Agra Power Supply Shutdown News: बंदर ने उड़ाया फ्यूज, 9 घंटे तक तीन दर्जन गांव और डेढ़ दर्जन कॉलोनियाें में रहा ब्लैकआउट

आगरा। ग्वालियर हाईवे स्थित बाद के 132 केवी बिजली स्टेशन पर गुरुवार सुबह बड़ा फॉल्ट हो गया। इस फॉल्ट की वजह कोई तकनीकी खराबी नहीं बल्कि एक बंदर बना। बंदर के फ्यूज उड़ाने से पूरा सिस्टम ठप हो गया और चार विद्युत सब स्टेशन पर आपूर्ति बाधित हो गई। इसका असर सीधा तीन दर्जन गांवों और डेढ़ दर्जन कॉलोनियों पर पड़ा। लोग भीषण उमस और गर्मी में घंटों पसीना बहाते रहे। करीब नौ घंटे तक हाहाकार मचने के बाद दोपहर में बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी।


सुबह पांच बजे से ब्लैकआउट

गुरुवार की सुबह करीब 5 बजे अचानक बाद फीडर और उससे जुड़े अन्य सब स्टेशनों पर ब्लैकआउट हो गया। लोग रोजाना की तरह सुबह उठे, लेकिन घरों में न तो पंखे चले और न ही नलकों से पानी निकला। कई जगह लोग स्नान और नाश्ते के लिए पानी भरने को तरस गए। बैंक, जनसेवा केंद्र और छोटी-छोटी दुकानें इन्वर्टर के जवाब देने के बाद ठप हो गईं। बच्चे स्कूल जाने से पहले परेशान हुए और महिलाओं को रसोई में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

बंदर बना बिजली गुल होने का कारण

विद्युत विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बाद स्थित 132 केवी स्टेशन पर एक बंदर आकर फॉल्ट कर गया। फ्यूज उड़ने के साथ ही ब्रेकर सिस्टम ठप हो गया और आइसोलेटर भी काम नहीं कर सका। इसके चलते ट्रांसमिशन से बाद फीडर को मिलने वाली बिजली आपूर्ति ठप हो गई। सुबह पांच बजे से लेकर दोपहर करीब एक बजे तक लगातार प्रयासों के बाद आपूर्ति को बहाल किया जा सका। 

चार सब स्टेशन हुए ठप

इस फॉल्ट की चपेट में चार सब स्टेशन आ गए। बाद, मुरकिया, बिरहरू और दिगनेर फीडर से बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई। इससे न सिर्फ ग्रामीण इलाकों बल्कि शहरी कॉलोनियों में भी भीषण गर्मी में लोग पसीने से तर बतर रहे। पंखे बंद होने से उमस ने लोगों को बेहाल कर दिया।विद्युत आपूर्ति बाधित होने का असर इटौरा, ककुआ, भाहई, सलेमाबाद, ककरारी, गढ़ी ठाकुरदास, हकीमपुरा, रम्पुरा, नगला शीशीया, नगला ककरारी, सिंगेंचा, मुरकिया, कुठावली, बाद, भांडई, दिगनेर, बिरहरू, रोहता, नगला माकरौल, जखौदा समेत तीन दर्जन गांवों पर पड़ा।इसके अलावा रेणुका धाम, क्रिस्टल कॉलोनी, बांके बिहारी कॉलोनी, स्वामी धाम, विज्ञान विहार, दीक्षा विहार और स्मार्ट सिटी जैसी डेढ़ दर्जन कॉलोनियों में भी घंटों तक बिजली नहीं रही।

पब्लिक की परेशानी

बिजली ठप रहने से पेयजल आपूर्ति भी बाधित रही। जिन इलाकों में ट्यूबवेल और पंपिंग स्टेशन बिजली पर चलते हैं, वहां लोग पीने के पानी के लिए भटकते रहे। कुछ इलाकों में महिलाएं बाल्टियाँ लेकर पड़ोसियों के यहां जाती दिखीं। कुछ लोगों ने जनरेटर चलाकर अपना काम चलाया। मार्केट में लोग परेशान रहे। फोटो स्टेटकॉपी की दुकान, बैंक, जनसेवा केंद्र, तेल मिल, फ्लोर मिल ठप हो गई। भीषण गर्मी और उमस ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया। कई लोगों ने कहा कि अगर समय पर बिजली बहाल नहीं होती तो पेयजल संकट खड़ा हो जाता।

क्या बोले जिम्मेदार

इस बारे में बाद फीडर के एसडीओ विशाल कुमार ने बताया कि 132 केवी स्टेशन पर फॉल्ट होने से आपूर्ति ठप हुई। "सुबह बंदर की वजह से ब्रेकर और आइसोलेटर सिस्टम में दिक्कत आई थी। लाइन कनेक्ट नहीं हो पा रही थी। हमारी टीम लगातार काम में जुटी रही और जल्द ही आपूर्ति बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है।

चीफ इंजीनियर कपिल सिंधवानी ने बताया कि सुबह पांच बजे से ट्रांसमिशन फॉल्ट की वजह से आपूर्ति बाधित है। टीमें काम कर रही हैं। फॉल्ट सही होते ही आपूर्ति को बहाल कर दिया जाएगा।

पहले भी दो बार हो चुका है फॉल्ट

ग्रामीणों का कहना है कि ट्रांसमिशन स्टेशन पर बार-बार फॉल्ट हो जाते हैं और बिजली कटौती का सबसे ज्यादा खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है। कई लोगों ने तंज कसते हुए कहा कि अब बिजली विभाग को बंदरों से सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम करने चाहिए।

ये हाईटेक इंतजाम फिर भी फॉल्ट सही होने में 9 घंटे लग गए

जिले में बिजली के नेटवर्क पर एक नजर

  • सबस्टेशन – 114
  • फीडर – 688
  • ट्रांसफारमर – 54,000
  • ओवरलोडेड सबस्टेशन – 08

900 ट्रांसफारमर की क्षमता बढ़ाई गई

गर्मी से पहले ही विभाग ने 900 ट्रांसफारमर की क्षमता वृद्धि करने का दावा किया था। छोटे ट्रांसफॉर्मर को बड़े ट्रांसफॉर्मर से बदला गया है।

  • 10 केवीए को 16 केवीए से
  • 16 को 25 केवीए से
  • 25 को 63 केवीए से
  • 63 को 100 केवीए से बदला गया है।

120 फीडरों का सुदृढ़ीकरण

अभी हाल ही में लाइन फाल्ट से बचाने के लिए 120 फीडरों पर विशेष काम किया गया था। जहां खंभों के बीच गैप ज्यादा था, वहां दूरी कम की गई। कमजोर लाइनों को बदला गया। अधिक लोड से लाइनें चिपककर फाल्ट न करें, इसके लिए संरचनात्मक बदलाव किए गए।

हर सबस्टेशन पर तीन-तीन टीमें

बिजली आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए हर सबस्टेशन पर तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। इन टीमों में एक लाइनमैन, एक पेट्रोलिंग मैन और एक सहायक रखा गया है। इनके पास मैगर, टॉर्च, हेलमेट, ग्लब्स, कुल्हाड़ी समेत जरूरी उपकरण दिए गए हैं ताकि आपात स्थिति में तुरंत समस्या का समाधान हो सके।

सुरक्षा कवच और तकनीकी इंतजाम

  • 33/11 केवीए सबस्टेशनों पर वैक्यूम सर्किट ब्रेकर लगाए गए हैं ताकि ओवरलोड से ट्रांसफारमर को नुकसान न हो।
  • सभी ट्रांसफारमरों पर फ्यूज प्रोटेक्शन लगाए गए हैं।
  • बड़े ट्रांसफारमरों पर ऑयल टेंपरेचर इंडिकेटर लगाए गए हैं ताकि अधिक गर्मी की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
  • ट्रांसफारमर ठंडा रखने के लिए कूलिंग की व्यवस्था की गई है।

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Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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