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मुख्यमंत्री योगी से किसानों की प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात, उठाए कई अहम मुद्दे
15 दिनों में शुरू होगा नाला निर्माण, एनटीपीसी प्रभावित गांवों को मिलेगी मुफ्त बिजली, जांच रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
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किसान नेता श्याम सिंह चाहर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य भी मौजूद रहीं। |
लखनऊ/आगरा, ब्यूरो।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बुधवार को किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में किसानों ने लंबे समय से लंबित समस्याओं को सामने रखा। किसान नेता श्याम सिंह चाहर के नेतृत्व में दिए गए ज्ञापन में मुख्य रूप से नाला निर्माण, नि:शुल्क बिजली, भू-अधिग्रहण के मुआवजे और भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई जैसे गंभीर मुद्दे उठाए गए।
नाला और सड़क निर्माण पर मुख्यमंत्री का निर्देश
किसानों ने ज्ञापन में कहा कि PWD और NHAI के कुछ अधिकारियों ने कथित रूप से भू-माफियाओं के इशारे पर कार्य किया, जिससे इटौरा, नगला मकरौल, रोहता, बाग, नगला पदमा, सराय मलूक चंद तक की सड़कों के दोनों ओर बनाए जाने वाले नाले और सड़क का कार्य बाधित हुआ।मुख्यमंत्री ने इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए कहा कि जल्द ही नाले का निर्माण शुरू किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी घर में जलभराव की स्थिति न हो। उन्होंने वादा किया कि अगले 15 दिनों में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एनटीपीसी प्रभावित गांवों को मुफ्त बिजली का मुद्दा
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने बैठक में बताया कि वर्ष 2017 में तत्कालीन केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने यह वादा किया था कि एनटीपीसी एवं पावर ग्रिड से प्रभावित गांवों को नि:शुल्क बिजली दी जाएगी, लेकिन आज तक यह वादा पूरा नहीं हुआ।मुख्यमंत्री ने इस पर विचार करने का आश्वासन दिया और कहा कि इस संबंध में संबंधित विभागों से चर्चा कर समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे।
इनर रिंग रोड तृतीय फेज के किसानों की जमीन वापसी का मामला
प्रतिनिधिमंडल ने इनर रिंग रोड के तृतीय फेज के तहत अधिग्रहित की गई किसानों की जमीन की वापसी और मुआवजा भुगतान का मुद्दा भी जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने बताया कि ADA की जांच समिति द्वारा रिपोर्ट देने के बावजूद न तो किसानों को मुआवजा मिला और न ही जमीन लौटाई गई, जबकि इस अधिग्रहण को 15 साल हो चुके हैं।मुख्यमंत्री ने इस पर भी तत्काल संबंधित अधिकारियों को बुलाकर जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
प्रतिनिधिमंडल में ये प्रमुख लोग रहे शामिल
इस प्रतिनिधिमंडल में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य के अलावा उनके प्रतिनिधि यशपाल राणा, किसान नेता श्याम सिंह चाहर, सुरेंद्र सिंह, दाताराम तोमर, रशीद अली, लाखन सिंह, बसुदेव कुशवाह, कुमारपाल चाहर, कुलदीप रावत, सुभाष रावत और राजकुमार चौधरी शामिल रहे।
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