हिंदी केवल बोली नहीं, संस्कृति की डोर है,आर्यावर्त इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी दिवस पर हुए रंगारंग कार्यक्रम

फतेहाबाद। आर्यावर्त इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी दिवस बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। विद्यालय परिसर में सुबह से ही बच्चों और शिक्षकों में विशेष उत्साह देखा गया।कार्यक्रम की शुरुआत हिंदी भाषा पर एक प्रभावी भाषण से हुई। इसमें वक्ताओं ने हिंदी की महत्ता, उसके ऐतिहासिक योगदान और सांस्कृतिक भूमिका पर प्रकाश डाला। बच्चों और शिक्षकों को यह संदेश दिया गया कि हिंदी केवल संवाद का माध्यम ही नहीं, बल्कि हमारी पहचान और परंपरा की आत्मा है।

Hindi Diwas Celebration 2025 at Aryavart International School Fatehabad
हिन्दी दिवस के मौके पर प्रस्तृति देती शिक्षिकाएं

इसके बाद अध्यापिका नम्रता द्वारा लिखी गई एक संवेदनशील कविता प्रस्तुत की गई। कविता में यह भाव प्रकट किया गया कि हिंदी भाषा सम्मान की अपेक्षा में उपेक्षित महसूस करती है। इस मार्मिक प्रस्तुति ने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया और कई लोगों की आंखें नम कर दीं।

कार्यक्रम में शिक्षकों ने सुरमयी गीत प्रस्तुत किया। गीत ने वातावरण को संगीतमय बना दिया और सभी श्रोताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। वहीं हिंदी वर्णमाला पर आधारित एक नाट्य-प्रदर्शन ने बच्चों और अभिभावकों को खूब प्रभावित किया।छोटे-छोटे बच्चों ने भी अपनी प्यारी कविताओं से सबका मन मोह लिया। उनकी मासूम आवाज़ और जोश ने पूरे सभागार को भाव-विभोर कर दिया।

बच्चों की मेहनत और प्रतिभा को सम्मानित करने के लिए फतेहाबाद के प्रतिष्ठित व्यवसायी सुमित अग्रवाल ने बच्चों को उपहार वितरित किए। इस पहल से नन्हे बच्चों के चेहरे खुशी से खिल उठे।इस अवसर पर विद्यालय की निदेशक आकांक्षा गोयल और मोहित गोयल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। दोनों ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना की और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के संकल्प पर जोर दिया।कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य एम.एल. सोलंकी, नम्रता शर्मा, नीरश, माधुरी, शिवा, कैल्वी, वर्षा, निशा, रेनू, पवन और आकाश भी मौजूद रहे।अंत में सभी ने यह संकल्प लिया कि हिंदी को केवल एक भाषा मानकर नहीं, बल्कि जीवन, विचारों और व्यवहार का अभिन्न हिस्सा बनाकर उसे हर क्षेत्र में बढ़ावा देंगे।

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