आगरा। हिन्दी न्यूज। टूडे। न्यूजट्रैक। उत्तर प्रदेश।
आगरा। किसान दिवस में किसानों की समस्याओं के समाधान की जगह इस बार अफसरों की गैरहाज़िरी और अनदेखी ने हंगामे का रूप ले लिया। नामित वरिष्ठ अधिकारी न आने से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा और डीएपी-यूरिया खाद, गौशालाओं की अनियमितताओं, पशु टीकाकरण और बिजली विभाग की समस्याओं को लेकर जमकर विरोध दर्ज कराया गया। हालात ऐसे बने कि मौके पर किसान नेताओं को बीच-बचाव कर किसानों को शांत करना पड़ा।
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किसान दिवस में मौजूद किसान प्रतिनिधि व अधिकारीगण |
अधीनस्थ कर्मचारियों को भेजने पर किसानों का गुस्सा
किसानों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन द्वारा किसान दिवस में जिन विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को नामित किया गया था, वे बैठक में मौजूद ही नहीं रहे। उनकी जगह अधीनस्थ कर्मचारी भेज दिए गए, जिनको किसानों की पुरानी और गंभीर समस्याओं की कोई जानकारी नहीं थी। बिजली विभाग से अधिशासी अभियंता के स्थान पर एसडीओ खेरागढ़ पहुंचे, जबकि सिंचाई विभाग से अधिशासी अभियंता के बजाय जेई और एई को भेज दिया गया। किसानों ने इसे किसानों के प्रति विभागों की लापरवाही और गंभीरता की कमी बताया।
डीएपी और यूरिया खाद की कमी पर आक्रोश
किसानों ने खाद की किल्लत को लेकर जोरदार आवाज उठाई। किसान नेता लक्ष्मीनारायण बघेल ने आरोप लगाया कि किसानों को डीएपी और यूरिया समय पर उपलब्ध नहीं हो रही है। अछनेरा की गोबरा उपसमिति पर भी खाद भेजने की मांग रखी गई। बघेल ने कहा कि बिना खाद उपलब्ध कराए खेती संकट में जा रही है और अधिकारियों को इसकी परवाह नहीं है।
गौशालाओं और पशु टीकाकरण पर सवाल
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने गौशालाओं की दुर्दशा का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार करोड़ों रुपये का बजट गौशालाओं के लिए जारी करती है, इसके बावजूद गाय भूख से मर रही हैं। इसकी जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं किसानों ने पशु टीकाकरण और नहरों की समय पर सफाई की भी मांग की।
बिजली और सिंचाई की समस्याओं पर जोर
किसान नेता सोमवीर यादव ने मदरा गांव में बिजली के जर्जर तार बदलने की मांग रखी। किसानों ने यह भी कहा कि सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण नहरों की सफाई समय पर नहीं हो रही, जिससे फसलों की सिंचाई प्रभावित हो रही है।
किसान नेताओं ने किया शांत
हंगामे के बीच किसान नेता मोहन सिंह चाहर ने किसानों को समझाया और उन्हें शांत कराया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अगले किसान दिवस में नामित विभागीय अधिकारी खुद उपस्थित नहीं हुए तो उनके अधीनस्थों को बैठक में बैठने नहीं दिया जाएगा।
अफसरों ने दिलाया भरोसा
उप निदेशक कृषि मुकेश कुमार ने कहा कि जिन विभागों के नामित अधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं हुए, उनकी शिकायत जिलाधिकारी से की जाएगी और उनके खिलाफ नोटिस जारी होगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसानों की समस्याओं के समाधान में कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
किसान नेताओं ने रखी अपनी मांगें
किसान दिवस में विभिन्न किसान नेताओं ने अपनी-अपनी समस्याएं और मांगें रखीं।
- मोहन सिंह चाहर – जैविक खेती को बढ़ावा देने की अपील।
- श्याम सिंह चाहर – गौशालाओं में भ्रष्टाचार और गायों की दुर्दशा की जांच।
- सोमवीर यादव – मदरा गांव में बिजली के तार बदलने की मांग।
- लक्ष्मीनारायण बघेल – डीएपी और यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग।
ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में डीसी स्वरोजगार राजन राय, जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार, कोऑपरेटिव एआर विमल कुमार, जिला उद्यान अधिकारी बैजनाथ सिंह, पशु चिकित्सा अधिकारी प्रियंका मौजूद रहे। इसके अलावा किसान पुष्पेंद्र जैन, उदयवीर सिंह, प्रेम सिंह अरदाया, सोमवीर यादव, लक्ष्मीनारायण बघेल, लाखन सिंह त्यागी, भगवान सिंह त्यागी, मुकेश पाठक, सत्या चाहर, रामगोपाल शर्मा सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए।
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