आगरा।आगरा में सूरसदन सभागार में मंगलवार को एक भव्य समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी. सिंह बघेल ने विशेष रूप से भाग लिया। कार्यक्रम का नाम “सहज लखपति दीदी सम्मान समारोह” रखा गया था और इसका उद्देश्य उन महिलाओं को सम्मानित करना था जिन्होंने दुग्ध उत्पादन के माध्यम से न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया बल्कि ग्रामीण समाज में भी प्रेरणादायी उदाहरण प्रस्तुत किया। मंत्री ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार लगातार डेयरी और पशुपालन क्षेत्र के सशक्तिकरण के लिए काम कर रही है। उनके अनुसार सहज जैसी संस्थाएँ इन प्रयासों को नई गति और दिशा प्रदान कर रही हैं।दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत करते केंद्रीय राज्यमंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल
सहज दुग्ध उत्पादक संस्था ने बनाई अपनी अलग पहचान
सहज दुग्ध उत्पादक संस्था की शुरुआत वर्ष 2014 में हुई थी। इस संस्था ने मात्र दस वर्षों के भीतर उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी अपनी अलग पहचान बना ली है। संस्था वर्तमान समय में लगभग 19,500 गाँवों तक अपनी पहुँच बना चुकी है और इसमें 1.32 लाख से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की है, जो प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन के माध्यम से संस्था को सहयोग देती हैं। यह संस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती देने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण का भी उत्कृष्ट उदाहरण है।महिला को सम्मानित करते प्रो. एसपी सिंह बघेल
संस्था आधी आबादी को दिला रही रोजगार
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण भारत की प्रगति तभी संभव है जब गाँव की महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त हों। उन्होंने कहा कि सहज जैसी संस्था न केवल महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवा रही है बल्कि उन्हें लखपति बनने का अवसर भी दे रही है। इस अवसर पर उन्होंने मंच से उन सभी महिलाओं को बधाई दी जिन्हें समारोह में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. मीनेश शाह भी मौजूद रहे। उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि डेयरी क्षेत्र में भारत के पास अपार संभावनाएँ हैं। यदि इन्हें सही दिशा दी जाए तो भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध निर्यातक बन सकता है। उन्होंने सहज संस्था के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसने ग्रामीण महिलाओं को एक नई पहचान दी है।
समाज में आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं
सहज संस्था की निदेशक उमा भदौरिया ने कहा कि जब संस्था की स्थापना हुई थी तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह इतनी बड़ी सफलता हासिल करेगी। उन्होंने बताया कि आज हजारों महिलाएँ इससे जुड़कर न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार रही हैं बल्कि समाज में आत्मनिर्भरता का संदेश भी दे रही हैं।एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज़ के प्रबंध निदेशक डॉ. सी.पी. देवानंद ने कहा कि सहज ने यह साबित कर दिया है कि यदि ग्रामीण महिलाओं को सही मार्गदर्शन और मंच मिले तो वे चमत्कार कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज सहज के दूध और दुग्ध उत्पादों की माँग लगातार बढ़ रही है और आने वाले वर्षों में यह संस्था और अधिक विस्तार करेगी।
सहज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रफुल बनवाड़िया ने कहा कि संस्था का मुख्य उद्देश्य केवल दूध बेचना नहीं है बल्कि ग्रामीण जीवन को बेहतर बनाना है। उन्होंने कहा कि संस्था से जुड़ने वाली महिलाएँ आज आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। कई महिलाएँ जिन्होंने पहले आर्थिक तंगी झेली, आज अपनी मेहनत और लगन से लखपति बन चुकी हैं।कार्यक्रम में प्रशासनिक स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित रहे। कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने में सहज का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसे प्रयास और बढ़ाए जाएँ तो गाँवों से पलायन रुकेगा और लोग अपने गाँवों में ही बेहतर जीवनयापन कर पाएँगे।
समाज और अर्थव्यवस्था की धुरी बन रहीं महिलाएं
डीआईजी शैलेश कुमार पाण्डेय ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सहज जैसी संस्था महिलाओं को एक नई पहचान दे रही है। ग्रामीण स्तर पर महिलाएँ अब केवल घर की जिम्मेदारी निभाने तक सीमित नहीं हैं बल्कि वे समाज और अर्थव्यवस्था की धुरी बन रही हैं।
समारोह में कई महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। किसी ने बताया कि पहले वे अपने घर का खर्च चलाने में भी असमर्थ थीं, लेकिन आज संस्था से जुड़कर न केवल बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठा रही हैं बल्कि मकान भी बनवा चुकी हैं। एक अन्य महिला ने कहा कि उन्होंने संस्था से जुड़कर दूध उत्पादन को व्यवसायिक रूप दिया और अब वे गाँव की अन्य महिलाओं को भी इसके लिए प्रेरित कर रही हैं।
केंद्रीय मंत्री ने मंच से यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों और पशुपालकों के लिए लगातार नई योजनाएँ ला रही है। उन्होंने कहा कि आज किसानों को पशुपालन के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उत्पादन और गुणवत्ता दोनों बढ़े हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सहज जैसी संस्थाएँ इन योजनाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभाएँगी।
समारोह का समापन एक उत्साहपूर्ण वातावरण में हुआ। उपस्थित सभी अतिथियों ने एकमत से यह माना कि सहज संस्था ने ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक नया अध्याय लिखा है। आगरा में आयोजित यह समारोह न केवल महिलाओं के सम्मान का प्रतीक बना बल्कि इसने यह भी संदेश दिया कि यदि महिलाएँ ठान लें तो किसी भी क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल कर सकती हैं।
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