पूर्व प्राचार्य की शिकायत पर जांच शुरू, विश्वविद्यालय से मांगी गई मूल सत्यापित अंकतालिका
दो अंकतालिकाएं, दो दावे
प्रो. अनुराग शुक्ला द्वारा एसटीएफ को सौंपी गई पीसी बागला कॉलेज, हाथरस की वर्ष 1990 की एमए अंग्रेजी की अंकतालिका में अनुक्रमांक 5629 के तहत डॉ. गौतम को कुल 1000 अंकों में से 471 अंक प्राप्त हुए हैं और प्रथम वर्ष में 168 अंक दर्ज हैं। अंकतालिका में प्रश्नपत्र और अंक हाथ से लिखे गए हैं, जो संदेह की पुष्टि करते हैं।
वहीं डॉ. सीके गौतम द्वारा एसटीएफ को उपलब्ध कराई गई अंकतालिका में उन्हें 1000 में से 572 अंक और प्रथम वर्ष में 207 अंक प्राप्त हुए हैं। इस अंकतालिका को विश्वविद्यालय ने सत्यापित कर उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भी भेजा है। इससे डॉ. गौतम की ओर से इसे "असली" प्रमाणित दस्तावेज के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।
एसटीएफ की जांच में जुटी दस्तावेजों की पड़ताल
एसटीएफ ने अब इस मामले में पीसी बागला कॉलेज, हाथरस के साथ ही डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से डॉ. गौतम की वास्तविक, सत्यापित अंकतालिका की मांग की है। जांच का मुख्य बिंदु यह है कि दो अंकतालिकाओं में से एक फर्जी है, जिसका खुलासा दस्तावेजीय साक्ष्यों से होगा।
जाति प्रमाण पत्र को लेकर भी शिकायत
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि डॉ. गौतम द्वारा अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र लगाया गया है। हालांकि, इस पर डॉ. गौतम का कहना है कि सादाबाद तहसील से वर्ष 1995-96 में उनके नाम से कोई भी जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हुआ था और जांच में यह तथ्य स्पष्ट हो चुका है।
डॉ. गौतम ने लगाए शुक्ला पर पलटवार के आरोप
प्राचार्य डॉ. सीके गौतम ने इस पूरे विवाद को बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है। उनका कहना है कि “प्रो. अनुराग शुक्ला फर्जी दस्तावेज बनाने में माहिर हैं। मैंने ही उनके फर्जी दस्तावेजों की शिकायत की थी, जिससे उनका प्राचार्य पद पर चयन शून्य कर दिया गया। इसी बौखलाहट में उन्होंने मेरी फर्जी अंकतालिका बनवाकर एसटीएफ में शिकायत की है। मेरी असली अंकतालिका विश्वविद्यालय द्वारा प्रमाणित है और अब मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराऊंगा।”
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