आगरा: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), आगरा ने डॉ. अनुराग बंसल के विरुद्ध दिनांक 29.11.2025 को थाना सिकंदरा, आगरा में दर्ज की गई FIR की कड़ी निंदा की है। संगठन इस संपूर्ण घटनाक्रम को अत्यंत गंभीर, दुर्भाग्यपूर्ण और चिकित्सा समुदाय की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला मानता है।
प्रकरण का संक्षिप्त विवरण
डॉ. अनुराग बंसल एक प्रतिष्ठित, अनुभवी और जिम्मेदार चिकित्सक हैं। उनके विरुद्ध दर्ज FIR बिना किसी प्राथमिक जांच, बिना चिकित्सकीय विशेषज्ञ समिति की राय और बिना उनका पक्ष सुने ही दर्ज की गई है, जो कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है।
FIR का आधार बनी FNAC प्रक्रिया एक सामान्य, सुरक्षित और नियमित चिकित्सकीय प्रक्रिया है, जिसे निर्धारित मानक प्रोटोकॉल के अंतर्गत किया जाता है और जिसमें पूर्व में रोगी की सहमति ली जाती है। इस प्रक्रिया में अत्यंत सूक्ष्म सुई का प्रयोग होता है और किसी भी प्रकार के चीरा लगाने वाले उपकरण का उपयोग नहीं किया जाता। इसके बावजूद इसे आपराधिक स्वरूप देना पूरी तरह अनुचित और अवैज्ञानिक है।
IMA आगरा ने चेतावनी दी है कि यदि सामान्य चिकित्सकीय प्रक्रियाओं के लिए भी डॉक्टरों को आपराधिक मामलों में फँसाया जाएगा, तो यह पूरे देश में चिकित्सकों की कार्य-सुरक्षा और मनोबल के लिए गंभीर विषय बन जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन
IMA आगरा का स्पष्ट मत है कि यह FIR माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा चिकित्सकों के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई से पूर्व निर्धारित दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के अनुसार:
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किसी भी चिकित्सक के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज करने से पूर्व विशेषज्ञ समिति द्वारा प्राथमिक चिकित्सकीय जांच अनिवार्य है।
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संबंधित चिकित्सक का पक्ष सुना जाना आवश्यक है।
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बिना प्रारंभिक जांच के सीधे FIR दर्ज नहीं की जा सकती।
इस मामले में न तो कोई विशेषज्ञ समिति गठित की गई, न डॉ. अनुराग बंसल से कोई चिकित्सकीय या विधिक स्पष्टीकरण लिया गया और न ही कोई प्रारंभिक जांच कराई गई, जो नियमों का प्रत्यक्ष उल्लंघन है।
IMA आगरा की प्रमुख माँगें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, आगरा प्रशासन से निम्नलिखित माँगें करता है:
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डॉ. अनुराग बंसल के विरुद्ध दर्ज FIR को तत्काल निरस्त किया जाए।
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पूरे मामले की निष्पक्ष एवं उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
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जिन अधिकारियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अनदेखी की गई है, उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई की जाए।
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भविष्य में किसी भी चिकित्सक के विरुद्ध कार्रवाई से पूर्व सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित किया जाए।
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चिकित्सकीय सुरक्षा कानून को प्रभावी रूप से लागू किया जाए, ताकि चिकित्सक बिना भय के अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें।
IMA आगरा ने चेतावनी दी है कि यदि अगले 24 घंटों में पुलिस प्रशासन की ओर से कोई ठोस और सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती, तो संगठन जनरल बॉडी मीटिंग आहूत कर आगे की रणनीति तय करेगा। इस मामले की संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
IMA आगरा सदैव न्याय, कानून और चिकित्सकीय गरिमा के पक्ष में दृढ़ता से खड़ा रहा है और अपने सभी सदस्यों की सुरक्षा के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
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