वृंदावन। न्यूज। टूडे न्यूजट्रैक ।उत्तर प्रदेश। समाचार।
बांकेबिहारी मंदिर न्यास और गलियारा निर्माण के विरोध में महिलाओं का पैदल मार्च, सती माता से प्रार्थना कर माँगा न्याय
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बांकेबिहारी मंदिर में प्रस्तावित न्यास गठन और गलियारा निर्माण के विरोध में पदयात्रा निकालती मंदिर सेवायत परिवारों की महिलाएं |
वृंदावन।बांकेबिहारी मंदिर में प्रस्तावित न्यास गठन और गलियारा निर्माण के खिलाफ लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन ने सोमवार को एक नया मोड़ ले लिया। मंदिर सेवायत परिवारों की महिलाओं और गलियारा प्रभावित क्षेत्र की गृहिणियों ने एकजुट होकर सड़कों पर उतरते हुए पदयात्रा निकाली और सती माता मंदिर में जाकर न्याय की प्रार्थना की।
पदयात्रा का शुभारंभ और धार्मिक संकल्प
दोपहर करीब ढाई बजे, मंदिर चबूतरे से महिलाओं का समूह धार्मिक जयघोष और विरोध के नारों के साथ सड़कों पर निकला। यह पैदल मार्च विद्यापीठ चौराहा स्थित ऐतिहासिक सती माता मंदिर तक पहुँचा। वहाँ महिलाओं ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन-अर्चन किया और माता सती को साड़ी, श्रृंगार सामग्री और पुष्प अर्पित किए। इस अवसर पर उन्होंने यह संकल्प लिया कि जब तक बांकेबिहारी मंदिर को न्यास व्यवस्था और गलियारा योजना से पूरी तरह मुक्त नहीं किया जाता, उनका आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।
आत्मबल और धार्मिक शक्ति से प्रेरित आंदोलन
प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए यह स्पष्ट संदेश दिया कि वे किसी भी ऐसी योजना को स्वीकार नहीं करेंगी, जो बांकेबिहारी मंदिर की आत्मा, परंपरा और गरिमा को ठेस पहुँचाए। उनका कहना था कि मंदिर कोई प्रशासनिक संपत्ति नहीं, बल्कि उनकी आस्था, परंपरा और पीढ़ियों से जुड़ी सेवा भावना का प्रतीक है।
सेवायत परिवारों की आजीविका पर संकट
महिलाओं ने यह भी कहा कि प्रस्तावित गलियारा योजना से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण प्रभावित होगा, बल्कि मंदिर के आसपास रहने वाले सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी भी छिन जाएगी। गलियारे के निर्माण से स्थानीय व्यापार, श्रद्धालु सेवा केंद्र और मंदिर से जुड़े पारंपरिक कार्यों पर भी गहरा असर पड़ेगा।
आंदोलन में शामिल रहीं प्रमुख महिलाएं
सती माता मंदिर में हुए पूजन और प्रदर्शन में प्रमुख रूप से राधा मिश्रा, रीना गोस्वामी, सरोज गोस्वामी, सीमा गोस्वामी, प्रीति गोस्वामी, कमलेश गोस्वामी, संध्या गोस्वामी, दीपशिखा गोस्वामी, नीलम गोस्वामी, ममता गोस्वामी, सुमन गोस्वामी और मधु गोस्वामी सहित अनेक महिलाएं मौजूद रहीं। सभी ने मिलकर आंदोलन को और अधिक व्यापक और तीव्र बनाने का संकल्प लिया।
सरकारी योजना से उपजा विवाद
गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने बांकेबिहारी मंदिर के संचालन के लिए एक न्यास (ट्रस्ट) के गठन का अध्यादेश पारित किया है। इस अध्यादेश के अंतर्गत मंदिर प्रशासन में बड़े बदलाव प्रस्तावित हैं। साथ ही, मंदिर परिसर में गलियारा निर्माण की योजना भी बनाई गई है।
सेवायतों और क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यह योजना धार्मिक परंपराओं का हनन है और इससे मंदिर की आत्मा को ठेस पहुँचती है। उनका कहना है कि यदि यह योजना लागू की गई, तो न केवल सेवायतों की भूमिका कम होगी, बल्कि श्रद्धालुओं की अनुभूति और मंदिर का पारंपरिक स्वरूप भी विकृत हो जाएगा।
आंदोलन को मिल रहा व्यापक समर्थन
महिलाओं के इस पैदल मार्च और पूजन कार्यक्रम से स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि आंदोलन अब केवल सेवायतों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि जन-सामान्य, विशेषकर महिलाओं की भी सक्रिय भागीदारी इसमें देखी जा रही है। यह आंदोलन अब एक धार्मिक जनांदोलन का रूप लेता दिख रहा है, जो सरकार के लिए एक नई चुनौती बन सकता है।
सेवायतों की मांग
आंदोलन कर रहे सेवायतों और क्षेत्रवासियों की स्पष्ट मांग है कि सरकार बांकेबिहारी मंदिर की पारंपरिक व्यवस्था को छेड़े बिना काम करे, न्यास गठन की योजना को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए और गलियारा निर्माण जैसी योजनाएं, जो आस्था, परंपरा और आजीविका को नुकसान पहुँचाती हैं, उन्हें निरस्त किया जाए।
आगे की रणनीति तय करने की तैयारी
प्रदर्शन के बाद महिला समूहों ने आगामी सप्ताह में और व्यापक विरोध कार्यक्रमों की घोषणा करने की तैयारी भी जताई है। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में वृंदावन में सेवायत संगठनों, स्थानीय व्यापार मंडलों और धार्मिक संस्थाओं की एक संयुक्त बैठक होने वाली है, जिसमें आंदोलन की दिशा और रूपरेखा पर मंथन किया जाएगा।
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