टूडे। न्यूजट्रैक। आगरा। हिन्दी। समाचार। उत्तर प्रदेश।
बारिश ने खोली व्यवस्थाओं की पोल: ग्वालियर हाईवे पर एक किलोमीटर लंबा जाम, शिल्पग्राम की छत गिरी
जून में सामान्य से 168% अधिक वर्षा, कई बस्तियों में पानी भरा, दो ई-रिक्शा पलटे, यात्री घायल
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बारिश के बाद हाईवे पर लगा जाम इस दौरान वाहनों की एक किमी. तक कतार लग गई |
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बारिश के बाद हुए जलभराव से गुजरता बाइक सवार |
हाईवे बना नाला, तीन घंटे तक रेंगते रहे वाहन
बुधवार दोपहर हुई बारिश के बाद ग्वालियर हाईवे पर रोहता नहर से सराय मलूकचंद तक करीब एक किलोमीटर लंबा जाम लग गया। जलभराव इतना अधिक था कि नाला और सड़क एक जैसे दिखने लगे। दुर्घटना की आशंका के चलते वाहन तीन घंटे तक रेंग-रेंग कर चलते रहे। इस दौरान एंबुलेंस और स्कूली वाहन भी फंसे रहे, जिससे आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। स्थानीय दुकानदारों और रहवासियों के अनुसार, पीएस गार्डन के सामने वर्ष भर जलभराव रहता है। दर्जनों कॉलोनियों और बस्तियों का पानी जिस नाले में आता है, उसकी क्षमता सीमित है और वह कई जगह से चोक है। बारिश के आधे घंटे के भीतर ही सड़क पर दो फीट तक पानी भर गया था।
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बारिश के बाद ग्वालियर हाईवे पर हुआ जलभराव |
गिट्टी बनी मुसीबत, दो ई-रिक्शा पलटे, यात्री घायल
हाईवे पर लोक निर्माण विभाग ने गड्ढे भरने के लिए पांच दिन पहले गिट्टी डाली थी, जो बारिश में उखड़कर एक जगह इकट्ठा हो गई। इसी कारण दो ई-रिक्शा पलट गए। एक में सामान भरा था और दूसरे में यात्री सवार थे। हादसे में तीन यात्री घायल हो गए, जिससे कुछ देर के लिए दोपहिया और हल्के वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप हो गया।
बस्तियां बनी तालाब, घरों में घुसा पानी
नगला पदमा, सराय मलूकचंद, गोपालपुरा, सेवला सराय, स्वरूप नगर सहित कई बस्तियां तालाब में तब्दील हो गईं। नगला विधि चंद निवासी पुहुप सिंह ने बताया कि घरों में पानी भरने के कारण लोग अंदर कैद होकर रह गए हैं। हालात यह हैं कि घरों से बाहर निकलना तक मुश्किल हो गया है।
शिल्पग्राम में ढही छत, हादसा टला
इसी बारिश के दौरान शिल्पग्राम परिसर की एक जर्जर छत का हिस्सा गिर गया। यह छत टिकट वेंडिंग मशीन के पास स्थित थी, जहां से ताजमहल के लिए बैटरी कार सेवा संचालित होती है। सौभाग्य से वहां उस वक्त कोई मौजूद नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
शिल्पग्राम भवन जर्जर हालत में है और हर वर्ष ताज महोत्सव से पहले इसकी रंगाई-पुताई कराई जाती है। इस परिसर में यूनिटी मॉल का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके पूर्ण होते ही पुराने भवनों को ध्वस्त कर भूमि को समतल करने की योजना है।
मौसम विभाग के आंकड़े चौंकाने वाले
जून माह में शहर में सामान्य से 168 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। इस वर्ष 148.6 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य औसत 55.4 मिमी मानी जाती है। यह पिछले पांच वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है।
वर्ष |
सामान्य बारिश (मिमी) |
हुई बारिश (मिमी) |
अंतर (%) |
2021 |
55.4 |
16.3 |
71% कम |
2022 |
55.4 |
46.1 |
17% कम |
2023 |
55.4 |
116.8 |
111% अधिक |
2024 |
55.4 |
81.5 |
46% अधिक |
2025 |
55.4 |
148.6 |
168% अधिक |
मौसम विज्ञानी मोहम्मद दानिश के अनुसार इस बार मानसून 21 जून को, अपनी निर्धारित तिथि 27 जून से छह दिन पूर्व ही सक्रिय हो गया था। मानसून के जल्दी पहुंचने और प्री-मानसून की अच्छी बारिश के चलते जून में तापमान भी अपेक्षाकृत कम रहा।बारिश ने न केवल शहर की कमज़ोर नालियों और सड़क व्यवस्था की पोल खोल दी, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अब जरूरी है कि प्रशासन जलनिकासी व्यवस्था और जर्जर भवनों की दशा पर तत्काल ठोस कार्रवाई करे।
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