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आगरा ग्रामीणों का आक्रोश: ग्रुप मीटर लगाने गई टोरेंट टीम और पुलिस पर पथराव, लाठीचार्ज में महिलाएं और बच्चे घायल
हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचा पुलिस फोर्स
पुलिस और ग्रामीण महिलाओं में होती नोंकझोंक
आगरा।बिजली चोरी रोकने के प्रयास में टोरेंट पावर और पुलिस को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। शनिवार को एत्मादपुर के मदरा गांव में ग्रुप मीटर लगाने गई टोरेंट कंपनी की टीम पर ग्रामीणों ने जमकर पथराव किया। इस दौरान टीम के तीन कर्मचारी और दो सब इंस्पेक्टर घायल हो गए। भीड़ ने टोरेंट की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप है कि लाठियों से महिलाओं और बच्चों तक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया।
महिलाओं ने घेर ली टीम, विरोध पर पथराव शुरू
मदरा गांव में विद्युत चोरी रोकने के उद्देश्य से टोरेंट कंपनी ने ग्रुप मीटर लगाने की योजना बनाई थी। चार दिन पूर्व विरोध के कारण टीम को लौटना पड़ा था। शनिवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे भारी पुलिस और पीएसी बल के साथ कंपनी की टीम दोबारा गांव पहुंची। खंभा लगाने के लिए एक ग्रामीण की जमीन पर गड्ढा खोदना शुरू किया गया तो सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं और पुरुष वहां जमा हो गए। विरोध बढ़ता देख महिला पुलिस को आगे लाया गया, लेकिन स्थिति संभलने के बजाय और बिगड़ गई। देखते ही देखते ग्रामीणों ने टोरेंट टीम और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया।
भगदड़ और लाठीचार्ज में कई घायल
पथराव होते ही भगदड़ मच गई। ग्रामीणों ने टोरेंट की गाड़ियों को निशाना बनाते हुए तोड़फोड़ कर दी। पथराव में टोरेंट कर्मचारी प्रेम सिंह, धनवीर सिंह और मोहम्मद अमीन सहित एसआई कुलदीप कुमार और एसआई करण सिंह घायल हो गए। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें ग्रामीण निरंजन सिंह, कन्हैया, रनवीर सिंह, विष्णु, ऋतिक, गजेंद्र और नीरज सहित आठ लोग घायल हो गए।
तनाव के बीच मीटर लगाए गए
बवाल की सूचना मिलते ही एसीपी फतेहाबाद अमरदीप भारी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और स्थिति को नियंत्रित किया। करीब तीन घंटे चले बवाल के बाद पुलिस की सुरक्षा में टीम ने गांव के पांच स्थानों पर ग्रुप मीटर लगाए।
ग्रामीणों का आरोप: पुलिस और टोरेंट ने किया वादा खिलाफी
ग्रामीणों का आरोप है कि चार दिन पहले टोरेंट अधिकारियों और पुलिस के साथ वार्ता हुई थी, जिसमें मीटर लगाने से पहले आपसी सहमति की बात तय हुई थी। लेकिन शुक्रवार को वार्ता के लिए पहुंचे ग्रामीणों को टोरेंट अधिकारी और थाना प्रभारी नहीं मिले। एजीएम ने वार्ता के लिए रविवार का दिन तय किया, लेकिन शनिवार को ही जबरन मीटर लगाने की कोशिश की गई। ग्रामीणों ने इसे वादा खिलाफी और शोषण की साजिश करार दिया।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि टोरेंट के ये नए ग्रुप मीटर उनकी मर्जी के खिलाफ लगाए जा रहे हैं। इन मीटरों से कभी भी बिजली काटी जा सकती है और दोबारा जोड़ने के लिए कंपनी को 600 रुपये तक चुकाने होंगे।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, 25 नामजद, 1000 अज्ञात
बमरौली कटारा थाना प्रभारी हरीश शर्मा ने बताया कि करीब 300 ग्रामीणों ने एकजुट होकर सरकारी कार्य में बाधा डाली और जानलेवा हमला किया। टोरेंट और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम की ओर से 25 नामजद और 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
“हमारी टीम गांव में नेटवर्क सुधार और ग्रुप मीटर लगाने के लिए पहुंची थी। कुछ लोगों ने हमारी टीम और पुलिस पर हमला किया। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।”
शैलेश देसाई,उपाध्यक्ष टोरेंट पावर आगरा
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