Agra Yamuna News: फिर डराने लगी यमुना, आज खतरे के निशान को कर सकती है पार

खतरे के निशान 495 से एक फीट नीचे

आगरा। यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। गोकुल बैराज से छोड़े गए 87 हजार क्यूसेक पानी का असर मंगलवार से दिखना शुरू हो गया। चार फीट की वृद्धि के बाद मंगलवार शाम तक जलस्तर 494 फीट पर पहुंच गया। बुधवार को इसके खतरे के निशान 495 फीट को पार करने की आशंका जताई जा रही है।

कैलाश घाट की ओर बढ़ने लगा यमुना का पानी

1200 बीघा फसल जलमग्न

खासपुर सहित कई गांवों में 1200 बीघा से अधिक क्षेत्रफल में खड़ी फसल जलमग्न हो गई है। किसानों के खेतों में बाजरा, धनिया, गोभी और काशीफल जैसी फसलें डूबने से उनकी मेहनत पर पानी फिर गया। ग्रामीणों की आजीविका संकट में पड़ गई है।

प्रशासन ने कराई मुनादी

बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार दोपहर से ही यमुना किनारे बसे गांवों में मुनादी कराई। ग्रामीणों को चेतावनी दी गई कि वे नदी किनारे न जाएं। राजस्व निरीक्षक और लेखपालों की टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में लगाया गया है। साथ ही 32 बाढ़ चौकियों को पूरी तरह सतर्क कर दिया गया है।

हथिनी कुंड से छोड़ा गया लाख क्यूसेक पानी

हथिनी कुंड बैराज से सोमवार को एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिसके बाद गोकुल बैराज से भी 87 हजार क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ा। इसी कारण मंगलवार सुबह से यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। मंगलवार शाम सात बजे तक यमुना का स्तर खतरे के निशान से महज एक फीट नीचे रह गया।

पहाड़ाें में लगातार बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं, इसका असर अब कालिंदी पर भी दिखने लगा है. आगरा में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

घाटों तक पहुंचा पानी

कैलाश घाट, बल्केश्वर घाट और दशहरा घाट की सीढ़ियों तक पानी पहुंच गया है। वहीं न्यू आगरा क्षेत्र में मनोहरपुर और सिकंदरपुर गांव के खेत जलमग्न हो गए। इसी तरह सदर तहसील के बरौली अहीर ब्लॉक के गांव तनौरा, नूरपुर, मेहरा, नाहरगंज और नगला बिंदू में भी पानी भर गया।

फतेहाबाद में डूबा जोनेश्वर घाट

फतेहाबाद के जोनेश्वर घाट की दोनों बुर्जियां पानी में डूब गईं। ग्रामीण भयभीत हैं और नदी किनारे जाने से बच रहे हैं। फसलों के डूबने से किसानों के सामने भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है।

बाह क्षेत्र के गांव सबसे अधिक प्रभावित

बाह तहसील के कचौरा घाट, पारना, नौगांव, खिच्चर पुरा, नगला सुरई, गढ़ी बरौली, गढ़वार, चरीथा, कमतरी, कछपुरा, बड़ा गांव चौरंगा बीहड़, विक्रमपुर, कोट, सिधवाली, रुदुमली, बटेश्वर, सुंसार, रामपुर चंद्रसेनी, बिठौली, गगनकी, कलियान पुर, भरतार आदि तीन दर्जन से अधिक गांवों में खेतों में पानी भर गया है। इन गांवों की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो चुकी हैं।

किसानों की धड़कनें तेज

बढ़ते जलस्तर और फसलों के डूबने से किसानों की हालत खराब है। ग्रामीण रातभर जागकर नदी की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। कई गांवों के किसान अब घर से निकलकर ऊंचे स्थानों की ओर जाने लगे हैं।

प्रशासन ने बढ़ाई चौकसी

यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए चारों तहसीलों सदर, फतेहाबाद, एत्मादपुर और बाह में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। 30 से अधिक बाढ़ चौकियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।

क्या बोले जिम्मेदार

यमुना के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। प्रभावित गांवों में राजस्व निरीक्षक व लेखपालों की टीमें तैनात की गई हैं। ग्रामीणों को सतर्क रहने की अपील की गई है।
सचिन राजपूत, एसडीएम सदर

ग्रामीणों को नदी किनारे नहीं जाने की चेतावनी दी गई है। फसलों के नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है। प्रशासन की पूरी नजर हालात पर है।
शुभांगी शुक्ला, एडीएम वित्त एवं राजस्व

फतेहाबाद के कई गांवों में यमुना का पानी खेतों तक पहुंच गया है। किसानों को जागरूक किया जा रहा है और राहत कार्यों की तैयारी रखी गई है।
एसडीएम फतेहाबाद

बाह क्षेत्र में सबसे अधिक गांव प्रभावित हैं। राजस्व और तहसील टीमों को 24 घंटे निगरानी में लगाया गया है। आपदा से निपटने के लिए पूरी तैयारियां की गई हैं।
एसडीएम बाह

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