आगरा।बाह तहसील के जैतपुर क्षेत्र के नौगवां गांव की महिला रीमा ने उस समय अदम्य साहस दिखाया जब उनकी मासूम बेटी पर एक जंगली हिंसक जीव ने हमला कर दिया। बच्ची घर के आंगन में खेल रही थी कि तभी दीवार फांदकर एक हिंसक जीव घर में घुस आया और बच्ची पर टूट पड़ा। अचानक हुए इस हमले से बच्ची की चीख-पुकार गूंजी। अपनी बेटी की कराह सुनते ही मां रीमा ने बिना एक पल गंवाए पूरी हिम्मत के साथ जानवर का सामना किया और उसे पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। इस बहादुरी से मासूम की जान बच सकी।
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नौगवां गांव की साहसी महिला रीमा को सम्मानित करते जनप्रतिनिधि |
हॉस्पिटल में कराया था एडमिट
हमले के दौरान घायल हुई बच्ची अर्पिता पुत्री आशीष को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए तत्काल सैफई मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। बच्ची को 20 अगस्त से 26 अगस्त तक अस्पताल में रखा गया। चिकित्सकों की देखरेख और लगातार उपचार से उसकी हालत में सुधार हुआ और 26 अगस्त को उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
साहस का हुआ सम्मान
इस साहसिक कार्य की जानकारी जिला प्रशासन तक पहुंचते ही रीमा को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। गुरुवार को प्रशासन की ओर से उपजिला मजिस्ट्रेट बाह हेमंत कुमार बिंद और नायब तहसीलदार सुधीर गिरी, ब्लॉक प्रमुख बाह लाल सिंह चौहान तथा सांसद प्रतिनिधि मुन्ना लम्बरदार ने रीमा को 25 हजार रुपये की सहायता राशि का चैक प्रदान किया। इसके साथ ही उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया और मिठाई भी भेंट की गई। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के निर्देश पर पूरा प्रशासनिक अमला इस मामले में संवेदनशील रहा। जिलाधिकारी ने तत्काल सहायता राशि जारी करने के निर्देश दिए थे ताकि परिवार को संबल मिल सके। उनके आदेश पर ही यह सहायता राशि और सम्मान कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गांव में चर्चा का विषय बनी रीमा की बहादुरी
रीमा की हिम्मत और मातृत्व की मिसाल नौगवां गांव ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि यदि रीमा साहस न दिखातीं तो बच्ची की जान बचना मुश्किल हो जाता। गांव के लोगों ने भी रीमा की इस वीरता की सराहना की और उन्हें 'शेरदिल मां' की संज्ञा दी।
जनप्रतिनिधियों ने भी सराहा
सम्मान समारोह के दौरान ब्लॉक प्रमुख बाह लाल सिंह चौहान ने कहा कि रीमा जैसी माताएं समाज के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने दिखा दिया कि मां की शक्ति से बढ़कर कुछ भी नहीं। सांसद प्रतिनिधि मुन्ना लम्बरदार ने कहा कि बच्ची की जान बचाने में रीमा ने जो साहस दिखाया है, वह अनुकरणीय है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि परिवार को हर संभव सहयोग दिया जाएगा।
मां के साहस से बची बच्ची की जिंदगी
पूरे घटनाक्रम को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यदि रीमा ने साहस नहीं दिखाया होता तो बच्ची की जान जाना तय था। दीवार फांदकर आए हिंसक जीव का सामना न केवल मुश्किल बल्कि जानलेवा भी हो सकता था। बावजूद इसके रीमा ने निडर होकर खतरे का सामना किया और बेटी को सुरक्षित अपनी गोद में ले लिया।
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