकर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

साहित्यकार और शिक्षाविदों की प्रतिक्रिया

साहित्यकार अशोक रावत और शिक्षाविद डॉ. मधुरिमा शर्मा ने इसे इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का प्रयास” बताया। उनका कहना था कि आज के दौर में युवाओं को सच्चा इतिहास जानने की जरूरत है, न कि भ्रामक तस्वीरों से गुमराह करने की। सर्वसेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष रामधीरज भाई ने कहा कि यह घटना साबित करती है कि आज भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की विरासत को कमजोर करने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने अपील की कि गांधी, भगत सिंह और नेताजी की विरासत को बचाना हर भारतीय का दायित्व है।

प्रदर्शन में ये लोग रहे शामिल

विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में गांधीवादी, साहित्यकार, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिक प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें सांसद रामजी लाल सुमन, शशि शिरोमणि, अशोक रावत, डॉ. मधुरिमा शर्मा, रमाकांत सारस्वत, डॉ. राजीव लोचन भारद्वाज, डॉ. हेमंत कुमार शाह, रविभूषण शिरोमणि, चंद्रमोहन पाराशर, रामधीरज भाई, अविनाश काकड़े, हरीश चिमटी, बाह के चेयरमैन दिवाकर गुर्जर, एत्मादपुर चेयरमैन सुरेशचंद्र कुशवाह, श्याम कुमार करूणेश, ममता टपलू, सलीम शाह, धर्मेंद्र यादव, राजपाल यादव बाबा, अवनींद्र यादव, फैजान, कुसुमलता यादव, रामसेवक प्रधान और राजकुमार सिंघाल आदि मौजूद रहे।

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Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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