Agra News: जिले में खाद की पर्याप्त उपलब्धता, किसानों को समय पर उपलब्ध कराएं – डीएम

प्रति हेक्टेयर डीएपी-05 और यूरिया-07 बैग की मात्रा तय

आगरा। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने जनपद में सभी किसानों को उर्वरकों का पारदर्शी और समय पर वितरण सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विभिन्न फसलों के लिए उर्वरकों का उपयोग केवल संस्तुति के अनुसार ही किया जाना चाहिए।


जिलाधिकारी ने बताया कि जानकारी के अभाव में कई किसान उर्वरकों का अधिक प्रयोग कर रहे हैं। कृषि विभाग और समय-समय पर आयोजित कृषि गोष्ठियों में दी गई जानकारी के अनुसार ही किसानों को फसल संस्तुति के आधार पर उर्वरकों का प्रयोग करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसानों को पूर्व से ही उर्वरक भण्डारण नहीं करना चाहिए। सहकारी समितियों के माध्यम से प्राथमिकता पर ही क्षेत्र के सदस्यों को उनकी कृषित भूमि के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराए जाएंगे।जिलाधिकारी ने असामाजिक तत्वों द्वारा उर्वरकों की अधिक मात्रा खरीद कर गैर-कृषि गतिविधियों में उपयोग, जैसे यूरिया डायवर्जन, कालाबाजारी, जमाखोरी और ओवर रेटिंग को रोकने के लिए प्रति किसान प्रति हेक्टेयर अधिकतम डीएपी 05 बैग और यूरिया 07 बैग की मात्रा तय करने के निर्देश दिए। इस मात्रा से अधिक भण्डारण करने पर उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

उन्होंने निर्देश दिए कि समिति स्तर पर केवल समिति के सदस्यों को ही उर्वरक उपलब्ध कराया जाए और प्रत्येक कृषक की कृषित भूमि का विवरण उर्वरक विक्रय रजिस्टर में अंकित किया जाए। जो किसान समिति के सदस्य नहीं हैं, उन्हें फार्मर आईडी के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध कराया जा सकता है।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि जनपद के टॉप-20 खरीदार और टॉप-20 रिटेलर की सूची बनाकर नियमित जांच की जाए, ताकि उर्वरक का गैर-कृषित क्षेत्र में उपयोग न हो और कालाबाजारी, जमाखोरी या ओवर रेटिंग जैसी स्थिति पैदा न हो।

बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि सहकारी समितियों के सचिवों की उपस्थिति और जिम्मेदारी स्पष्ट हो। यदि किसी सचिव पर दो या अधिक समितियों का प्रभार है, तो बिक्री केंद्रों पर उपलब्धता की जानकारी नोटिस बोर्ड पर और किसानों के बीच प्रसारित की जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि फील्ड में सतत अनुश्रवण करते हुए किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक समय पर निर्धारित दर पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। आगामी रबी मौसम में आलू, सरसों, गेहूँ, मक्का, दलहनी और तिलहनी जैसी फसलों की बुवाई में उर्वरकों का संतुलित प्रयोग किया जाना चाहिए।

साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि असामाजिक तत्व उर्वरक अधिक मात्रा में न खरीद सकें और किसी भी प्रकार की गैर-कृषि गतिविधि में इसका उपयोग न हो।जिलाधिकारी ने बैठक में सहकारी समितियों पर सचिव या प्रभारी सचिव की तैनाती की पुष्टि की और कहा कि इससे किसानों को उर्वरक समय पर उपलब्ध कराने में कोई समस्या नहीं होगी।

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TODAY NewsTrack

Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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