आगरा। SN मेडिकल कॉलेज, आगरा के फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग द्वारा “यौन अपराधों की जांच, POCSO अधिनियम एवं जैविक साक्ष्य के वैज्ञानिक परीक्षण” विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने दीप प्रज्वलन के साथ किया। उद्घाटन भाषण में प्रशांत गुप्ता ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण चिकित्सकों को विधिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाने के साथ-साथ पीड़ितों के प्रति संवेदनशील और वैज्ञानिक सोच विकसित करने में मदद करते हैं।
विभागाध्यक्ष ऋचा गुप्ता ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा पेश करते हुए बताया कि इसका उद्देश्य चिकित्सा अधिकारियों को यौन अपराध, बाल शोषण और साक्ष्य संरक्षण की आधुनिक तकनीकों से परिचित कराना है।उर्वशी वर्मा ने बलात्कार मामलों में पीड़िता और अभियुक्त की चिकित्सीय जांच की वैज्ञानिक प्रक्रिया, नमूनों के सुरक्षित संरक्षण और रिपोर्टिंग के दौरान आवश्यक सावधानियों पर विस्तृत जानकारी दी।
गौरव शर्मा ने POCSO Act के कानूनी प्रावधानों, चिकित्सकों की विधिक जिम्मेदारियों और बाल पीड़ितों से संवेदनशील व्यवहार के नैतिक मानदंडों पर चर्चा की।गरिमा सिंह ने बाल शोषण और उपेक्षा के मामलों में पहचान के संकेत, चिकित्सा परीक्षण के मानक और बहु-विषयक दृष्टिकोण की महत्ता को रेखांकित किया।
ऋचा गुप्ता ने यौन अपराधों में जैविक साक्ष्यों (DNA, Semen, Hair आदि) की निर्णायक भूमिका, साक्ष्य एकत्रीकरण की विधि और SAFE Kit के उपयोग का व्यावहारिक प्रदर्शन किया।प्रशिक्षण कार्यक्रम में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग की सक्रिय टीम संकाय सदस्य और मेडिकल ऑफिसर्स ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को उपयोगी और व्यावहारिक बताते हुए इसकी सराहना की।
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