Yamuna Flood Alert Agra: यमुना उफान पर, बढ़ी निगरानी: डीएम ने संभाली कमान, गांव-गांव में अलर्ट,कराई मुनादी

आगरा | यमुना में बढ़ते जलस्तर की आशंका के बीच डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने आज तहसील सदर क्षेत्र के संभावित बाढ़ प्रभावित ग्राम समौगर के बुर्ज मजरा, सरगन खेड़ा और तनौरा नूरपुर का विस्तृत स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद कर मौजूदा स्थिति जानी, संबंधित विभागों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए और एहतियाती तौर पर दो दिन तक नाव संचालन बंद रखने के निर्देश जारी किए। निरीक्षण के दौरान एडीएम फाइनेंस शुभांगी शुक्ला, एसडीएम सदर सचिन राजपूत, ग्राम सचिव, लेखपाल और ग्राम प्रधान करतार सिंह सहित राजस्व व पंचायत विभाग की टीम मौजूद रही।

सरगन खेड़ा और तनौरा नूरपु़र स्थित यमुना घाट पर निरीक्षण्ण करते डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी

डीएम ने ग्रामीणों से पूछताछ कर ली जानकारी
डीएम का पहला पड़ाव समौगर के बुर्ज मजरा रहा, जहां ग्रामीणों ने बताया कि गांव में 12 परिवार निवास करते हैं और 2023 में गांव बाढ़ से प्रभावित हुआ था। इस वर्ष भी पानी गांव की आबादी तक पहुंचने की आशंका जताई गई। इस पर डीएम ने एसडीएम, लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव को बाढ़ से निपटने की समस्त तैयारी तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर समय से शिफ्ट किया जाए, परिवहन, भोजन, पेयजल और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था पहले से सुनिश्चित रहे।

तनौरा नूरपुर घाट पर नाविकों से बात करते डीएम 

सरगन खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में बनाएं राहत शिविर
डीएम ने सरगन खेड़ा के प्राथमिक विद्यालय का भी निरीक्षण किया, जिसे आपात स्थिति में राहत शिविर/अस्थायी शरण के रूप में उपयोग करने की योजना है। उन्होंने विद्यालय परिसर की क्षमता, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति, रोशनी, शेल्टर के लिए कमरे और महिला-बच्चों के लिए अलग व्यवस्था जैसे बिंदुओं की एक-एक कर समीक्षा की। निर्देश दिया कि परिसर की सफाई, कीटाणुनाशन, अतिरिक्त चटाई/बिस्तर, प्राथमिक उपचार किट और राहत सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि आवश्यकता पड़ते ही ग्रामीणों को सुरक्षित ठहराया जा सके।

ग्रामीणों से बात करते डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी

तनौरा नूरपुर घाट का किया निरीक्षण, ना चलाएं नाव
इसके बाद डीएम तनौरा नूरपुर पहुंचे, जहां यमुना घाट और उससे लगे डूब क्षेत्र का बारीकी से निरीक्षण किया। स्थानीय ग्रामीणों और नाविकों से बातचीत के दौरान उन्होंने नदी के प्रवाह, किनारों के कटाव और कमज़ोर स्थानों की जानकारी ली और खतरे वाले प्वाइंट्स की मैपिंग कर पिकेटिंग करने के निर्देश दिए। डीएम ने स्पष्ट किया कि सिंचाई विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार 19-08-2025 को ओखला से 91,212 क्यूसेक और गोकुल बैराज से 87,079 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसके चलते यमुना का जलस्तर 1–2 दिन में और बढ़ने की पूर्ण संभावना है। ऐसे में दो दिन तक नदी में सभी गतिविधियां नाव संचालन, मछली पकड़ना, घाट पर स्नान/धोबी कार्य पूर्णतः बंद रखे जाएं।

 नाविकों को लाइफ जैकेट वितरित की गई, इस दौरान नाविकों को दिशा-निर्देश देते डीएम

लाइफ जैकेट का किया वितरण, कंट्रोल रुम करें फोन
सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करते हुए डीएम ने नाविकों को लाइफ जैकेट वितरित किए और बिना लाइफ जैकेट के किसी भी जल गतिविधि पर सख्त रोक दोहराई। उन्होंने नाविकों और गोताखोरों से कहा कि किसी भी आपदा की स्थिति में लेखपाल, ग्राम पंचायत सचिव, एसडीएम और डीएम कार्यालय से सीधे संपर्क करें। राजस्व विभाग को निर्देश दिया गया कि गांव-गांव में महत्वपूर्ण मोबाइल नंबरों और संपर्क बिंदुओं की सूची सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा की जाए, ताकि आपातकालीन सूचना में एक भी मिनट की देरी न हो।


गोताखोर-नाविक टीमों की ड्यूटी, चौबीसों घंटे निगरानी
डीएम ने गोताखोरों और नाविकों की समर्पित टीमें तैनात करने, उनकी ड्यूटी रोस्टर तैयार कर 24x7 शिफ्टवार निगरानी सुनिश्चित करने को कहा। राजस्व, आपदा प्रबंधन, पंचायत, स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के बीच इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय पर जोर देते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि कंट्रोल रूम से हर घंटे की अपडेट लेकर संभावित बाढ़ प्रभावित बस्तियों तक लाउडस्पीकर/मुनादी के जरिए पहुंचाई जाए। जिन मार्गों पर पानी भरने का खतरा है, वहां बैरियर और चेतावनी बोर्ड तत्काल लगाए जाएं।


फसल क्षति का सर्वे: मुआवजा प्रक्रिया में तेजी लाएं
ग्रामीणों ने डीएम को बताया कि कुछ कृषि क्षेत्रों में जलजमाव से फसल को नुकसान हुआ है। इस पर डीएम ने संबंधित लेखपाल को मौके पर सर्वे कर नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए, ताकि नियमों के अनुरूप क्षतिपूर्ति/मुआवजा की प्रक्रिया समय रहते पूरी की जा सके। उन्होंने कहा कि सर्वे रिपोर्ट में खेतवार विवरण, फसल का प्रकार, प्रभावित रकबा, क्षति का प्रतिशत और साक्ष्य के रूप में जियो-टैग्ड फोटोज शामिल हों, जिससे किसानों को पारदर्शी और समयबद्ध राहत मिल सके।


समुदाय सहभागिता और जागरूकता अभियान
डीएम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम सभाओं, पंचायत भवनों, स्कूलों और घाटों पर जागरूकता बैठकों का आयोजन हो। मुनादी के जरिए लोगों को बाढ़ के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल ऊंचे स्थानों पर शरण, बिजली के उपकरणों से दूरी, बच्चों/वृद्धों की विशेष देखभाल, पीने के पानी को उबालकर पीना, पशुओं को सुरक्षित स्थान पर बांधना की जानकारी दी जाए। गांव के स्वयंसेवकों/यूथ टीमों को भी मोर्चाबंदी में शामिल कर रिले-कम्युनिकेशन की व्यवस्था बनाई जाए, ताकि खतरे का संदेश हर घर तक पहुंच सके।


सतर्क प्रशासन, लगातार क्षेत्र भ्रमण
डीएम ने एसडीएम, लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव को संभावित प्रभावित गांवों में लगातार उपस्थिति दर्ज करने और सतत निगरानी के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य, पशुपालन, विद्युत, खाद्य एवं रसद और सिंचाई विभाग संयुक्त रूप से रियल-टाइम फीडबैक साझा करें। यदि जलस्तर में किसी भी प्रकार का अचानक उछाल दर्ज हो, तो तुरंत इवैक्युएशन प्लान सक्रिय कर आवश्यक संसाधन नौकाएं, रस्सियां, टॉर्च, प्राथमिक उपचार, पेयजल टैंकर, सूखा राशन मौके पर पहुंचाए जाएं।


दो दिन नाव बंद: नियमों का सख्त अनुपालन आवश्यक
नाविकों से संवाद में डीएम ने दोहराया कि आगामी दो दिनों तक नाव नहीं चलेगी। किसी भी तरह की उल्लंघन पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। घाटों पर तैनात टीमों को कहा गया कि वे राउंड-द-क्लॉक पेट्रोलिंग करें, भीड़भाड़ और अनावश्यक भीड़ के जमाव को रोकें और खतरे वाले पॉइंट्स पर किसी को न जाने दें। साथ ही, स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और महिलाओं तक आवश्यक परामर्श पहुंचाने को कहा गया।

गांव-गांव कराएं मुनादी
डीएम ने स्पष्ट किया कि जलस्तर बढ़ने की अद्यतन जानकारी लगातार संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचती रहनी चाहिए। इसके लिए सिंचाई विभाग से डेटा लेकर ग्राम स्तर पर सूचना प्रसार सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मैसेज/व्हाट्सऐप ग्रुप, मुनादी और पोस्टर/बैनर जैसे साधनों के उपयोग पर बल दिया, ताकि हर परिवार को समय रहते सतर्क किया जा सके।

टीमें सक्रिय, तात्कालिक जिम्मेदारियां तय
निरीक्षण के दौरान एडीएम फाइनेंस शुभांगी शुक्ला और एसडीएम सदर सचिन राजपूत को क्षेत्रवार नोडल जिम्मेदारियां सौंपी गईं। ग्राम स्तर पर लेखपाल और ग्राम सचिव को पहला रिस्पॉन्डर मानते हुए उनसे कहा गया कि वे रात-दिन उपलब्ध रहें, ग्रामीणों की सूचना तुरंत कंट्रोल रूम तक पहुंचाएं और डीएम कार्यालय को प्रत्येक प्रगति से अवगत कराते रहें।

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Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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