आगरा। मंडल के आगरा–मथुरा और मथुरा–अछनेरा रेलखंडों का मुख्यालय प्रयागराज की टीम ने आंतरिक सेफ्टी ऑडिट किया। ट्रैक, क्रॉसिंग, सिग्नल, पुल, स्टेशन, यार्ड, टीआरडी डिपो और रनिंग रूम तक सभी प्रतिष्ठानों की विस्तृत जांच की गई। निरीक्षण में रेलकर्मियों का कार्यज्ञान संतोषजनक पाया गया और सुरक्षा मानकों के सख्त पालन के निर्देश दिए गए।
आगरा। उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मंडल के आगरा–मथुरा और मथुरा–अछनेरा रेलखंड का आंतरिक सेफ्टी ऑडिट मुख्यालय प्रयागराज की टीम द्वारा 26 नवंबर को किया गया। सेफ्टी ऑडिट का नेतृत्व उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी जे.सी.एस. बोरा ने किया, जबकि पूरी प्रक्रिया का संचालन मंडल रेल प्रबंधक आगरा गगन गोयल के मार्गदर्शन में किया गया।
सेफ्टी ऑडिट टीम में मुख्यालय/प्रयागराज के अधिकारी मुख्य विद्युत लोको इंजीनियर आनंद सिंह, सीएसई अजय कुमार राय, सीई/जी राजीव कुमार सिंह, सीएमई/मॉनिटरिंग जावेद, डिप्टी सीओएम एन.पी. सिंह, अपर मंडल रेल प्रबंधक/इन्फ्रा प्रनव कुमार, वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी आफताब अहमद, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक/समन्वय कुलदीप मीना, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर/परिचालन पवन कुमार जयंत, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर/सामान्य आर.के. बघेला, वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर/क.वि. धर्मेश कुमार सिंह, वरिष्ठ मंडल सिग्नल व दूरसंचार इंजीनियर सुबोध राजपूत, वरिष्ठ मंडल इंजीनियर/प्रथम विवेक कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
निरीक्षण के दौरान आगरा–मथुरा एवं मथुरा–अछनेरा रेलखंड के ट्रैक की क्षमता, मजबूती, स्तर और रखरखाव की स्थिति की बारीकी से जांच की गई। इसके तहत बिल्लोचपुरा–रूनकता के बीच एलएचएस-506, रूनकता स्टेशन पर प्वाइंट एवं क्रॉसिंग संख्या 105बी, एलडब्ल्यूआर-2, गैंग यूनिट संख्या 2 और रिले रूम का निरीक्षण किया गया।
कीथम–फरह खंड में गेट संख्या 515 और ब्रिज संख्या 1372/1 की संरक्षा एवं तकनीकी स्थिति की जांच की गई। इसके अतिरिक्त मथुरा स्टेशन का निरीक्षण किया गया, जहां स्टेशन लॉबी, रनिंग रूम, एसएसआई, ओएचई से जुड़े कार्य, ट्रैक कंडीशन और यात्री सुविधाओं की समीक्षा की गई।
इसी क्रम में अछनेरा स्टेशन, यार्ड, टीआरडी डिपो, टीएसएस, सब स्टेशन और एलसी-18टी का विस्तृत निरीक्षण किया गया। टीम ने सारा डाटा, रजिस्टर, उपकरण, प्वाइंट-मशीन, रिले इंटरलॉकिंग और मेंटेनेंस रिकॉर्ड को जांचा।
निरीक्षण के दौरान ट्रैक पर कार्यरत गैंगमैन, सिग्नल स्टाफ, ओएचई टीम और स्टेशन स्टाफ के कार्य से संबंधित ज्ञान को भी परखा गया, जो संतोषजनक पाया गया। टीम ने सभी रेलकर्मियों को मानक सुरक्षा नियमों, तकनीकी पैरामीटरों और निर्धारित प्रक्रिया का कड़ाई से पालन करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए।
सेफ्टी ऑडिट टीम का उद्देश्य इन रेलखंडों पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह संरक्षित, समयबद्ध और सुरक्षित तरीके से सुनिश्चित करना, साथ ही यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में और सुधार लाना रहा। टीम ने कहा कि संरक्षा ही रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी को ध्यान में रखते हुए सभी विभागों को अपने कार्यों में समन्वय और जिम्मेदारी के साथ कार्य करना होगा।
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