आगरा: कमलानगर स्थित एफ ब्लॉक में रहने वाले 75 वर्षीय महीपाल सिंह का परिवार आज गमगीन है। उनके बड़े बेटे और डेंटिस्ट डॉ. पीयूष सिंह ने 22 नवंबर की रात अपने घर पर दम तोड़ दिया। पिता महीपाल का कहना है, “मेरे बेटे ने सुसाइड नहीं किया, ये हत्या है। उसे लगातार धमकियां मिल रही थीं। यदि पुलिस समय पर मदद करती, तो शायद आज वह जिंदा होता।
परिवार के अनुसार, पीयूष का तीन साल से गोरखपुर की एक युवती से अफेयर था। युवती के परिवार के लोग फोन पर उसे धमकाते थे। 15 दिन पहले पीयूष ने पिता को बताया कि उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं। धमकियों में उसे कहा गया कि “बेटी की शादी होने दो, फिर तुम्हारे घर बुलडोजर चलवाएंगे। तुम्हें जेल में डाल देंगे।”
पीयूष ने 22 नवंबर की रात सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने युवती और उसके परिवार को जिम्मेदार ठहराया। नोट में उनके नाम, फोन नंबर और गोरखपुर का पता भी लिखा था। पिता महीपाल और भाई आयुष के अनुसार, रात लगभग 11:30 बजे पीयूष तीसरी मंजिल पर कमरे में मृत पाए गए। पास ही इंजेक्शन और सीरिंज भी पड़ा था। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ देर बाद उनकी मौत हो गई।
पीयूष की बड़ी बहन क्षमा ने बताया कि उनके भाई ने आगरा में क्लिनिक खोलने और MDS की तैयारी करने की योजना बनाई थी। लेकिन युवती के परिवार की धमकियों और झूठी शिकायतों के चलते वह मानसिक रूप से परेशान था।
छोटे भाई आयुष ने बताया कि पीयूष का युवती के परिवार से झगड़ा उस समय शुरू हुआ, जब उसने रिश्ता खत्म कर दिया। इसके बाद धमकियां और बढ़ गईं। “वो कहता था कि यह लड़की ने मुझे अपनी कठपुतली बना दिया है। मैं उससे खुद को मुक्त नहीं कर पा रहा,” आयुष ने कहा।
आगरा पुलिस के एडिशनल डीसीपी आदित्य कुमार ने कहा कि पीएम में मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है। परिजनों के आरोपों की जांच की जा रही है। युवती और उसके परिवार से संपर्क शादी के बाद किया जाएगा।
डॉ. पीयूष की मौत के बाद पूरे परिवार में मातम पसरा है। पिता महीपाल और बहन क्षमा लगातार अपने बेटे की याद में रो रहे हैं और उनका कहना है कि “अगर पुलिस समय पर कार्रवाई करती, तो यह दिन देखने की नौबत नहीं आती।
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