Railway News:50 साल पुरानी मांग पूरी, राजपुरा-मोहाली रेल लाइन को मंज़ूरी, नई वंदे भारत सेवा भी शुरू होगी

नई दिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पंजाब को एक और बड़ी रेल उपलब्धि मिली है। लंबे समय से प्रतीक्षित राजपुरा-मोहाली नई रेल लाइन को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने आज यह घोषणा की। इस तरह पंजाब के लोगों की 50 साल से पुरानी मांग पूरी हो गई है।


यह रेल लाइन 18 किलोमीटर लंबी होगी और इस पर 443 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके बन जाने से मालवा क्षेत्र को सीधे राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ा जाएगा।

नई लाइन से जुड़ेगें 13 जिले

नई लाइन बनने से मालवा क्षेत्र के सभी 13 जिले अब चंडीगढ़ से अच्छे से जुड़ जाएंगे। मौजूदा राजपुरा-अंबाला मार्ग पर यातायात सुगम होगा और अंबाला-मोरिंडा संपर्क छोटा हो जाएगा। यह मार्ग इसलिए चुना गया क्योंकि इसमें कृषि भूमि अधिग्रहण सबसे कम होगा और किसानों की गतिविधियों पर न्यूनतम असर पड़ेगा।


व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना से कपड़ा, विनिर्माण और कृषि सहित कई उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। पंजाब का कृषि क्षेत्र प्रमुख वाणिज्यिक केंद्रों और बंदरगाहों से जुड़ेगा। इससे लुधियाना से चंडीगढ़ की यात्रा के लिए अंबाला होकर जाने की मजबूरी खत्म होगी। अब राजपुरा और मोहाली के बीच सीधा संपर्क होने से दूरी लगभग 66 किलोमीटर कम हो जाएगी।


इससे कृषि उपज की तेज़ आवाजाही, उद्योगों के लिए परिवहन लागत में कमी और धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी बढ़ेगी। गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब, शेख अहमद अल-फारुकी अल-सरहिंदी की दरगाह, हवेली टोडर मल और संघोल संग्रहालय जैसे धार्मिक व सांस्कृतिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी।

नई वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा से दूरी होगी कम

पंजाब को एक और तोहफ़ा वंदे भारत एक्सप्रेस के रूप में मिलने वाला है। नई वंदे भारत एक्सप्रेस फिरोजपुर कैंट, भटिंडा, पटियाला होते हुए दिल्ली तक चलेगी। यह सेवा सप्ताह में 6 दिन (बुधवार को छोड़कर) उपलब्ध होगी।486 किलोमीटर की दूरी यह ट्रेन 6 घंटे 40 मिनट में तय करेगी। सीमावर्ती जिले को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने वाली यह सेवा पंजाब के लोगों के लिए बड़ी सुविधा साबित होगी।


पंजाब में रेलवे निवेश भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। 2009 से 2014 के बीच औसत 225 करोड़ रुपये सालाना निवेश हुआ, जबकि 2025-26 में यह बढ़कर 5,421 करोड़ रुपये सालाना तक पहुंच गया है। यह पिछली सरकार की तुलना में 24 गुना अधिक है।

2014 से अब तक पंजाब में 382 किलोमीटर नई पटरियों का निर्माण हुआ है। 1,634 किलोमीटर का विद्युतीकरण पूरा किया गया है और पंजाब अब 100 प्रतिशत विद्युतीकृत है। इसके अलावा 409 रेल फ्लाईओवर और अंडर-ब्रिज का निर्माण हो चुका है।

ये पूरी हुई परियोजनाएं

वर्तमान में पंजाब में 25,000 करोड़ रुपये की रेलवे परियोजनाएँ चल रही हैं। इसमें 21,926 करोड़ रुपये की लागत से 714 किलोमीटर लंबी 9 नई ट्रैक परियोजनाएँ शामिल हैं। साथ ही 1,122 करोड़ रुपये से 30 अमृत स्टेशनों का विकास और 1,238 करोड़ रुपये से 88 आरओबी/आरयूबी का निर्माण हो रहा है।

2014 के बाद से कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ पूरी हुई हैं। इनमें नंगल बांध-दौलतपुर चौक नई लाइन (61 किमी, 672 करोड़), चक्की बैंक-भरोली दोहरीकरण (3 किमी, 15 करोड़), जाखल-मनसा दोहरीकरण (45 किमी, 163 करोड़), जालंधर-सुचि पिंड दोहरीकरण (4 किमी, 24 करोड़), अंबाला-चंडीगढ़ दोहरीकरण (45 किमी, 338 करोड़), मनसा-भटिंडा दोहरीकरण (49 किमी, 216 करोड़), अमृतसर-छेहरटा दोहरीकरण (7 किमी, 31 करोड़), जालंधर-जम्मू तवी दोहरीकरण (211 किमी, 850 करोड़) और राजपुरा-भटिंडा दोहरीकरण (173 किमी, 2,459 करोड़) प्रमुख हैं।

निर्माणाधीन प्रमुख परियोजनाएं

वर्तमान में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएँ निर्माणाधीन हैं। इनमें नंगल डैम-तलवाड़ा नई लाइन (123 किमी, 2,018 करोड़), भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी नई लाइन (63 किमी, 6,753 करोड़), फिरोज़पुर-पट्टी नई लाइन (26 किमी, 300 करोड़), मानसा-भटिंडा दोहरीकरण (80 किमी, 449 करोड़), लुधियाना-किला रायपुर दोहरीकरण (17 किमी, 238 करोड़), लुधियाना-मुल्लांपुर दोहरीकरण (21 किमी, 295 करोड़) और अलाल-हिम्मतना दोहरीकरण (13 किमी, 174 करोड़) शामिल हैं।

फिरोजपुर-पट्टी रेल लाइन सीमावर्ती जिलों और गुजरात के बंदरगाहों को जोड़ेगी। यह पंजाब के सीमावर्ती जिलों (अमृतसर, तरन तारन, फिरोजपुर) को जोड़ने वाला एक आर्थिक गलियारा बनेगी, जिससे रसद लागत में भारी कमी आएगी।आगामी छठ और दिवाली त्योहारों के लिए भारतीय रेलवे ने रिकॉर्ड प्रबंध किए हैं। पिछले वर्ष 7,724 विशेष रेलगाड़ियाँ चलाई गई थीं, जबकि इस वर्ष लक्ष्य 12,000 विशेष रेलगाड़ियाँ चलाने का है। इनमें से 10,000 से अधिक फेरे पहले ही अधिसूचित हो चुके हैं।इसके अलावा 150 अनारक्षित रेलगाड़ियाँ शीघ्र ही चलेंगी और 50 और रेलगाड़ियाँ जल्द अधिसूचित की जाएँगी। यात्रियों की सबसे अधिक आवाजाही 15 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होती है और रेलवे पूरी तैयारी के साथ भीड़ को संभालने में जुटा है।

सेवा गुणवत्ता में सुधार

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि रेलवे परिचालन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। देश भर के 70 में से 29 रेलवे मंडलों में 90 प्रतिशत से अधिक समयपालन दर हासिल की गई है। कुछ मंडलों ने तो 98 प्रतिशत तक की समयपालन दर दर्ज की है।उन्होंने कहा कि यह सुधार बेहतर बुनियादी ढाँचे, योजनाबद्ध प्रबंधन और रेलवे नेटवर्क में सुचारू संचालन के कारण संभव हुआ है।

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Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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