आगरा। छठ महापर्व की छटा इस बार रेलवे स्टेशनों पर भी बिखरी नजर आ रही है। आगरा मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों आगरा कैंट, आगरा किला, ईदगाह, राजा की मंडी, मथुरा जंक्शन, कोसीकलां और धौलपुर पर छठ गीतों की मधुर ध्वनि यात्रियों के मन को भक्ति भाव से भर रही है। भारतीय रेल ने इस वर्ष पहली बार स्टेशन उद्घोषणा प्रणाली पर पारंपरिक छठ गीत प्रसारित करने की अनूठी पहल की है।
काँच ही बांस के बहंगिया, केलवा के पात पर उगेलन सुरुजदेव पटना के घाट पर हमहूँ अरगिया देब हे छठी मैया” जैसे प्रसिद्ध लोकगीत जब रेलवे प्लेटफॉर्मों पर गूंजे, तो यात्रियों का मन भावविभोर हो उठा। महिलाओं को इन गीतों को गुनगुनाते देखा गया। यह पहल यात्रियों को न केवल बिहार की सोंधी मिट्टी की संस्कृति से जोड़ रही है, बल्कि उन्हें अपने घर और परंपरा की याद भी दिला रही है।
हर साल छठ पूजा के दौरान लाखों लोग बिहार और उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में अपने घर लौटते हैं। इस वर्ष भारतीय रेल ने छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए 12,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाईं, ताकि यात्रियों को अपने गंतव्य तक आसानी से पहुंचाया जा सके। इस बार यात्रियों के स्वागत के लिए रेलवे ने सांस्कृतिक रूप से समृद्ध पहल की है छठ गीतों से सजे स्टेशनों ने इस यात्रा को और भी यादगार बना दिया है।
रेल प्रशासन ने यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए आगरा मंडल के स्टेशनों पर विशेष क्राउड मैनेजमेंट की व्यवस्था की है। प्लेटफॉर्मों पर लोकगीतों की गूंज और यात्रियों के चेहरों पर दिखती प्रसन्नता ने माहौल को पूरी तरह भक्तिमय बना दिया।
छठ पूजा लोक आस्था और परिवारिक एकता का पर्व माना जाता है। इस अवसर पर महिलाएं सामूहिक रूप से छठ मइया के गीत गाती हैं और सूर्य भगवान से अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। आगरा मंडल के रेलवे स्टेशन भी इस बार इसी भक्ति और संस्कृति की भावना से ओतप्रोत नजर आ रहे हैं।

