फतेहाबाद। नवरात्र के नौ दिन पूरे होने के बाद बुधवार को देवी प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो गया है। विभिन्न देवी पंडालों से मूर्तियों को विसर्जन स्थल यमुना नदी के घाटों पर ले जाकर विसर्जन किया। इस दौरान घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे पुलिस पिकेट तैनात रही।
फतेहाबाद, डौकी,बमरौली कटारा, निबोहरा क्षेत्र में श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों और भक्ति गीतों के साथ अबीर-गुलाल उड़ाते हुए नाचते-गाते हुए विसर्जन यात्रा में शामिल हुए इस दौरान उत्सवपूर्ण माहौल देहात और शहरी क्षेत्रों में देखा गया। पुलिस और प्रशासन ने विसर्जन स्थलों को पहले ही चिह्नित कर लिया था। इन स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, ताकि विसर्जन प्रक्रिया शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।यमुना घाटों पर तैनात रही पुलिस
मान्यताओं के अनुसार गुरुवार मंदिर और घरों में स्थापित किए गए कलश को गुरुवार को नहीं हटाया जायेगा। इसलिए अधिकतर लोगों ने बुधवार को ही मूर्ति विसर्जन करने की तैयारी कर ली। ढोल और डीजे की धुन पर नाचते गाते हुए श्रृद्धालु नजर आए। लोगों ने थिरकते हुए यमुना नदी के घाट और तालाब तक पहुंचकर मूर्ति विसर्जन किया।
थानाध्यक्ष बमरौली कटारा हरीश शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में पुलिस और प्रशासन की ओर से घाटों और तालाबों पर कड़े सुरक्षा के इंतजाम और बैरिकेडिंग लगाई गई है। जिससे मूर्ति विसर्जन के दौरान को घटना न हो सके। पुलिस और प्रशासन की ओर से कड़ा निर्देश दिया गया है कि घाट और तालाब में ज्यादा गहराई के अंदर जाकर कोई मूर्ति विसर्जन नहीं करेगा।
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